विश्व जनसंख्या दिवस : जानिए क्यों आपकी सेहत के लिए अबॉर्शन से बेहतर है गर्भ निरोधक
दुनिया भर में गर्भपात के अधिकार कानूनी बनाए जाने के आंदोलन चल रहे हैं। जबकि हमारे देश में अब भी एक निश्चित अवधि के बाद गर्भपात अवैध है। यहां गर्भपात और भी कई सांस्कृतिक-धार्मिक कारणों से जुड़ा हुआ मसला हो सकता है। पर हम बात सिर्फ आपकी सेहत की करेंगे। विश्व जनसंख्या दिवस (International Population Day) के उपलक्ष्य में आपको जानना चाहिए कि क्यों गर्भपात से बेहतर विकल्प है गर्भ निरोध के उपायों को अपनाना।
विश्व जनसंख्या दिवस 2021 (World Population Day 2021)
यकीनन जनसंख्या यदि सेहतमंद हो तो यह किसी भी देश के लिए गौरव की बात हो सकती है। आप भी चाहती होंगी कि आपके बच्चे को वे सभी सुख सुविधाएं मिलें, जो आपका सपना रही हैं। जबकि ऐसा न होने पर जनसंख्या किसी भी देश के लिए बोझ हो सकती है।
बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए गर्भपात के अधिकार को सुलभ बनाए जाने की भी मांग होती रही है। कुछ दशक पहले तक हमारे देश में लड़के की चाह में जोड़े कई बच्चे पैदा करते थे। शुक्र है कि अब वो समय नहीं रहा। हम यह भी जानते हैं कि अब आपकी प्राथमिकताएं बदल चुकी हैं। इसलिए आपका अपनी सेहत पर ध्यान देना अब पहले से भी ज्यादा जरूरी है।
तो क्या है गर्भ धारण से बचने का बेहतर उपाय
उम्र, सेहत, कॅरियर और संसाधनों की कमी, अभी बच्चा प्लान न करने के आपके निर्णय के कई कारण हो सकते हैं। और इसके लिए गर्भ निरोध और गर्भपात दोनों ही तरीके महिलाएं अपनाती हैं।
गर्भ पात और गर्भ निरोध दोनों ही प्रक्रिया अलग-अलग हैं। गर्भ निरोधक प्रेगनेंसी होने से बचाते हैं, जबकि अबॉर्शन प्रेगनेंसी को आगे बढ़ने से रोकता है और इस प्रक्रिया में गर्भ को खत्म कर दिया जाता है। आइए इन दोनों को विस्तार से समझते हैं –
गर्भ निरोध प्रक्रिया (Contraception)
गर्भ निरोध के जरिए एग और स्पर्म को मिलने से रोका जाता है ताकि प्रेगनेंसी से बचा जा सके। इसके बहुत से तरीके होते हैं। यह निम्न रूप से काम करता है।
यह ओवुलेशन(Ovulation) को रोक देता है जिससे आप के अंदर एग ही नहीं बन पाता है।
यह फर्टिलाइजेशन को रोक देता है ताकि स्पर्म एग से न मिल सके और एग फर्टिलाइज न हो पाए।
इसके द्वारा एक फर्टिलाइज एग यूटरस की लाइनिंग से नहीं चिपकता है।
उदाहरण के तौर पर बर्थ कंट्रोल पिल आपको ओवुलेट होने से रोकती है। यह ओवुलेशन को रोकने के लिए आपको अन्य हार्मोन्स दे देती है ताकि आपके असली हार्मोन्स ओवर राइड हो जाएं। अगर आप इनका प्रयोग बढ़िया ढंग से करती हैं तो कोई एग रिलीज नहीं होगा और आप प्रेगनेंट नही हो पाएंगी।
हार्मोनल बर्थ कंट्रोल आपके सर्विकल म्युक्स को मोटा बना देता है ताकि स्पर्म आपके यूटरस तक पहुंच ही न पाए।
कॉपर आईयूड स्पर्म और एग तक पहुंचने से रोकती है क्योंकि कॉपर टॉक्सिक होता है। अन्य प्रकार की दवाइयां आपके यूटरस की लाइनिंग को पतला कर देती हैं ताकि अगर एग और स्पर्म फर्टिलाइज हो भी जाते है तो एंब्रियो लाइनिंग से न चिपक पाए। अगर वह लाइनिंग से नहीं चिपक पाएगा तो उसे बढ़ने के लिए किसी प्रकार का पोषण नहीं मिलेगा।
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कस्टमाइज़ करेंअबॉर्शन प्रक्रिया
यह एक मेडिकल प्रक्रिया है और यह निम्न स्थितियों में की जाती है :
जब स्पर्म एग को फर्टिलाइज(Fertilize) कर देता है।
जब एंब्रियो आपके यूटरस की लाइनिंग पर चिपक जाता है।
जब आपका शरीर एचसीजी (HCG) बनाने लग जाता है। यह एक हार्मोन होता है जो प्रेग्नेंसी टेस्ट के दौरान डिटेक्ट करके पॉजिटिव रिजल्ट आता है।
अब जानिए अबॉर्शन के प्रकार
दो प्रकार के अबॉर्शन होते हैं, सर्जिकल अबॉर्शन और मेडिकल अबॉर्शन। प्रेगनेंसी को रोकने के लिए आपको यूटरस से चिपके एंब्रियो को अलग करना होता है। ताकि वह लाइनिंग खुद नीचे गिर सके।
सर्जिकल अबॉर्शन (Surgical Abortion) – इसमें डॉक्टर एंब्रियो को लाइनिंग से अलग करते हैं।
मेडिकल अबॉर्शन (Medical Abortion) – के दौरान आप एक दवाई लेती हैं जिसके कारण आपका यूटरस कॉन्ट्रैक्ट होता है और उसकी लाइनिंग अपने आप ही शेड हो जाती है जिसके कारण एंब्रियो गिर जाता है।
अबॉर्शन के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट्स को जान लेना भी है जरूरी
अगर आप एक सर्जिकल अबॉर्शन के जरिए अबॉर्शन करवाती हैं, तो आपको निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं :
आपको अधिक ब्लीडिंग हो सकती है।
आपको इंफेक्शन भी हो सकता है।
आपका यूटरस डैमेज हो सकता है।
अनेस्थिशीय के कारण आपको कुछ रिस्क का सामना करना पड़ सकता है।
मेडिकल अबॉर्शन के दौरान आपको निम्न साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं :
ब्लीडिंग, इंफेक्शन, फीवर, सिर दर्द, ठंड लगना, उल्टियां आना, जी मिचलाना, डायरिया।
अबॉर्शन के कारण आपकी मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ सकता है और आपको दुख और दोषी की भावना परेशान कर सकती है। इस के बाद आपको एक या डेढ़ महीने तक इसी प्रकार की भावनाएं आ सकती हैं और सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है।
तो क्या है सही फैसला
निश्चित रूप से कुछ मामलों में आपको मजबूरन गर्भपात करवाना पड़ सकता है और एक तय अवधि तक यह अपराध नहीं है।
इसके बावजूद बर्थ कंट्रोल तरीके का प्रयोग करती हैं तो आपको उतने साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिलते हैं जितने अबॉर्शन के कारण आपको मिलते हैं। बर्थ कंट्रोल केवल आपके हार्मोन्स को प्रभावित करती है। जो कि कुछ दिनों बाद ठीक हो जाते हैं। इससे भी बेहतर है कि आप कंडोम का उपयोग करें। यह न केवल आपको अवांछित गर्भ से बचाता है, बल्कि यौन संक्रामक रोगों से भी बचाव का बेहतर उपाय है।
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