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क्या योनि की स्वच्छता को नजरंदाज करना भी हो सकता है सर्वाइकल कैंसर का कारण? आइए पता करते हैं

पिछले कुछ वर्षों में सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं में वृद्धि हुई है। हालांकि इसका सबसे बड़ा कारण संभोग है। पर क्या अस्वच्छता भी सर्वाइकल कैंसर को न्योता दे सकती है? आइये जानते है :
योनि की स्‍वच्‍छता का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 25 Jan 2021, 19:12 pm IST
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हमने हाल ही में बहुत सी महिलाओं को सर्विक्स यानि, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से पीड़ित होते हुए सुना है। तो इससे पहले कि बहुत देर हो जाये सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानते हैं।

गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर ऐसा कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ये हमारे गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है, जो योनि से जुड़ा होता है। यह बीमारी मानव पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होती है, जो ज़्यादातर यौन संपर्क के दौरान फैलती है।

हालांकि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरस के प्रभाव को कम करने की हर संभव कोशिश करती है। फिर भी यह कई वर्षों तक जीवित रह सकता है, और कैंसर जैसी बीमारियों को जन्‍म दे सकता है।

भारत में, महिलाओं को होने वाले सर्वाइकल कैंसर के कुल मामले 16.5% है। यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं – 2017 में जारी किए गए एचपीवी केंद्र के आंकड़ों से पता चला है कि हर साल 1,22,844 महिलाऐं सर्विकल कैंसर से पीड़ित होती है, और इनमे से 67,477 महिलाओं की मृत्यु हो जाती हैं।

भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर बढ़ता जा रहा है। चित्र: शटरस्‍टॉक

वैसे तो संभोग इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है, परंतु अध्ययन में सामने आया है कि योनि की साफ़- सफाई न रखना भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है।

वेजाइनल बैक्टीरिया और सर्वाइकल कैंसर

साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित एक पेपर से पता चलता है, कि जिन महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर है या रह चुका है, उनकी तुलना में स्वस्थ महिलाओं की योनि में अलग-अलग बैक्टीरिया पाए गये।

निष्कर्ष यह भी बताते हैं कि ‘अच्छे बैक्टीरिया और स्वस्थ सर्विक्स’ और ‘हानिकारक बैक्टीरिया’ और ‘सर्वाइकल कैंसर’ के बीच कोई संबंध हो सकता है। इसके अलावा, यह भी पाया गया कि जो महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है, उनकी योनि में बैड बैक्‍टीरिया हैं।

सर्वाइकल कैंसर तब होता है, जब गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं और ट्यूमर में बदल जाती हैं। इन असामान्य कोशिकाओं को प्रीकैंसर के रूप में जाना जाता है और अगर वे बड़ी हो जाती हैं और ऊतक में प्रवेश करती हैं, तो यह सर्वाइकल कैंसर बन जाता है।

क्‍या कहता है शोध 

एक अध्ययन से पता चला कि स्नेथिया Sneathia नामक बैक्टीरिया में वृद्धि का सर्वाइकल कैंसर से सीधा संबंध था। यह बैक्टीरिया अक्सर गर्भपात, लेबर पेन , योनिजन्‍य और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा है। अब तक इस बात पर कोई शोध नहीं हुआ है, कि प्रजनन पथ में स्नेथिया (Sneathia) बैक्टीरिया कैसे कार्य करता है।

निजी स्‍वच्‍छता सर्वाइकल कैंंसर से बचा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

योनि में अगर ज्यादा पित्त बनता है, तो यह भी आगे जाकर सर्विकल कैंसर का कारण बन सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि कम एसिडिक वातावरण गर्भाशय ग्रीवा में समस्याओं के लिए जिम्मेदार थे। शोध से सामने आया है कि हानिकारक बैक्टीरिया अम्लीय वातावरण में नहीं पनपते हैं, जहां पीएच 4.5 या उससे कम होता है। लेकिन जब एसिडिटी कम हो जाती है और पीएच बढ़ जाता है, तो हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिलता है।

अस्वच्छता और सर्वाइकल कैंसर

क्या हमारी स्वच्छता की अनदेखी का ग्रीवा के कैंसर पर प्रभाव पड़ता है? जी हां बिलकुल। क्योंकि गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर काफी हद तक संभोग या संक्रमित व्यक्ति के माध्यम से फैलता है। इसलिए, यदि आप असुरक्षित यौन संबंध रखते हैं, तो आपको इसका जोखिम उठाना पड़ सकता हैं।

जब शारीरिक स्वच्छता की बात आती है, तो वेजाइनल एरिया को साफ रखना सबसे ज्‍यादा आवश्यक है। ये बहुत हो कोमल अंग है, जिसकी वजह से यह ज्यादा जल्दी संक्रमण या जलन की चपेट में आ जाता है। इसलिए अपनी योनि को माइल्ड सोप के द्वारा अच्छी तरह से साफ़ करें और हर रोज़ अपने अंतर्वस्त्र ज़रूर बदलें। साथ ही मासिक धर्म के बाद अपनी स्वच्छता का ख़ास ख्याल रखें।

संभोग के दौरान, कॉन्डोम का इस्तेमाल ज़रूर करें। सिर्फ कॉन्डोम ही आपको सारी सुरक्षा प्रदान कर पाए ऐसा ज़रूरी नही है, तो अपनी वेजाइना को इंटरकोर्स के बाद किसी साफ़ कपड़े से पोछें। ऐसा करने से कोई भी बैक्टेरिया ज्यादा देर तक नही टिक पाएगा।

सेक्‍स के बाद वेजाइना पर कोई भी इंटीमेट वॉश इस्‍तेमाल न करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

हालांकि स्वच्छता महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप नियमित जांच और टीकाकरण न करवाएं। नियमित जांच और हाइजीन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।
एचपीवी(HPV) संक्रमण के कुछ लक्षणों में असामान्य रक्तस्राव, श्रोणि दर्द, डिस्चार्ज और पेशाब के दौरान दर्द शामिल हैं।

जो महिलाएं सेक्स नहीं करती हैं और स्वच्छता बनाए रखती हैं, उन्हें आमतौर पर संक्रमण का खतरा कम होता है और वे जांच से बच सकती हैं।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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