इन 7 योगासनों पर भरोसा कीजिए, ये मेटाबॉलिज्म दुरुस्त कर तेजी से करेंगे वेट लॉस
शरीर का मेटाबॉलिज्म गाड़ी के इंजन की तरह होता है। इंजन ख़राब हुआ तो गाड़ी खटारा! ठीक उसी तरह अगर हमारा मेटाबॉलिज्म दुरुस्त है, तो हम भी दुरुस्त हैं और अगर मेटाबॉलिज्म गड़बड़ तो हम मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
जानिये क्या है मेटाबॉलिज्म?
मेटाबॉलिज्म शरीर की वह प्रक्रिया है जिसमें खाना पचने से लेकर उससे मिलने वाली ऊर्जा को सोखने और उसके इस्तेमाल तक सब कुछ शामिल है। यानी कि हमारे चलने, बैठने, खेलने, बोलने यहां तक कि सांस लेने के लिए मिलने वाली ऊर्जा मेटाबॉलिज्म से ही आती है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म तेज़ है तो आप जल्दी कैलोरी बर्न करेंगे और वेट लॉस होगा। वहीं अगर आपका मेटाबॉलिज्म धीमा है तो आप कम कैलोरी बर्न करेंगे और मोटापे की शिकार हो जाएंगी।
सर्व एंड दिवा योग की मास्टर इंस्ट्रक्टर श्रद्धा अय्यर इस स्लो मेटाबॉलिज्म का कारण आजकल के लाइफस्टाइल को मानती हैं। पूरी नींद न लेना, व्यायाम की कमी, प्रोसेस्ड फूड और तनावपूर्ण जीवन ये सभी कारण है कि हमारा मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और वेट लॉस नहीं हो पाता।
मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रखने के लिए इन योगासनों पर आप भरोसा कर सकती हैं।
1. त्रिकोणासन
- इस आसन को करने के लिए किसी मैट पर अपने पैरों को लगभग 3 फीट की दूरी पर रखकर खड़ी हों।
- दोनों हाथों को कंधो के बराबर उठाएं और हथेलियों को नीचे की ओर मोड़ लें।
- इसके बाद दाएं हाथ को बायं पैर के पास लाएं, पैर या ज़मीन को छू सकें तो और अच्छा।
- ध्यान रहे घुटनों को मोड़ना नहीं है।
- जब दायां हाथ नीचे जाएगा तो बांया हाथ ऊपर की ओर जाएगा।
- कुछ सेकंड के लिए इसी पोजीशन में रहें। इसी प्रकार दूसरे हाथ से करना है।
दस्त, लो बीपी और हार्ट के मरीज़ों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
2. मरीच्यासन
दोनों पैरों को आगे की ओर रखें, फिर दाएं पैर को मोढ़ें और तलवे को ज़मीन पर रखें। सांस अंदर लेते हुए बायं हाथ को उठाएं और सांस छोड़ते हुए दाएं घुटने को छुएं। सर को पीछे की ओर मोड़कर दाहिने कंधे को देखें।
यदि आपको स्पाइन या घुटने में इंजरी है तो यह आसन ना करें। हाल में सर्जरी हुई है तो भी इस आसन को करने से बचें।
3. शलभासन
- पेट के बल लेटें और हाथों को जांघों के नीचे दबा लें।
- सांस लें और पैरों को हवा में उठाएं।
- जितनी देर इस पोजीशन में रह सकती हैं रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए पैर नीचे करें।
- 3-5 बार यह आसन करें।
पीठ या कमर में इंजरी है तो आप यह आसन न करें। हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो भी इस आसन को करने से बचें।
4. जानुशीर्षासन
- दोनों पैरों को आगे करें और फिर दाएं घुटने को मोड़कर दाएं तलवे को थाई के पास रखें।
- सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं, सांस छोड़ते हुए पीठ आगे झुकाएं और बाएं पैर के तलवे को पकड़ें।
- इस पोजीशन में रुकें और फिर धीरे से उठें।
- 2-3 बार दोनों साइड से करें।
यदि आपको स्पाइन या घुटने में इंजरी है तो यह आसन न करें। हाल में सर्जरी हुई है तो भी इस आसन को करने से बचें।
5. उष्ट्रासन
- घुटनों के बल बैठे और पैरों को पीछे की ओर मोड़ें।
- सांस लेते हुए अपर बॉडी को ऊपर खींचें।
- दोनों हाथों से दोनों टखनों को पकड़ें।
- कुछ सेकंड इस पोज़ में रुकें फिर धीरे से सांस छोड़ते हुए वापस आएं।
- 2-3 बार रिपीट करें।
घुटनों में समस्या रहती है, तो घुटनों के नीचे तौलिया रख सकते हैं। हर्निया या पेट की सर्जरी हुई हो तो यह आसन ना करें।
6. सर्वांगासन
- पीठ के बल लेटें, और धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाएं, अपने हाथों से कमर को सपोर्ट दें।
- पैरों को पीठ की सीध में उठाएं।
- इस पोज़ में कुछ सेकंड के लिए ठहरें और फ़िर धीरे से पैरों को नीचे कर लें।
- इस आसन को 2 बार रिपीट करें।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं, तो यह आसन ना करें।
7. हलासन
- पीठ के बल लेटें, धीरे से पैरों को उठाते हुए पीछे ले जाएं।
- हाथों से हिप्स को सहारा देते हुए पीछे पुश करें।
- पैरों को ज़मीन से छूने की कोशिश करें।
- कुछ देर इस पोज़ में रुके और फिर वापस नार्मल पोजीशन में आ जाएं।
- 2-3 बार यह आसन करें।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ है तो यह आसन ना करें।