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आयुर्वेदिक विधि से बढ़ाई जा सकती है पुरुषों की यौन और प्रजनन क्षमता? आयुर्वेद विशेषज्ञ बता रहे हैं कैसे

जब एक जोड़ा अपने परिवार आगे बढ़ाने के बारे में योजना बनाता है, तो उसके लिए महिला और पुरुष दोनों का ही यौन रूप से सशक्त होना जरूरी है। मगर भागदौड़ भरी जिंदगी और अधूरे पोषण के कारण पुरुषों में भी इनफर्टिलिटी की समस्या देखी जा रही है। आयुर्वेद में वाजीकरण इसी का उपचार है।
Updated On: 13 May 2025, 12:56 pm IST
मेडिकली रिव्यूड
आयुर्वेद में वाजीकरण विधि से बढ़ाई जा सकती है पुरुषों की प्रजनन क्षमता। चित्र : अडोबीस्टॉक

आज के समय में, पुरुषों की जीवनशैली जितनी आधुनिक होती जा रही है, उतनी ही तेजी से उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। ऑफिस का तनाव, नींद की कमी, असंयमित खानपान और भावनात्मक दवाब। ये सभी धीरे-धीरे पुरुषों की जीवंतता को खत्म कर रहे हैं। विशेष रूप से 25 से 55 वर्ष की उम्र के पुरुषों में यौन इच्छा की कमी, शीघ्रपतन, वीर्य की गुणवत्ता में गिरावट या संतानोत्पत्ति की समस्या एक आम चिंता का विषय बन चुकी है।

अक्सर यह देखा गया है कि शरीर से सब कुछ सामान्य लगने पर भी भीतर एक थकावट, निराशा और आत्मविश्वास की कमी बनी रहती है। पुरुष खुलकर इस विषय पर बात करने से भी हिचकते हैं, जिससे समस्या और गहराती जाती है। समाज में व्याप्त संकोच और शर्म के चलते कई पुरुष मानसिक रूप से टूटने लगते हैं। लेकिन आयुर्वेद में इस परिस्थिति के लिए एक गहन और वैज्ञानिक समाधान है- वाजीकरण चिकित्सा (Vajikarana)।

क्यों कमजोर हो जाता है पुरुषों का यौन स्वास्थ्य (Causes of male sexual problems)

वर्तमान समय में पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  1. अनियमित जीवनशैली और अनुचित खानपान
  2. नींद की कमी और अत्यधिक डिजिटल उपकरणों का प्रयोग
  3. मानसिक तनाव, अवसाद और आत्म-संकोच
  4. धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों का सेवन
  5. हॉर्मोनल असंतुलन
  6. पुराने रोग या दवाइयों का प्रभाव
  7. अधिक गर्म वातावरण या लैपटॉप जैसी वस्तुओं का अत्यधिक उपयोग

इन कारणों से वीर्य की मात्रा व गुणवत्ता, स्पर्म काउंट, यौन इच्छा और प्रदर्शन क्षमता प्रभावित होती है।

लगभग 3 प्रतिशत ने मध्यम से गंभीर ईडी का अनुभव किया। चित्र : एडॉबीस्टॉक

वाजीकरण क्या है?

आयुर्वेद में वाजीकरण को केवल ‘यौन शक्ति बढ़ाने’ तक सीमित नहीं रखा गया है। यह एक समग्र चिकित्सा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य पुरुषों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को पुनः संतुलन में लाना है।

“वाजी” शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘घोड़ा’ — एक ऐसा प्राणी जो शक्ति, उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है। वाजीकरण का मूल उद्देश्य पुरुषों को वही स्फूर्ति और सामर्थ्य प्रदान करना है।

कैसे की जाती है वाजीकरण चिकित्सा (Steps of Vajikarana Therapy)

वाजीकरण चिकित्सा एक बहुपरतीय उपचार प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित आयामों पर कार्य किया जाता है:

1. रोगी का संपूर्ण मूल्यांकन

सबसे पहले व्यक्ति की दोष प्रकृति (वात, पित्त, कफ), मानसिक अवस्था, आहार-विहार और नींद की गुणवत्ता की गहराई से जांच की जाती है। यह केवल रोग नहीं, रोगी को समझने की प्रक्रिया है।

2. औषधीय चिकित्सा

विशिष्ट जड़ी-बूटियों और रसायनों का प्रयोग किया जाता है जैसे:

  • अश्वगंधा: तनाव घटाकर यौन शक्ति बढ़ाने वाली
  • शिलाजीत: ऊर्जा और वीर्य की गुणवत्ता में वृद्धि
  • कौंच बीज, गोखरू, शतावरी: संतानोत्पत्ति में सहायक
  • स्वर्ण भस्म, वृश्या औषधियां: ओजस, तेज और वीर्यधारण क्षमता बढ़ाने वाली
  • इनका संयोजन व्यक्ति की प्रकृति और स्थिति के अनुसार किया जाता है।

3. पंचकर्म चिकित्सा

जब शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, तो वाजीकरण का प्रभाव सीमित हो सकता है। इसलिए:

  • बस्ती (औषधीय एनिमा)
  • अभ्यंग (तेल मालिश)
  • स्वेदन (स्टीम थेरेपी)
  • शिरोधारा जैसी विधियों द्वारा शरीर को शुद्ध किया जाता है।

4. योग और ध्यान

योगाभ्यास जैसे:  अश्विनी मुद्रा, भस्त्रिका प्राणायाम, नौली क्रिया, सूर्य नमस्कार। ये शरीर में प्राणशक्ति को जाग्रत करते हैं, मन को स्थिर करते हैं और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।

प्रजनन क्षमता बढ़ाने में योग, औषधियां और काउंसलिंग सभी मददगार साबित हो सकते हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक

5. मनोवैज्ञानिक परामर्श

पुरुषों के साथ सहानुभूति से संवाद कर, उनके भीतर की संकोच और अपराधबोध की भावना को समझा जाता है। यह चिकित्सा का वह भाग है, जो कई बार औषधियों से भी ज़्यादा प्रभावशाली होता है।

6. आहार और दिनचर्या

  • आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सात्विक, ताजे और ओजसवर्धक आहार जैसे:
    खजूर, अंजीर, गाय का दूध
  • मूंग की दाल, घी
  • तुलसी, अदरक, मिश्री

इनका सेवन पुरुषों के ओज और वीर्य निर्माण में सहायक होता है।

याद रखें 

पुरुषों के लिए यह समझना जरूरी है कि यौन स्वास्थ्य केवल एक शारीरिक विषय नहीं है — यह उनके आत्मविश्वास, रिश्तों और जीवन ऊर्जा से गहराई से जुड़ा हुआ है। आयुर्वेद, विशेष रूप से वाजीकरण चिकित्सा, पुरुषों को सिर्फ इलाज नहीं बल्कि आत्म-संवर्धन, मनोबल और संतुलन की दिशा में एक गहन समाधान प्रदान करता है।

संकोच न करें। यह एक निजी लेकिन अत्यंत सामान्य विषय है, जिसे समय पर संबोधित कर लिया जाए तो न केवल शारीरिक शक्ति बल्कि मानसिक स्थिरता और भावनात्मक गहराई भी लौटाई जा सकती है।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं। योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

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