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Jitiya Vrat 2023 : नहाय-खाय और पारण में नोनी साग के साथ शामिल करें ये 5 फूड, बनी रहेगी ऊर्जा

Jitiya Vrat 2023 : जितिया व्रत से पहले नहाय खाय और बाद में पारण करने के समय विशेष साग-सब्जियां खाई जाती हैं। ये सब्जियां फिजिकल हेल्थ को मजबूत करने के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को मजबूत करने वाले कुछ संदेश भी देती हैं। आइये जानते हैं क्या हैं वे साग-सब्जियां।
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जितिया के व्रत में नोनी साग के साथ कुछ और चीजें खाने का भी विधान है, जो आपको दिन भर एनर्जेटिक रखती हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 6 Oct 2023, 12:14 pm IST
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यदि इन दिनों आप बिहार-झारखंड की किसी महिला से बात करें, तो बातचीत के दौरान एक सवाल उनका जरूर होगा। ‘ जितिया व्रत 2023 (jitiya parv kab hai) कब है (jivitputrika vrat kab hai) ? संतान की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए (Kyon manaya jata hai Jitiya) यह व्रत मनाया जाता है। इसलिए महिलाएं चाहती हैं कि जितिया नहाय खाय  और जितिया पारण के अवसर पर उन सभी खाद्य पदार्थों को खा लिया जाए, जो पारम्परिक रूप से खाए जाते हैं। वास्तव में जितिया के अवसर पर खाए जाने वाले 5 खाद्य पदार्थ हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इससे पहले जानते हैं कब है जितिया (Jitiya vrat 2023) ?

कब है जितिया व्रत (jitiya vrat 2023)

बिहार(बिहार में जितिया कब है 2023), झारखंड और उत्तर प्रदेश में मांयें जितिया व्रत 2023 (Jitiya Vrat 2023) रखती हैं। इस वर्ष यह 6 अक्टूबर को शुरू होकर 7 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। 8 अक्टूबर को जितिया का पारण (jitiya ka paran kab hai) किया जायेगा। इस वर्ष पारण (जितिया पारण टाइम 2023) सुबह 7 बजे किया जायेगा। इस पर्व (Jivitputrika Parv) में मांएं 24 घंटे का उपवास रखती हैं। वे ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि उनकी संतानों के साथ-साथ सभी मांओं की संतान स्वस्थ, विद्या-बुद्धि और लंबी आयु से परिपूर्ण हो।

जितिया व्रत में क्या क्या खाना चाहिए (jitiya me kya khana chahiye)

जितिया में नहाय खाय और पारण (Jitiya Paran) के अवसर पर एक जैसे खाद्य पदार्थ पकाए और खाए जाते हैं। इस अवसर पर वैसी साग-सब्जियां ही खाई जाती हैं, जो आसानी से उगती हों। जिन्हें उगाने और बड़ा करने में विशेष मेहनत नहीं करनी पड़े। जो मौसम की हर तरह की मार झेलने में सक्षम हो।

दरअसल, इन साग-सब्जियों को ग्रहण करने के साथ ही मांएं ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि उनकी संतान भी हर परिस्थिति में जी सके। वे फल-फूल सकें। असफलता और विषम परिस्थिति उन्हें डिगा नहीं सकें। साथ ही इन साग-सब्जियों से तैयार रेसिपी आसानी से पचने योग्य भी होती हैं।

24 घंटे के उपवास के बाद मन और शरीर दोनों हल्का रह पाता है। जितिया के नहाय खाय और पारण के अवसर पर अरवी, तोरई (झिन्गली), खीरा, नोनी का साग (Noni ka saag), मंडुआ (Ragi) और देसी मटर (Kushi Kerav) खाई जाती है। आइये एक-एक कर इनके फायदे जानते हैं।

यहां हैं जितिया पर्व पर खाए जाने वाले 5 खाद्य पदार्थ और उसके फायदे (Jitiya parv Paran foods and its benefits) 

1 नोनी साग (Noni saag Benefits)

जितिया (Jitiya 2023) के नहाय खाय और पारण के अवसर पर सबसे अधिक नोनी साग (noni ka saag in hindi) से तैयार रेसिपी (noni saag recipe) खाई जाती है। हरे रंग की नोनी साग एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी एजिंग गुणों (Kaisa hota hai noni saag) वाला होता है।

नोनी की पत्तियों में फ्लेवनॉयड्स, प्रोटीन, सेपोनिन और टेनिन कंपाउंड मौजूद होते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

नोनी साग, नोनी के पकौड़े, नोनी दाल (nuni saag) आदि खाए जाते हैं। मौसम में तेजी से आ रहे बदलाव से शरीर को सुरक्षित रखता है नोनी का साग ((Noni saag ke laabh) । इसे आप गमले में भी उगा सकती हैं। नोनी से तैयार जूस (noni ka saag) जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। शारीरिक सहनशक्ति बढ़ा सकता है। वजन प्रबंधन में सहायता कर सकता है। बोन हेल्थ, ओरल हेल्थ को मजबूती देता है।

2 अरबी (Taro Roots benefits)

अरबी (Arbi) को बिहार में कच्चू भी बोलते हैं। यह जड़ वाली सब्जी (Rooted Vegetable) को आप गमले में भी उगा सकती हैं। अरवी के पत्ते की रेसिपी (Arbi Leaves Recipes) तो अब विश्व में धूम मचा रही है। फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन ई और रेसिस्टेंस स्टार्च से भरपूर (Arbi ke fayde) होती है अरवी (Arbi Benefits)। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने में मदद करती है। हृदय रोग के खतरे को कम करती है।

फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन ई और रेसिस्टेंस स्टार्च से भरपूर होती है अरवी । चित्र : शटरस्टॉक

3 तोरई या तुरई (Ridge gourd or turai Benefits)

डायटरी फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी6 से भरपूर होती है तोरई। इसमें स्वाभाविक रूप से लो कैलोरी, लो सैचुरेटेड फैट और लो कोलेस्ट्रॉल होता है। कम तेल में बनने वाली स्वादिष्ट सब्जी तुरई (Turai recipe) कब्ज को कम करने, वजन कम करने और ब्लड शुगर लेवल को प्रबंधित कर सकती (Torai ke fayde) है।

4 मंडुआ या रागी  (Ragi Benefits)

फिंगर मिलेट या रागी में प्रोटीन, आहार फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर होता है। यह प्राकृतिक रूप से वजन घटाने में मदद करता है। मोटा अनाज (Whole Grain Ragi) कहलाने वाला रागी पेट साफ़ कर कोलन कैंसर को रोकता है। जितिया के पारन के अवसर पर रागी जरूर खाई जाती है, ताकि 24 घंटे के उपवास के बाद कब्ज (Ragi ke fayde) का सामना नही करना पड़े। रागी एंटी एजिंग होता है और तनावमुक्त भी रखता है

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फिंगर मिलेट या रागी में प्रोटीन, आहार फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर होता है।  चित्र : शटरस्टॉक।

5 देसी मटर (Kushi Kerao)

जितिया के पारण के दिन देसी मटर या कुशी केराव खाकर ही व्रत तोड़ा जाता है। यह मटर बंजर जमीन में भी उग आता है। विटामिन बी 12 का बढ़िया स्रोत देसी मटर हड्डी को मजबूत रखता है। इसमें एंटी कोलेस्ट्रॉल गुण (Kushi kerav ke fayde) होते हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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