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Anal hygiene : वेजाइना ही नहीं एनस को भी है सही हाइजीन की जरूरत, पूप से लेकर सेक्स तक याद रखें ये 5 चीजें

वेस्टर्न टॉयलेट सीट ने बहुत कुछ आसान कर दिया है। पर कई बार यही एनस या गुदा में इंफेक्शन का कारण भी बन सकती हैं। शौच से लेकर यौन गतिविधियों तक आपके लिए एनस की साफ-सफाई पर ध्यान देना भी जरूरी है।
वेजाइना की तरह एनस को साफ़ रखना भी जरूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 14 Aug 2023, 21:00 pm IST
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शरीर के अन्य अंगों की तरह गुदा यानी एनस को साफ और स्वस्थ (Anus Health) रखना भी जरूरी है। एनस बड़ी आंत का ही एक जरूरी अंग है। एनस आंत के अंतिम कुछ सेंटीमीटर गुदा नलिका (Anus Canal) और गुदा द्वार (anal opening) से बना होता है। इसके माध्यम से मल शरीर से बाहर निकलता है। मल त्याग (Bowel movement) के दौरान गुदा की मांसपेशियां (sphincters) मल को बाहर निकालने में मदद करती हैं। यदि गुदा को अच्छी तरह साफ नहीं किया जाता (anal hygiene) है, तो इससे इन्फेक्शन हो सकता है। कई अलग-अलग तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

क्यों जरूरी है एनस को साफ करना (anal hygiene)

प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मि बालियान बताती हैं, ‘ वेजाइना की तरह एनस को साफ़ रखना भी जरूरी है। स्वस्थ आहार, पाचन, सेक्सुअल एक्टिविटी, जीन और एनवायरमेंट सभी गुदा स्वास्थ्य (Anal Health) में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यदि सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद एनस को साफ नहीं किया जाता है, तो ये एनस में इन्फेक्शन की वजह बन सकते हैं। बोवेल मूवमेंट यानी पूप के बाद भी इसे ठीक से साफ करना जरूरी है। वरना बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।

यूटेरिन पाथवेज संक्रमण (anal infection causes UTI Infection) 

यदि अच्छी तरह सफाई न की जाए, तो एनस और हिप्स के अंदरूनी हिस्से भी संक्रमित हो सकते हैं। इस क्षेत्र को पानी से धोना या उस क्षेत्र को टॉयलेट पेपर जैसी सूखी सामग्री से पोंछना चाहिए। सही ढंग से नहीं पोंछने पर यूटेरिन पाथवेज संक्रमण की आशंका बन सकती है। यह एनस संबंधी समस्या भी सकती है। पाइल्स या एनस डिसऑर्डर का कारण बन सकता है।’

किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए इन 5 चीजों का हमेशा रखें ध्यान

1 शौच के बाद पानी से ठीक तरह से धोएं (Wash neatly after poop)

एनस क्षेत्र को प्रतिदिन पानी से धोकर साफ रखें। धोने में साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए। साबुन से बट की रक्षा करने वाले नेचुरल आयल को कम हो सकती है। इससे क्षेत्र ड्राई और खुजलीदार हो सकता है। साबुन की बजाय हायड्रेटेड क्रीम या सोप-फ्री क्लींजर का उपयोग करना चाहिए। कभी भी टॉयलेट पेपर से ज़ोर-ज़ोर से पोंछने से बचना चाहिए। इससे स्किन में और अधिक खरोंचें आ सकती हैं। इससे सूजन या संक्रमण हो सकता है। सफाई करने वाले वाइप्स या रसायनों से बचें।

2 एनस सेक्स के बाद सफाई (Clean up after Anal sex)

डॉ. रश्मि के अनुसार, एनस के अंदर की स्किन पतली और नाजुक होती है। एनस सेक्स के बाद स्किन पर छोटे-छोटे घाव (Skin tears) और ब्लीडिंग (Bleeding) हो सकता है। इससे संक्रमण और माइक्रोब ट्रांसफर का खतरा बढ़ जाता है। इन कारणों से एनस सेक्स के बाद स्नान करना जरूरी है। बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए उस क्षेत्र को सोप फ्री क्लींजर और गर्म पानी से साफ़ किया जा सकता है।

अएनस सेक्स के बाद स्नान करना जरूरी है। चित्र :  अडोबी स्टॉक

3 टॉयलेट प्रेक्टिस के दौरान ध्यान दें (Good toilet practices)

जब कभी पौटी आये, उसे रोकने की गलती नहीं करें। पूप करते समय कभी भी दबाव न दें। इससे एनस स्किन पर जोर पड़ सकता है। स्किन सिकुड़ने या ढीली पड़ने से बाद में पाइल्स का कारण बन सकती है। स्टूल पास करने में बहुत अधिक समय नहीं लगायें। इससे गुदा क्षेत्र में जलन हो सकती है और इन्फेक्शन हो सकता है

4 समस्या से बचने के प्रयास (Anal Discomfort)

इन्फेक्शन के कारण एनस में दर्द और बेचैनी हो सकती है। इन्फेक्शन और दर्द से राहत पाने के लिए (anal hygiene) यदि संभव हो तो दिन में कई बार 10 -20 मिनट के लिए गर्म पानी के बाथ टब में बैठें। यदि एनस एरिया बेहद दर्दनाक और सूजा हुआ है, तो दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए एक ठंडा सेक या तौलिये में आइस पैक बांधकर उपयोग किया जा सकता है। आइस पैक को उस क्षेत्र पर 30 मिनट से अधिक न रखें।

इन्फेक्शन के कारण एनस में दर्द और बेचैनी हो सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

इन्फेक्शन के कारण हुई खुजली को ठीक करने और बचाव के लिए ओवर-द-काउंटर क्रीम और लोशन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है

5  फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ (Fibrous food for Anal Health) 

खूब पानी पीना और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे चोकर वाले अनाज, साबुत अनाज, फल और सब्जियों को नियमित आहार में शामिल करें। इससे न केवल मल नरम हो पाएगी, बल्कि गुदा द्वार इन्फेक्शन से भी बचा रहेगा।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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