देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या करीब चार हजार कम रहने से सक्रिय मामले बढ़कर 1.55 लाख के पार पहुंच गये है। कोविड पॉजीटिव मामलों की दर बढ़कर 1.41 प्रतिशत हो गयी है।
इस बीच देश में अब तक एक करोड़ 34 लाख 72 हजार 643 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में गत 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 16,577 नये मामले सामने आए हैं। जबकि 12,179 मरीज स्वस्थ हुए, जिससे सक्रिय मामले 4,278 बढ़ गये। संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर एक करोड़ 1० लाख 63 हजार 491 हो गया है वहीं कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या एक करोड़ सात लाख 5० हजार 68० हो गयी है। सक्रिय मामले बढ़कर एक लाख 55 हजार 986 हो गये हैं।
भारत में टीकाकरण बस शुरू ही हुआ था कि कोरोना के नये स्ट्रेन ने दस्तक दे दी। सबसे पहले नये स्ट्रेन की पुष्टि ब्रिटेन में हुई थी, इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में और उसके बाद कई देशों में नया स्ट्रेन सामने आया है। अब भारत में भी ब्रिटेन से लौटे कुछ भारतीयों में इस वायरस का नया प्रारूप सामने आया है। संक्रमण से बचाव के चलते देश ने ब्रिटेन की सारी उड़ाने रद्द कर दी हैं।
कई डॉक्टर्स का ऐसा मानना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन 70% ज्यादा घातक साबित हो सकता है। इससे बचने के लिए कम से कम 80 % आबादी में कोरोना वायरस के प्रति एंटीबॉडी बननी चाहिए, जो पूरी आबादी की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
नया स्ट्रेन SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन में कई सारे म्यूटेशंस का नतीजा है, जिसे N501Y का नाम दिया गया है। साथ ही ऐसा भी सामने आ रहा है कि नए कोरोना स्ट्रेन के नये लक्षण है।
जब कोरोना ने दुनिया भर में दस्तक दी थी तब हल्के लक्षण देखने को मिले जैसे- बुखार, लगातार खांसी, स्वाद और गंध का खोना आदि। लेकिन कोरोनावायरस के नये स्ट्रेन के लक्षण इससे अलग हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नये लक्षण वायरस के म्यूटेशन की वजह से हुए हैं।
पुराने लक्षणों के साथ नये लक्षणों की पुष्टि ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने की है
शरीर में दर्द
गले में खराश
सिर में दर्द
आंख आना
डायरिया
त्वचा पर रैशेज पड़ना
पैर की उंगलियों का रंग बिगड़ना
अभी तक कोरोना वायरस में म्युटेशन की वजह से कुल 12 बदलाव नज़र आयें हैं। यानि इसके कुल 12 स्ट्रेन हैं। जिनमे से 9 स्ट्रेन को गंभीर बताया गया है। हालांकि, वायरस के जेनेटिक कोड में बदलाव होना आम है, लेकिन इनमें से कुछ का प्रभाव घातक साबित हो सकता है।
ये वेरिएंट 70% ज्यादा घातक और संक्रामक है। इसलिए, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग आपके लिए अभी भी जरूरी है। भले ही अब देश के ज्यादातर हिस्सों में जीवन फिर से अपनी रफ्तार पकड़ रहा है। पर किसी भी काम से ज्यादा जरूरी है कि कोई भी लक्षण सामने आने पर चिकित्सीय सलाह लें और खुद को क्वारंटाइन करें।
(समाचार एजेंसी वार्ता के इनपुट के साथ)