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मोटापा और डायबिटीज ही नहीं, कोरोनावायरस का जोखिम भी बढ़ाती हैं कोल्‍ड ड्रिंक्‍स: शोध

मैक्सिको की सरकार ने कोल्‍ड ड्रिंक को बोतल बंद जहर की संज्ञा दी है और नागरिकों से इसे न पीने की अपील की है। कोल्‍ड ड्रिंक के कारण कोरोनावायरस और भी घातक हो रहा है।
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कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत आपको मोटा ही नहीं बनाती बल्कि कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ा सकती है। मैक्सिको की सरकार ने तो अपने यहां बढ़ रहे संक्रमण के पीछे कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत को ही जिम्मेदार ठहराया है।

वैज्ञानिक तथ्य सामने आए हैं कि ठंडे पेय में बहुत ज्यादा शुगर और सोडा होने से मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की बीमारी हो जाती है। यह बात पहले से ज्ञात है कि इन बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

क्‍या है कोल्‍ड ड्रिंक और कोरोनावायरस का कनेक्‍शन

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सीने और नाभि के पास ज्यादा वसा इकट्ठा हो जाने से फेफड़ों पर तनाव बढ़ता है, जिससे सामान्य स्थितियों में भी मोटे लोगों के फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचने में मुश्किल होती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जब मोटापा ग्रस्त लोगों को श्वसन तंत्र पर हमला करने वाला कोरोना वायरस हो जाता है तो उनके सांस लेने की क्षमता और घट जाती है।

मोटापे से ग्रस्‍त युवाओं के लिए घातक साबित हो रहा है कोरोनावायरस। चित्र: शटरस्‍टॉक

‘बोतल बंद जहर पीना बंद करें’

मैक्सिको में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रेज गैलेट ने अपनी जनता से अपील की है कि वे कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत छोड़ दें। उन्होंने इन पेय पदार्थों को ‘बोतल बंद जहर’ करार दिया। यहां हर साल शुगर युक्त पेय पीने से 40 हजार मौतें होती हैं। यहां की 75% यह देश संक्रमण में मौतों के मामले में अमेरिका, ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है।

कोल्‍ड ड्रिंक के कारण घातक बन रहा है कोविड-19

73 फीसदी गंभीर रूप से संक्रमित मरीज ब्रिटेन में पहले से मोटापा ग्रस्त हैं।
90 फीसदी वेंटिलेटर पर रखे गए कोरोना मरीज फ्रांस में ओवरवेट थे।
05 में से हर दो संक्रमित व मोटे मरीजों को ब्रीदिंग ट्यूब की जरूरत।

लापरवाही ने इस बीमारी की भयावहता को और बढ़़ा़ दिया है। चित्र: शटरस्‍टॉक

भारतीय बच्चों में बढ़ रही ठंडे पेय पीने की आदत

भारत में युवाओं के साथ बच्चों में भी कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं, बीएमसी पब्लिक हेल्थ ने एक अध्ययन में पाया कि साफ पानी की कमी वाली जगहों पर बच्चों को कोल्ड ड्रिंक दी जाती है जो कि खतरनाक स्थिति है। दूसरी ओर, जंक फूड के कारण युवाओं में मोटापा बढ़ा है जो संक्रमण के लिए अनुकूल स्थिति पैदा करता है।

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