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क्यों पीरियड्स में हो जाते हैं दस्त, हम दे रहे हैं आपके इस सवाल का जवाब

पीरियड्स अपने साथ ढेरों समस्याओं को लेकर आते हैं, दस्त भी उनमें से एक है। लेकिन यूटेरस का आखिर पाचनतंत्र से क्या लेना देना? हम बताते हैं।
IBS में सूजन, गैस, दस्त और/या कब्ज जैसी समस्याएं होती हैं।। चित्र- शटरस्टॉक।
विदुषी शुक्‍ला Updated: 10 Dec 2020, 14:07 pm IST
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पीरियड्स में दस्त क्यों होते हैं- यह सवाल लगभग हर लड़की अपने जीवन में कभी न कभी जरूर पूछती है। आखिर यूटेरस से होने वाली ब्लीडिंग का पेट से क्या संबंध हो सकता है!

अगर आपका भी यही सवाल है तो हम आपको बता दें कि आपका शरीर बहुत कॉम्प्लिकेटेड होता है। पीरियड्स में दस्त होना सामान्य है। इस समस्या से परेशान सिर्फ आप नहीं, बल्कि अधिकांश महिलाएं हैं। इसलिए हम न सिर्फ इसका कारण बताएंगे, बल्कि आपको यह भी बताएंगे कि इस समस्या को कम कैसे किया जा सकता है।

क्यों पीरियड्स का असर पाचनतंत्र पर पड़ता है?

हम महिलाओं के शरीर को हमारे हॉर्मोन्स ही पूरी तरह नियंत्रित करते हैं, यह तो आप जानती ही होंगी।
पीरियड्स से पहले और उस के दौरान शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन हॉर्मोन कई गुना बढ़ जाता है। यह हॉर्मोन ही यूटेरस की मरोड़ को संचालित करता है, जिससे एंडोमेट्रियल लाइनिंग टूटती है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रोस्टाग्लैंडीन के कारण आंतो में भी मरोड़ उठती है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या होती हैं।

पीरियड्स में पेट खराब होने पर क्या करना चाहिए। चित्र- शटरस्टॉक।

प्रोस्टाग्लैंडीन के कारण आंत हमारे भोजन को पूरी तरह अब्सॉर्ब नहीं कर पाती हैं, जिससे जल्दी-जल्दी खाना कोलन की ओर बढ़ता है और शरीर से निकलने के लिए तैयार हो जाता है। यह हॉर्मोन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन भी बिगाड़ देता है जिससे डायरिया होता है।

वीमेन हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित 2014 की एक स्टडी में 156 महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पाचनतंत्र में होने वाली समस्या को देखा गया। सभी महिलाओं के डेटा को एनालाइज करने पर पाया गया कि 24 प्रतिशत महिलाओं को पीरियड्स से पहले डायरिया हो जाता है। वहीं 28 प्रतिशत को पीरियड्स के दौरान यह समस्या होती है।

तो आपकी इस समस्या का सारा दोषा आपका हॉर्मोन्स का ही है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि आप हर बार यह पीड़ा सहें।

तो आप इस समस्या को कम कैसे कर सकती हैं

सबसे पहले तो आपको जानना चाहिए कि यह दस्त भी आम दस्त की तरह हैं और इनका इलाज भी वही है। खूब सारा पानी पिएं, पानी की कमी न होने दें।

पीरियड्स में सबसे ज्‍यादा मुश्किल होता है दर्द को बर्दाश्‍त करना। चित्र: शटरस्‍टॉक

कॉफी, दूध, मिठाई और मसालेदार भोजन से बिल्कुल दूर रहें।

आप दर्द से राहत के लिए इबोप्रोफेन ले सकती हैं।

आप पीरियड्स में दस्त होने से रोक नहीं सकतीं, लेकिन सम्भावना कम कर सकती हैं।

कैसे कम करें पीरियड्स में दस्त का रिस्क

पीरियड्स की डेट से कुछ दिन पहले ही अपने आहार में फाइबर बढ़ा दें। फाइबर से आपका पेट साफ रहेगा और दस्त नहीं होंगे।
खासकर पीरियड्स से एक हफ्ते पहले से फलों की मात्रा अपनी डाइट में बढ़ा लें।
अपने आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करें। आपके पेट में हेल्दी बैक्टीरिया होने से आपको दस्त होने की सम्भावना कम होगी।

माहवारी में दस्त का इलाज। चित्र: शटरस्‍टॉक

कब होगी डॉक्टर की जरूरत?

पीरियड्स हर महीने का हिस्सा है और ऐसे में शायद ही हमें कभी डॉक्टर की जरूरत पड़ने वाली नौबत आती हो।
हम सभी पीरियड्स में आराम के लिए या तो घरेलू नुस्खे खोजते हैं या ओवर द काउंटर दवाइयां। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है।
अगर आपको हर बार पीरियड्स में दस्त हो जाते हैं, तो डॉक्टर से मिलें। यह पाचनतंत्र की कोई समस्या हो सकती है इसलिए नजरअंदाज करना ठीक नहीं।
अगर आपके स्टूल में म्यूकस जैसा पदार्थ नजर आता है, तो भी गायनोकॉलोजिस्ट से सलाह लें।

विदुषी शुक्‍ला

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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