सीमलेस सिंथेटिक पैंटी बन सकती है यूटीआई का कारण, एक्सपर्ट बता रहीं हैं क्यों
अंडरगारमेंट पर्सनल और इन्टीमेट हाइजीन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। कपड़े का फेब्रिक, उनका रंग और स्टाइल आपकी मनोस्थिति और मूड के बारे में भी बता सकते हैं। लेज़ी संडे के लिए एक आरामदायक कोज़ी कॉटन पैंटी हो, पतलून के नीचे सीमलेस कम्फर्टेबल पैंटी हो या जी तोड़ कसरत करते हुए पहने जाने वाली टाईट फिटेड और स्वेटलेस आरामदेह अंडरवियर- मौक़ा और ज़रुरत के हिसाब से आप अपना अंडरवियर चुन सकती हैं। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि आपकी पसंद कोज़ी कॉम्फी टच वाली ये अंडरवियर यूटीआई (UTI) और अन्य योनि संक्रमण (Vaginal infection) की वजह बन सकती हैं।
हम समझते हैं कि ईज़ी कम्फर्टेबल सिलाई रहित अंडरवियर, सहज लुक और टमी टाइट फिटिंग ड्रेसेस के लिए नए ट्रेंडसेटर हैं। ये आपके बॉडीकॉन ड्रेस को क्लीन और परफेक्ट कट के साथ आकर्षक लुक दे सकते हैं।
लेकिन बिना सिलाई वाले ये अंडरगारमेंट तैयार करने के लिए आमतौर पर सिंथेटिक मैटेरियल ही इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि कॉटन अंडरगारमेंट सिंथेटिक मैटेरियल की तरह परफेक्ट आकार नहीं ले सकता है। लेकिन क्या रोजाना सिंथेटिक पहना जाना हेल्दी है? सिंथेटिक कपड़े एन्वायरमेंट फ्रेंडली नहीं होते, तो बॉडी फ्रेंडली तो बिलकुल भी नहीं है।
इस बारे में ज़्यादा जानने के लिए हेल्थशॉट्स ने बात की एमएस गाइनोकॉलोजिस्ट एंड ऑब्स्ट्रेटिशियन, डीएनबी, आईवीएफ विशेषज्ञ, लव एन केयर हॉस्पिटल, सूरत की डॉ यामिनी पटेल से। जिन्होंने हमें बताया कि महिलाओं के लिए अंडरवियर चुनते समय सिर्फ लुक का ही ध्यान रखना ठीक नहीं है ।
सीमलेस अंडरवियर आपके वेजाइनल हेल्थ के लिए खराब क्यों हैं?
डॉ पटेल कहती हैं, “जितना हो सके, प्राकृतिक कपड़े, विशेष रूप से कॉटन से बने अंडरवियर पहनना सबसे अच्छा है। अंडरवियर के लिए कॉटन सबसे सही फैब्रिक है क्योंकि यह योनि को सांस लेने में मदद करता है। जिससे योनि और उसके आसपास की जगह में नमी जमा नहीं हो पाती।
पॉलिएस्टर या लेस जैसे सिंथेटिक कपड़ों से बने अंडरवियर के कारण त्वचा को सांस लेने में परेशानी होती है। सिलाई रहित सिंथेटिक अंडरवियर शरीर से पूरे पसीने को सोख लेता है, और नमी को भी सूखने नहीं देता। इसके कारण त्वचा गर्म और पसीने से तर भी रह सकती है।
एक नम और गर्म वातावरण हानिकारक बैक्टीरिया के बढ़ने के लिए एक आदर्श स्थान है, जिसकी वजह से बार-बार योनि में संक्रमण, चकत्ते और पेशाब के रास्ते से जुड़े संक्रमण होते हैं।”
लेकिन, वर्कआउट करते समय सूती अंडरवियर भी परेशानी का सबब बन सकता है। क्योंकि यह तंग कपड़ा शरीर पर चिपक जाता है और जिम में पहनने पर शरीर पर पसीने की वजह से उभरी रेखाओं को दिखाता है। तो कॉटन और सिंथेटिक दोनों ही इनरवियर नहीं तो फिर हमारे पास क्या ऑप्शन हो सकता है?
इस बारे में बात करते हुए डॉ पटेल कहती हैं कि अगर लेसी और फैंसी से दिखने वाले अंडरगारमेंट ही आपको पसंद हैं, तो इन बातों का ध्यान रख होने वाली दिक्कतों से बचा जा सकता है
- अपने अंडरवियर को खुशबू रहित हाइपोएलर्जेनिक डिटर्जेंट से धोएं।
- नए अंडरवियर को पहनने से पहले साफ ज़रूर करें।
- जैसे ही आप वर्कआउट या आउटिंग कर से आएं, सिंथेटिक अंडरवियर की जगह कॉटन अंडरवियर पहनें। सूती पैंटी पहनने के साथ ही प्राइवेट पार्ट को भी साफ़ करें। इसे साफ रखने से कई समस्याओं से बचा जा सकता है।
- अगर आप पहले से ही खुजली, रैशेज, यूरिनरी या जेनिटल इन्फेक्शन से जूझ रही हैं तो टाइट सीमलेस अंडरवियर पहनने से बचें।
- अपने प्राइवेट पार्ट को साफ करने के लिए वेजाइनल वॉश या डिसइंफेक्टेंट साबुन का इस्तेमाल न करें। यह वास्तव में अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देते हैं और हानिकारक जीवाणुओं को पैदा होने के लिए अनुकूल परिस्थिति देता है।
- वर्कआउट के दौरान खूब पानी पिएं। यह यूरीनल सिस्टम की हेल्थ में अच्छी तरह सुधार लाता है।यह भी पढ़ें: प्रसव के बाद कम नहीं हो रहा टेल बोन का दर्द, तो इन ट्रिक्स को कर सकती हैं ट्राई