ठंडा मौसम आपकी योनि को भी बना सकता है ड्राई और बदबूदार, जानिए कैसे करना है बचाव
वेजाइना शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक है। जिसकी त्वचा और सेहत दोनों ही काफी नाजुक होते हैं। ऐसे में ठंडा मौसम समग्र सेहत के साथ वेजाइनल हेल्थ को भी प्रभावित करता है। बाकी सभी परेशानियों पर तो खुलकर चर्चा कर लेते हैं, परंतु बात जब योनि की आती है, तो महिलाएं इसके बारे में झिझकने लगती हैं। जिसकी वजह से योनि से जुड़ी समस्याएं गंभीर हो जाती हैं। अगर आप चाहती हैं कि आपकी योनि को सर्दियों की समस्याओं (Vaginal care in winter) से परेशान न होना पड़े, तो जान लीजिए इसका ध्यान रखने के तरीके।
आपको इस बारे में बिल्कुल भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। अपनी कुछ नियमित आदतों में बदलाव लाकर आप अपनी वेजाइनल हेल्थ का पूरी तरह ध्यान रख सकती हैं। चाहे वह विंटर ड्राइनेस के कारण आपकी योनि का सूखापन हो या फिर वेजाइनल इनफेक्शन। तो बिना देर किए जानते हैं आखिर सर्दी किस तरह वेजाइना की सेहत को प्रभावित करती है। साथ ही जानेंगे इसे स्वस्थ रखने के कुछ अहम टिप्स।
यहां जानें ठंड वेजाइना को किस तरह करती है प्रभावित
1. वेजाइनल ड्राइनेस की समस्या
मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर शालिनी विजय के अनुसार ठंड का शुष्क मौसम शरीर के सभी अंगों से नमी को छीन लेता है। जिस वजह से त्वचा डिहाइड्रेटेड हो जाती है। ठीक उसी प्रकार यह वेजाइना को भी प्रभावित करता है। वहीं महिलाएं वेजाइनल इंफेक्शन, रेडनेस, खुजली और दर्द का अनुभव करती हैं। इसके साथ ही एस्ट्रोजन का गिरता स्तर भी योनि को ड्राई कर देता है। साथ ही साथ वेजाइना के प्राकृतिक लुब्रिकेंट की कमी का कारण बनता है।
2. वेजाइनल इचिंग और इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है
सर्दियों में वेजाइना ड्राई हो जाती है। वहीं इसके कारण इचिंग और जलन का सामना करना पड़ता है। वेजाइना के ड्राई होने के कारण इसकी त्वचा संवेदनशील हो जाती है और सेक्स के दौरान अधिक दर्द का अनुभव होता है। वहीं प्राकृतिक लुब्रिकेशन की कमी के कारण वेजाइना की त्वचा के छिलने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन और वैजाइना के आसपास की त्वचा में भी इंफेक्शन होने का खतरा होता है।
3. वेजाइनल स्मेल की समस्या
सर्दियों में वेजाइनल ड्राइनेस के कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इस दौरान होने वाले बैक्टीरियल ग्रोथ योनि के गंध को बढ़ा देते है। वहीं अधिक सर्दी होने के कारण कभी कबार हम वेजाइनल हाइजीन को नजरअंदाज कर देते हैं जो हमारे वजाइना के लिए काफी हानिकारक हो सकता है साथ ही वेजाइनल स्मेल का कारण बनता है।
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अब जाने सर्दियों में वेजाइनल हेल्थ को बनाए रखने के कुछ प्रभावी उपाय
मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर कंसलटेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर शालिनी विजय सर्दियों में वेजाइना की सेहत को बनाये रखने के कुछ प्रभावी टिप्स सुझाये हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह रखना है वेजाइना का ख्याल।
1. मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित रखें
एक्सपर्ट के अनुसार सर्दियों में वेजाइनल हेल्थ को बनाए रखने के लिए चीनी से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज रखने की कोशिश करें। इसके साथ ही फैटी फूड्स और अल्कोहल इंटेक को सीमित रखें। वहीं अधिक मात्रा में शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ा देता है जिस वजह से वेजाइनल इनफेक्शन होने की संभावना बनी रहती है।
2. वेजाइना को हल्के गुनगुने पानी से साफ करें
सर्दियों में ज्यादातर महिलाएं नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल वेजाइना की नमी को छीन लेता है। और इसे ड्राई कर देता है। ऐसे ने वेजाइना को साफ करने के लिए न ज्यादा गर्म न ज्यादा ठंडा, हमेशा हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
3. प्यूबिक हेयर को भूलकर भी पूरी तरह न हटाएं
ठंड में प्यूबिक हेयर आपके वेजाइना को गर्माहट देता है साथ ही मॉइश्चर को लॉक करने में मदद करता है। ऐसे में प्यूबिक हेयर को रिमूव करने में इस्तेमाल होने वाला रेजर और हेयर रिमूवल क्रीम दोनों ही वेजाइना को ड्राई कर सकते हैं। साथ ही इनग्रोन हेयर इचिंग और इंफेक्शन की संभावना को बढ़ा देता है। वहीं वेजाइना और ज्यादा ड्राई हो जाती है। इसलिए ठंड हमेशा ट्रिमिंग करने की सलाह दी जाती है।
4. प्रोबायोटिक्स रहेंगे असरदार
डॉक्टर के अनुसार प्रोबायोटिक्स का सेवन आंतो में हेल्दी बैक्टीरिया के ग्रोथ को बढ़ा देता है। ऐसे में वेजाइनल बैक्टीरिया भी हेल्दी रहते हैं। वहीं वजाइना का पीएच लेवल सामान्य रहता है और इंफेक्शन की संभावना नियंत्रित रहती है। आपको अपनी डाइट में दही, बटर मिल्क और अन्य फर्मेंटेड ड्रिंक्स की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए।
5. सूखे और सूती अंडरवियर पहनें
ज्यादातर महिलाएं सिंथेटिक और टाइट कपड़े पहनने की गलती कर देती हैं। सर्दी में आमतौर पर हम ज्यादा कपड़े पहनते हैं। वहीं ऐसे में सिंथेटिक अंडरवियर पहनने से वेजाइना तक नेचुरल एयर नहीं पहुंच पाता। साथ ही पसीना वेजाइनल स्किन पर बना रहता है क्योंकि सिंथेटिक अंडरवियर इसे सोख नहीं पाते। ऐसे में इंफेक्शन और ड्राइनेस की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है। साथ ही वेजाइनल स्मेल भी आपको परेशान करने लगती है।
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