अपनी वेजाइनल हेल्थ की परवाह है, तो आज ही कर लें इन आदतों से तौबा
सभी महिलाओं को अपने योनि स्वास्थ्य के बारे में चिंतित होना चाहिए। मगर योनि को स्वस्थ कैसे रखा जाए? यह जानना भी जरूरी है। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है आपकी निजी स्वच्छता। खासकर जब यह महीने का खास समय हो। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी स्वच्छता और योनि के बारे में कुछ जरूरी बातों को जान लें। साथ ही उन आदतों को भी छोड़ दें, जो इसे नुकसान पहुंचा सकती हैं।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिल्ली की प्रसूति एवं स्त्री रोग निदेशक डॉ नुपुर गुप्ता के अनुसार, योनि स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महिलाएं कुछ सामान्य प्रक्रियाओं का पालन करती हैं, लेकिन वे वास्तव में नुकसान करती हैं।
हां, आप सोच सकती हैं कि आप इसे साफ और स्वस्थ रख रही हैं, लेकिन आप अपनी योनि के पूरे बायोम को खराब कर रही हैं। इसलिए हम आपकी मदद करने के लिए यहां हैं।
यहां कुछ सामान्य चीजें दी गई हैं, जो आप करती हैं, मगर जो आपके योनि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं:
1. फेमिनिन वॉश (Feminine Wash)
बाजार फैंसी फेमिनिन हाइजीन उत्पादों से भरा हुआ है जो आपके निचले क्षेत्रों को साफ करने का वादा करते हैं। मगर डॉ गुप्ता हेल्थशॉट्स को बताती हैं, “योनि एक सेल्फ क्लीनिंग अंग है। यह प्राकृतिक स्रावों से खुद को साफ करती है, जिससे सही पीएच संतुलन बना रहता है।
एसिडिक पीएच अच्छे बैक्टीरिया द्वारा बनाए रखा जाता है, लेकिन जब आप अपनी योनि को साफ करने के लिए फेमिनिन वॉश का उपयोग करती हैं, तो यह बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ देता है। इसके परिणामस्वरूप बैक्टीरियल वेजिनोसिस या यीस्ट संक्रमण हो सकता है।
2. फ्रेग्मेंटेड ल्यूब (Fragmented lube)
स्नेहक में जहरीले रसायन पाए जाते हैं। विषाक्त स्नेहक अवयवों के योनि के संपर्क में आने से असुविधा, जलन और यहां तक कि संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
डॉ गुप्ता कहती हैं, “स्वाभाविक रूप से, आपकी योनि स्वास्थ्य के साथ-साथ यौन गतिविधि को बनाए रखने में मदद करने के लिए पर्याप्त स्नेहक पैदा करती है। ल्यूब या स्नेहक सेक्स के दौरान योनि के सूखेपन को कम करते हैं।
विशेष रूप से रजोनिवृत्ति या प्रसव के बाद या उन महिलाओं में जिन्हें डिस्पेर्यूनिया या योनिस्मस है। ये पूरी तरह से समस्या का समाधान नहीं करते हैं। आपको त्वचा की जलन या एलर्जी की प्रतिक्रिया पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह जोड़ों के नियोजन, गर्भाधान और प्रजनन क्षमता में भी हस्तक्षेप कर सकता है।”
3. बोरिक एसिड (Boric acid)
इसका उपयोग जीवाणु योनि संक्रमण, विशेष रूप से बैक्टीरियल वेजिनोसिस (BV) के इलाज के लिए किया गया है। इसे मानक एंटीबायोटिक उपचार के साथ जोड़ा जा सकता है। यह योनि से बैक्टीरिया के बलगम को हटाने में मदद करता है। हमें अभी भी और अध्ययनों की आवश्यकता है, जो साबित करें कि यह बीवी के लिए एक प्रभावी उपाय है।
4. योनि पर्ल्स (Yoni pearls)
ये वेजाइनल क्लीन्स या वेजाइनल डिटॉक्स के रूप में उपलब्ध हैं, जिनमें जड़ी-बूटियां हैं। ये आपकी योनि को डिटॉक्स करने और बीवी या यीस्ट संक्रमण से साफ करने का दावा करते हैं। मगर डॉ गुप्ता कहती हैं, “इससे योनि में जलन, गंभीर संक्रमण (टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम टीएसएस), या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) हो सकती है।”
5. ब्राजीलियाई वैक्सिंग (Brazilian waxing)
ब्राजीलियाई वैक्सिंग के साथ, प्यूब्स को हटाया जाता है। इससे जघन की हड्डी के सामने, बाहरी जननांगों के आसपास, ऊपरी जांघों के बीच और गुदा के आसपास के बालों को हटा दिया जाता है। डॉ गुप्ता कहती हैं, “यह वास्तव में आपके जननांगों की समस्याओं (जलन, खुजली, सूजन संक्रमण) की संभावना को बढ़ाता है। एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याओं वाली महिलाओं को इसे नहीं करवाना चाहिए।”
ध्यान रखें कि थोड़ा योनि स्राव बिल्कुल सामान्य है। योनि में अपने जीवाणु संतुलन को स्वस्थ रखने के लिए साबुन या डूश का प्रयोग न करें।
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