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डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकता है चीज़, जानिए इस बारे में क्या कह रहे हैं शाेध

सक्रिय रहना, स्वस्थ भोजन करना और धूम्रपान न करना उम्र बढ़ने के साथ आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टरों द्वारा बताई गई कुछ टिप्स है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक इसमें चीज (Cheese) का सेवन भी शामिल कर दिया है।
जो लोग अधिक चीज़ का सेवन करते हैं उनमें डिमेंशिया का खतरा कम होता है । चित्र : शटरस्टॉक
संध्या सिंह Published: 1 Oct 2023, 15:30 pm IST
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डिमेंशिया संज्ञानात्मक क्षमता के कम होने की स्थिति है जिसमें व्यक्ति के सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह कई लोगों में उम्र के साथ दिखता है। डिमेंशिया का कोई इलाज नहीं है लेकिन स्वस्थ जीवन शैली और खान पान के साथ इसे ठीक रखा जा सकता है। डिमेंशिया को कम करने और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बाहतर बनाने के लिए वैज्ञानिकों नें चीज के सेवन को सही बताया है।

क्या कहता है शोध

हाल के जापानी अध्ययनों के अनुसार, चीज डिमेंशिया या पार्किंसंस जैसी अन्य मस्तिष्क समस्याओं को कम करता है। मेडिकल जर्नल में लिखे गए शोध के अनुसार, जो लोग अधिक चीज़ का सेवन करते हैं उनमें डिमेंशिया का खतरा कम होता है।

शोधकर्ताओं द्वारा 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 1,600 वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया गया, और उन्होंने पाया कि जिन व्यक्तियों ने सबसे अधिक चीज़ खाया, उनमें कम चीज खाने वालों की तुलना में डिमेंशिया का जोखिम 44% कम था। इसके अलावा, शोध से पता चला कि चीज खाने वालों को पार्किंसंस और स्ट्रोक जैसी अन्य मस्तिष्क बीमारियों का खतरा कम था।

न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में डेयरी और मस्तिष्क स्वास्थ्य के बीच संबंध का विश्लेषण किया गया। टीम ने टोक्यो में प्रतिभागियों के अपने समूह के डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्ति शामिल थे।

डिमेंशिया संज्ञानात्मक कार्य में कमी की विशेषता है जो उम्र बढ़ने के साथ शुरू होती है। चित्र-शटरस्टॉक।

क्या होता है डिमेंशिया

डिमेंशिया एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग संज्ञानात्मक समस्या के एक समूह का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो किसी व्यक्ति की सोचने, याद रखने और रोजमर्रा की गतिविधियों को करने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह कोई विशिष्ट बीमारी नहीं है, बल्कि विभिन्न अंतर्निहित स्थितियों के कारण होने वाला एक सिंड्रोम है। डिमेंशिया संज्ञानात्मक कार्य में कमी की विशेषता है जो उम्र बढ़ने के साथ शुरू होती है।

डिमेंशिया के कुछ सामान्य लक्षण

याद रखने में समस्या

डिमेंशिया से पीड़ित लोगों को अक्सर हाल की घटनाओं, नियुक्तियों या परिचित लोगों के नाम याद रखने में कठिनाई होती है। उन्हें हर चीज बार बार बतानी पड़ती है या याद दिलानी पड़ती है।

कम्युनिकेशन समस्याएं

उन्हें सही शब्द ढूंढने में कठिनाई हो सकती है, बातचीत के समझने में या उसमें शामिल होने में कठिनाई हो सकती है, और खुद को बार-बार दोहरा सकते हैं। उन्हे बात चीत के दौरान भी समस्या हो सकती है।

निर्णय लेने में समस्या

निर्णय लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है, और डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति खराब विकल्प चुन सकते हैं या खराब निर्णय का प्रदर्शन कर सकते हैं। वे कई बार ऐसी बाते भी कर सकते है जिसका कोई तर्क न हो।

मक्ख़न या चीज़ आपके लिए क्या बेहतर है। चित्र : शटरस्टॉक

समय या स्थान को लेकर भ्रम

अल्जाइमर या अन्य डिमेंशिया से पीड़ित लोग तारीखों, मौसमों और समय बीतने का ध्यान रखने में परेशानी का सामना कर सकते है। अगर कोई बात तुरंत नहीं हो रही है तो उन्हें समझने में परेशानी हो सकती है। कभी-कभी वे भूल सकते हैं कि वे कहां हैं या वे वहां कैसे पहुंचे।

देखकर चीजों को पहचानने में समस्या

अल्जाइमर या अन्य डिमेंशिया से पीड़ित कुछ लोगों को दृष्टि परिवर्तन का अनुभव हो सकता है। इससे संतुलन बनाने में कठिनाई हो सकती है या पढ़ने में परेशानी हो सकती है। उन्हें दूरी पहचानने और रंग या कंट्रास्ट निर्धारित करने में भी समस्या हो सकती है, जिससे ड्राइविंग में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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