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बिना किसी डिटॉक्स ड्रिंक के भी हो सकता है आपके शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन, याद रखें ये 4 चीजें

डिटॉक्स का सीधा सा अर्थ है शरीर से उन्हें निकालने के लिए प्रमुख यौगिकों का चयापचय करना। यह प्रक्रिया सेलुलर स्तर पर स्वचालित रूप से और लगातार होती है। दैनिक मल त्याग, पसीना और पेशाब इस बात के संकेतक हैं कि हम विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल रहें है।
डिटॉक्सीफिकेशन एक जटिल, बहुआयामी प्रक्रिया है । चित्र अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 20 Apr 2024, 11:00 am IST
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“डिटॉक्स” ड्रिंक और आहार चर्चा का विषय हो सकते हैं, सच्चाई यह है कि डिटॉक्सीफिकेशन एक जटिल दैनिक अभ्यास है जो नियमित स्वास्थ्य आदतों के साथ अच्छे से किया जा सकता है। आपका लीवर, मुख्य डिटॉक्सीफिकेशन अंगों में से एक जो रोज आपके शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता करते हैं। इसलिए केवल कुछ चीजों पर डिटॉक्सीफिकेशन के लिए निर्भर रहने से अच्छा है इसे पूर्ण रूप से कैसे किया जा सकता है इस बात पर ध्यान देते है।

प्राकृतिक डिटॉक्सीफिकेशन कैसे काम करता है

डिटॉक्सीफिकेशन एक जटिल, बहुआयामी प्रक्रिया है जिसमें कई अंग (जैसे, लीवल, किडनी, फेफड़े, त्वचा, आंत) और शारीरिक प्रणालियां (जैसे, पाचन, लिंफैटिक, श्वसन) शामिल होती हैं।

डिटॉक्स का सीधा सा अर्थ है शरीर से उन्हें निकालने के लिए प्रमुख यौगिकों का चयापचय करना। यह प्रक्रिया सेलुलर स्तर पर स्वचालित रूप से और लगातार होती है। दैनिक मल त्याग, पसीना और पेशाब इस बात के संकेतक हैं कि हम विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल रहें है।

चाय-कॉफी की बजाए डिटॉक्स ड्रिंक से करें दिन की शुरुआत। चित्र : शटरस्टॉक

डिटॉक्सीफिकेशन एंजाइमों के तीन व्यापक चरण होते है जिसमें सबसे पहले चरण में विषाक्त पदार्थों को मध्यवर्ती पदार्थों में बायोट्रांसफॉर्म करने का काम किया जाता हैं, उन्हें पानी में घुलनशील बनाते हैं ताकि वे दूसरों चरण के लिए तैयार हो सके। दूसरे चरण में इन्हें बाहर निकालने के लिए तैयार किया जा सके। तीसरे चरण में इन्हें नियमित मल त्याग के माध्यम से खत्म कर दिया जाता है।

शरीर की रोज की डिटॉक्सीफिकेशन प्रक्रियाओं में कैसे मदद करें

विषाक्त पदार्थों का सेवन कम करें

ज्यादातर हानिकारक पदार्थ हमारे शरीर में भोजन, पानी, पैकेजिंग और हवा के माध्यम से प्रवेश करते हैं, इसलिए जैविक रूप से उगाए गए खाद्य पदार्थों को चुनकर, हवा और पानी के लिए फिल्टर का उपयोग करके और सभी प्रकार के प्लास्टिक से परहेज करके अपने शरीर को टॉक्सिन से बचाया जा सकता है।

कुछ विषाक्त पदार्थों जैसे हवा और पानी में प्रदूषक से बचना अधिक कठिन हो सकता है। लेकिन जहां आप बदलाव कर सकते है, जैसे किसी भी रासायनिक-आधारित सफाई एजेंट, बाल और स्किन केयर प्रोडक्ट, मेकअप, को नॉन टॉक्सिन पदार्थों से बदलना चाहिए।

शरीर को डिटॉक्स करने वाले अंगो का समर्थन करें

शरीर से खराब पदार्थों के निष्कासन के अंगों (जैसे, लीवर, किडनी, त्वचा और फेफड़े) के स्वास्थ्य को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। आंतों की नियमितता का समर्थन करके, पसीना लाने के लिए कुछ एक्टिविटी करके और पेशाब के लिए हाइड्रेटेड रहकर खराब पदार्थों को बाहर करने में इनकी मदद करें।

डिटॉक्सिफिकेशन का समर्थन करने के लिए स्वच्छ आहार खाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
चित्र: शटरस्टॉक

पसीना बहाएं

एंटीऑक्सीडेंट का सेवन बढ़ाने और नियमित रूप से व्यायाम करने से बढ़ते पर्यावरणीय प्रदूषकों के खिलाफ शरीर की प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। व्यायाम करने से आपको पसीना आएगा और ये डिटॉक्सिफिकेशन का एक बहुत अच्छा तरीका है।

हाइड्रेटेड रहें और अच्छा खाएं

संपूर्ण-भोजन, प्लांट बेस्ड डाइट स्वस्थ लिवर के काम करने के लिए जरूरी कई पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करेगा। डिटॉक्सिफिकेशन का समर्थन करने के लिए स्वच्छ आहार खाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि आज कल का डाइट पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट प्रदान नहीं करता है।

लेकिन आप फिर भी ऐसे खाद्य पदार्थ लेने है जो सही मात्रा में पोषण और एंटीऑक्सिडेंट देते हो। हाइड्रेशन के लिए नारियल पानी, जूस या पानी का इस्तेमाल करें।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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