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अपने एजिंग पेरेंट्स को लगवाना चाहती हैं कोविड वैक्‍सीन, तो एक्‍सपर्ट के इन सुझावों के बारे में भी जान लें

भारत में कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। पल्मोनोलॉजी फोर्टिस अस्पताल वसंत कुज की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. ऋचा सरीन इससे जुड़ी सभी जानकारी यहां हमारे साथ शेयर कर रही हैं।
कोविड वैक्‍सीन लेने के बाद भी आपको कुछ सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr. Richa Sareen Updated: 13 Oct 2023, 09:43 am IST
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दुनिया को कोविड-19 महामारी की गिरफ्त में आए एक साल से ऊपर हो गया है। इस महामारी ने सभी को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित किया है। हम में से कइयों के परिजनों को इस रोग ने अपना शिकार बनाया, तो कितने मासूमों की जान भी लीं। हजारों मरीज़ आज भी कोविड उपरांत लक्षणों से जूझ रहे हैं या ‘’लॉन्‍ग कोविड’’ की मार झेल रहे हैं।

हम सभी  पिछले एक साल के दौरान, मानसिक यंत्रणा, चिंता और तनाव के दौर से भी गुजरे हैं। लॉकडाउन के चलते, कइयों को आर्थिक दुष्‍प्रभाव भी झेलने पड़े हैं। 

कोविड वैक्सीन ने दिखाई आशा की नई किरण

खुशकिस्‍मती से नए साल में हरेक के लिए कोविड-19 वैक्‍सीन की शक्‍ल में आशा की किरण दिखाई दी है। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में 16 जनवरी, 2021 को प्रारंभ हुआ।

पहले चरण में, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को टीके लगाए गए। जबकि उनके बाद फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्‍सीन दी गई क्‍योंकि ये वे लोग थे जो अपने स्‍वास्‍थ्‍य की चिंता किए बगैर इस महामारी से लड़ने वाले योद्धाओं की अग्रिम पंक्ति पर तैनात थे।

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नेज़ल वैक्सीन हो सकती है रेगुलर कोरोना वैक्सीन से बेहतर । चित्र: शटरस्‍टॉक

दूसरे चरण में किन्हें लगाया जाएगा टीका

अब देश भर में दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान 1 मार्च, 2021 से शुरू हो चुका है। इस चरण में, वरिष्‍ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) और 45 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को वैक्‍सीन दी जाएगी जो पहले से गंभीर रोगों (co morbid) से प्रभावित हैं।

सीनियर सिटीजन भी ले सकते हैं वैक्‍सीन 

ऐसे रोगियों में हार्ट फेल, लो इजेक्‍शन फ्रैक्‍शन, पोस्‍ट कार्डियक सर्जरी, वाल्‍व्‍युलर हार्ट डिज़ीज़, एंड स्‍टेज रीनल डिज़ीज़, लिंफोमा और ल्‍युकीमिया मरीज़, कीमोथेरेपी करवा रहे कैंसर मरीज़, इम्‍युनोसप्रेसेंट दवाओं का सेवन करने वाले मरीज़, मधुमेह रोगी (रोग की अवधि >10 वर्ष), एंजाइना से ग्रस्‍त उच्‍च रक्‍तचाप रोगी आदि शामिल हैं। 

इस चरण में करीब तीस करोड़ लोगों को लक्षित किया गया है और यह भारत में महामारी पर नियंत्रण की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम होगा। ऐसा करने के पीछे प्रमुख कारण यह है कि कोविड-19 की गंभीरता और इसकी वजह से मृत्‍युदर मरीज़ की उम्र बढ़ने तथा उसमें पहले से अन्‍य गंभीर रोगों की मौजूदगी की वजह से बढ़ती है। 

टीकाकरण के बाद सावधानी है जरूरी

दो वैक्‍सीन – कोविशील्‍ड तथा कोवैक्‍सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं। देश में टीकाकरण अभियान चालू हुए करीब दो हफ्ते बीत चुके हैं और वैक्‍सीन लेने वाले लोगों में बड़े पैमाने पर किसी किस्‍म के प्रतिकूल असर दिखाई नहीं दिए हैं।

वैक्‍सीन के प्रतिकूल प्रभाव का एकमात्र संकेत अतीत में किसी भी वैक्‍सीन से एलर्जी का होना है। जो लोग खून पतला करने वाली दवाओं का सेवन करते हैं उनके लिए सावधानी बरतना जरूरी है और कोविड-19 का टीका लगवाने से पहले अपने डॉक्‍टर को इस बारे में अवश्‍य सूचित करें।

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बाकी सभी लोग बिना किसी शंका के वैक्‍सीन लगवा सकते हैं। साथ ही, वैक्‍सीन लेने के बाद भी मास्‍क का प्रयोग जारी रखें और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें, हाथों को नियमित रूप से धोते रहें क्‍योंकि शरीर में एंटीबडीज़ का निर्माण कुछ समय के बाद ही होता है। 

अफवाहों पर ध्यान न दें

हमें कोविड-19 टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए और अपने परिवार में बुजुर्गों को टीका लगवाना चाहिए, क्‍योंकि यही हमें घातक कोविड-19 रोग से बचा सकता है। जब भारत में ज्‍याद से ज्‍यादा लोगों को टीका लग जाएगा, तो हम हर्ड इम्‍युनिटी की तरफ बढ़ेंगे, जिससे कोविड-19 संक्रमण का प्रसार भी घटेगा।

कृपया इस संबंध में किसी भी अफवाह पर ध्‍यान ना दें और देश में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों पर भरोसा रखें। टीकाकरण का खुलकर स्‍वागत करें और सुरक्षित रहें।

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Dr. Richa Sareen

Dr. Richa Sareen is Consultant-Pulmonology, Fortis Hospital ...और पढ़ें

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