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प्रोसेस्ड मीट का ज्‍यादा सेवन बढ़ा सकता है हृदय रोग और अकाल मृत्‍यु का जोखिम : शोध

अध्ययन यह भी बताते हैं कि दिल के स्वास्थ्य पर प्रोसेस्‍ड मीट का नकारात्मक प्रभाव केवल तभी पड़ता है जब खपत बहुत अधिक हो।
कैंसर से बचाव के लिए एनिमल प्रोटीन युक्त भोजन न लें। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 25 Apr 2021, 14:00 pm IST
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हैमिल्टन के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक वैश्विक अध्ययन में प्रोसेस्‍ड मीट खाने और हृदय रोग के एक उच्च जोखिम के बीच एक कड़ी मिली है। उसी अध्‍ययन में लाल मांस या पोल्ट्री के साथ लिंक नहीं साबित हो पाया। जानकारी 5 महाद्वीपों के 21 देशों के 1,34,297 लोगों के आहार और स्वास्थ्य परिणामों से प्राप्त की गयी, जिन्हें शोधकर्ताओं द्वारा मांस की खपत और हृदय संबंधी बीमारियों के आंकड़ों के लिए ट्रैक किया गया था।

प्रोसेस्ड मीट और ह्रदय स्‍वास्‍थ्‍य

लगभग एक दशक तक प्रतिभागियों पर अध्ययन करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि एक सप्ताह में 150 ग्राम या उससे अधिक प्रोसेस्ड मीट का सेवन हृदय रोग के जोखिम को 46% तक बढ़ाता है। इसके साथ ही, प्रोसेस्ड मीट का सेवन करने वाले लोगों को अकाल मृत्यु का खतरा 51 प्रतिशत तक बढ़ सकता है बजाय उनके जिन्होंने कोई प्रसंस्कृत नहीं खाया था।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि गैर-संसाधित मीट की खपत का मध्यम स्तर स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं डालता।

यह हृदय स्‍वास्‍थ्‍य पर एक महत्‍वपूर्ण अध्‍ययन है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अध्ययन के पहले लेखक और पाकिस्तान के कराची में आगा खान विश्वविद्यालय में एक एसोसिएट प्रोफेसर, रोमीना इकबाल ने कहा कि “मांस के सेवन और हृदय रोग के बीच संबंध का प्रमाण असंगत है। इसलिए, हम रेड मीट, पोल्ट्री और प्रोसेस्ड मीट के इंटेक्स के बीच के संबंधों को बेहतर तरीके से समझना चाहते थे। जिसमें प्रमुख हृदय रोग की घटनाओं और मृत्यु दर भी शामिल थी।

मैकमास्टर यूनिवर्सिटी और हैमिल्टन के जनसंख्या स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (PHRI) के एक अन्वेषक, महशिद देहगान ने कहा, “उपलब्ध आंकड़े बताते है कि आहार में मीट को मॉडरेशन में शामिल करना हानिकारक नहीं है।”

मॉडरेशन में प्रोसेस्‍ड मीट खाने से कोई फर्क नहीं पड़ता

प्रोस्पेक्टिव अर्बन रूरल एपिडेमियोलॉजी (PURE) अध्ययन 2003 में शुरू किया गया था और यह पहला बहुराष्ट्रीय अध्ययन है। जो निम्न, मध्यम और उच्च आय वाले देशों के स्वास्थ्य परिणामों के साथ प्रोसेस्ड और अनप्रोसेस्ड मीट के सेवन के बीच सहयोग पर जानकारी प्रदान करता है।

PURE के कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ लेखक सलीम यूसुफ ने कहा, “PURE अध्ययन में अधिक विविध आबादी और आहार के व्यापक पैटर्न की जांच की गई है। जो हमें प्रोसेस्ड और अनप्रोसेस्ड मीट के प्रभावों के बीच अंतर करने वाले नए सबूत प्रदान करने में सक्षम बनाता है।”

हालांकि आप मॉडरेशन में इसका सेवन कर सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्रतिभागियों की फूड हैबिट को प्रश्नावली का उपयोग करके दर्ज किया गया था। जबकि उनकी मृत्यु दर और प्रमुख हृदय रोग की घटनाओं पर भी डेटा एकत्र किया गया था। इसने शोधकर्ताओं को मांस की खपत के पैटर्न और हृदय रोग की घटनाओं और मृत्यु दर के बीच संबंध को निर्धारित करने की अनुमति दी।

लेखकों का मानना है कि अतिरिक्त शोध से मांस की खपत और स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों की समझ में सुधार हो सकता है। उदाहरण के लिए, यह स्पष्ट नहीं है कि मांस के बजाय कम मांस के सेवन वाले प्रतिभागियों का अध्ययन क्या रहा।

बहरहाल, अध्ययन के लेखकों का मानना है कि उनके निष्कर्ष “संकेत करते हैं कि प्रोसेस्‍ड मीट के सेवन को सीमित किया जाना चाहिए”।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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