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साल के अंत तक दुनिया की आधे से अधिक आबादी हो सकती है खसरा से प्रभावित : WHO

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन की मानें, तो साल के अंत तक खसरा दुनिया की आधे से अधिक आबादी को प्रभावित कर देगा। दरअसल, कोविड वैक्सीन की वजह से लोगों में मिजल्स के टीके कम लगाए गए। जानते हैं खसरा बच्चे को अधिक प्रभावित क्यों करता है?
खसरा प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। इस कारण बच्चे इस बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Feb 2024, 15:49 pm IST
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कोविड ने कई तरह से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया। टीकाकरण उपलब्ध होने के बावजूद कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही हैं। इनमें से एक है खसरा यानी मिजिल्स। दरअसल, जिस समय कोविड-19 (Covid 19) के लिए लोगों के टीकाकरण (covid Vaccination) हो रहे थे, उस समय खसरा का टीका (Measles Vaccine) लोगों को नहीं लग पा रहा था। इस विषय पर हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी कि अगर तत्काल निवारक उपाय नहीं किए गए, तो साल के अंत तक दुनिया के आधे से अधिक देशों में खसरा फैलने का खतरा अधिक या बहुत अधिक होगा। खसरे के मामले उन अधिकांश क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं, जहां कोविड वैक्सीन के कारण नियमित मिजिल्स वैक्सीन देना छूट गया था।बच्चे इस बीमारी से अधिक प्रभावित (measles in child) होते हैं।

क्या कहता है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization on Measles)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की साइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 2024 में दुनिया के आधे से अधिक देशों में खसरा होने की आशंका बढ़ गयी है।
इस संस्था ने यू.एस. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के साथ मिलकर हेल्थ डेटा तैयार किया है। डेटा के अनुसार, साल के अंत तक दुनिया के आधे से अधिक देशों में खसरा का प्रकोप बहुत अधिक हो जाएगा। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल मामले पहले से ही 79% बढ़कर 3 लाख से अधिक हो गए थे। यह आंकड़ा अस्पतालों में दर्ज मामले पर आधारित है।

बच्चे अधिक होते हैं प्रभावित ( measles affect child more)

खासकर गरीब देशों में यह अधिक कहर बरपाएगा। कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों के कारण गरीब देशों में मृत्यु दर अधिक है। हालांकि इसका जोखिम मध्यम और उच्च आय वाले देशों के लिए भी है। बच्चे इस बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं। खसरा प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। संक्रमण से खुद को बचाने के लिए शरीर भी भूल जाता है। इससे बच्चे बेहद कमजोर हो जाते हैं। जो बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें खसरा अधिक प्रभावित करता है।

कैसे होता है खसरा (Measles causes)

खसरा एक्यूट वायरल रेस्पिरेटरी डिजीज है। खसरा सिंगल स्ट्रैंड वाले आरएनए वायरस के कारण होता है। मनुष्य खसरा वायरस का एकमात्र नेचुरल होस्ट है।
खांसी, सर्दी-जुकाम और आई इन्फेक्शन होने के बाद शरीर पर बड़े दाने हो जाते हैं। आमतौर पर किसी व्यक्ति के संपर्क में आने के लगभग 14 दिन बाद दाने दिखाई देते हैं। दाने सिर से लेकर लोअर अंगों तक फैल जाते हैं।

आमतौर पर किसी व्यक्ति के संपर्क में आने के लगभग 14 दिन बाद दाने दिखाई देते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

किन्हें होता है हाई रिस्क (High risk of Measles)

•नवजात से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चे को सबसे अधिक खतरा रहता है
• 20 वर्ष से अधिक आयु के एडल्ट
• प्रेग्नेंट वीमेन
• कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग
• ल्यूकेमिया और एचआईवी संक्रमित लोगों को अधिक खतरा रहता है

क्या हो सकती है स्वास्थ्य समस्या (Measles causes health problems)

खसरे से होने वाले कॉम्प्लिकेशन में ओटिटिस मीडिया, ब्रोन्कोपमोनिया, लैरींगोट्राचेओब्रोनकाइटिस और उल्टी-दस्त शामिल हैं। यह स्वस्थ बच्चों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। खसरे के प्रत्येक 1,000 मामलों में से एक में एक्यूट एन्सेफलाइटिस विकसित होगा, जिसके कारण मस्तिष्क स्थायी रूप से प्रभावित हो जाता है। खसरे से संक्रमित होने वाले प्रत्येक 1,000 बच्चों में से तीन की श्वसन और तंत्रिका संबंधी जटिलता से मृत्यु हो सकती है।

खसरा से बचने के लिए बच्चों को समय पर टीका लगवाना जरूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

टीकाकरण (Vaccination)

खसरे को खसरा युक्त टीके से रोका जा सकता (measles in child) है। इसे मुख्य रूप से खसरा-कण्ठमाला-रूबेला (एमएमआर) टीके के संयोजन के रूप में लगाया जाता है। खसरा को संयुक्त रूप से मिजल्स-मम्प्स -रूबेला वैक्सीन ( measles-mumps-rubella -MMR vaccine) के रूप में 12 महीने से 12 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जाता है। खसरे का एकल एंटीजन टीका उपलब्ध नहीं है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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