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बाल पतले और कमजोर हो गए हैं, तो आयुर्वेदिक उपाय करेंगे बालों की रिग्रोथ में मदद

कमजोर और पतले बाल किसी को भी परेशान कर सकते हैं। पर चिंता न करें, क्योंकि आयुर्वेद में इसका भी उपाय है।
बालों को ट्रिम करने से आपके बालों के दोमुंहे बाल निकल जाते हैं, जिससे बालों को बढ़ने में मदद मिलती है। चित्र : शटरस्टॉक
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यदि हमारे बाल स्वस्थ और दिखने में आकर्षक हैं, तो हमारा आत्मविश्वास अपने आप ही बढ़ जाता है। जबकि लगातार झड़ते और पतले होते बाल हमारे कॉन्फ़िडेंस को भी कम कर देते हैं। तमाम घरेलू उपायों और कॉस्मेटिक्स प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल के बावजूद भी यदि झड़ते बालों का कोई इलाज आपको नज़र नहीं आ रहा है, तो आपको ये आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic Remedies) ज़रूर आज़माने चाहिए।

आयुर्वेद झड़ते बालों की समस्या का समग्र रूप से निदान करने में मददगार है। यह भारतीय चिकित्सा पद्धति बालों के विकास के लिए इन बिंदुओं पर कार्य करती है –

स्वस्थ मन और भावनाएं
इष्टतम पोषण
बालों में तेल लगाना और धोना
सिर की मालिश
हर्बल उपचार

बालों की देखभाल करें। चित्र : शटरस्टॉक

यहां है अवयुर्वेद के अनुसार बाल झड़ने का कारण

आयुर्वेद के अनुसार, ब्रह्मांड में सब कुछ पांच तत्वों – वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी और आकाश – और तीन दोषों, अर्थात वात, पित्त और कफ से बना है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि हम इन्हें अपने शरीर के भीतर संतुलित करके अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं।

दोष स्पष्ट रूप से सब कुछ नियंत्रित करते हैं, बालों के रंग से लेकर शरीर के प्रकार तक जिस तरह की बीमारियों से हम पीड़ित हो सकते हैं। आम तौर पर, हमारे पास एक या दो प्रमुख दोष होते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो वात का संबंध वायु से, पित्त का अग्नि से और कफ का जल से है।

माना जाता है कि वात की भूमिका हमारे तंत्रिका तंत्र तक ही सीमित है, पित्त पाचन और चयापचय के लिए जिम्मेदार है, जबकि कफ जोड़ों के स्नेहन, प्रतिरक्षा को मजबूत करने और शरीर के ऊतकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इनमें से किसी भी दोष के बढ़ने से विभिन्न प्रकार के रोग हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बालों का झड़ना पित्त दोष के बढ़ने के कारण होता है।

अब जानते हैं बालों के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स

1. बालों में तेल लगाना और धोना

हेयर ऑयल बालों के रोम के साथ-साथ खोपड़ी को भी पोषण देने में मदद करते हैं। बस अपनी दिनचर्या में बालों में तेल लगाना शामिल करें। ताकि बालों का विकास प्रोत्साहित हो सके। यह बालों को गहराई से मॉइस्चराइज़ कर सकता है।

शारीरिक प्रकृति के आधार पर कुछ सर्वोत्तम तेल हैं:

वात के लिए बादाम या तिल का तेल
पित्त के लिए नारियल या बादाम का तेल
कफ के लिए जैतून का तेल

गर्म तेल की मालिश करने के फायदे। चित्र : शटरस्टॉक

2. सही पोषण

आयुर्वेद में, बालों की देखभाल के लिए एक अच्छे आहार का पालन करना ज़रूरी है। अच्छी तरह से खाना, बालों के रोम को भीतर से पोषण प्रदान करता है। यह बालों के झड़ने को रोकने में मदद कर सकता है और नए विकास को जन्म दे सकता है।

फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें
स्वस्थ वसा की एक मध्यम मात्रा, जैसे घी या मेवा
जीरा, हल्दी, अदरक, और शहद जैसी चीज़ें लें
दोषों को संतुलित करने के लिए त्रिफला जैसे हर्बल सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।

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3. सिर की तेल मालिश

आयुर्वेद बालों को धोने से पहले 20 मिनट तक गर्म तेल से सिर की मालिश करने की सलाह देता है। हर्बल तेल के साथ चंपी या मालिश बालों के विकास और सामान्य कंडीशनिंग के लिए चमत्कार कर सकती है। इसमें कभी-कभी, तेलों को गर्म किया जाता है और माथे पर डाला जाता है, फिर मालिश की जाती है। इससे रक्त संचार अच्छा रहता है।

4. हर्बल हेयर केयर

आयुर्वेद में, रीठा (Sapindus mukorossi) और शिकाकाई (Senegalia Rugata) पौधों को गर्म पानी में मिलाया जाता है और एक झागदार, साबुन, शैम्पू बनाया जाता है। यह मिश्रण बालों के स्ट्रैंड की नमी को बनाए रखता है और पानी का इस्तेमाल बालों को साफ और पोषण देने के लिए किया जाता है।

आप भी यही सब तरीके घर पर आजमा सकती हैं या आयुर्वेदिक केंद्र में जाकर इस उपचार को करवा सकती हैं।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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