Skin Fasting : अगर आप भी स्किन केयर के इस ट्रेंड को ट्राय करना चाहती हैं, तो पहले मेरा अनुभव पढ़ें
इंटरनेट के इस जमाने में ट्रेंड हर वक्त बदलते रहते हैं। लॉकडाउन ने लोगों में त्वचा और बालों की देखभाल करने की आदत को अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया है। यही कारण है कि हर दूसरे महीने हमें सौंदर्य जगत में नए ट्रेंड्स देखने को मिलते हैं। चाहें हेयर चॉकिंग हो, 12-स्टेप नाईट केयर रिजीम या फिर हाल का ही ट्रेंड स्किन- फास्टिंग। मैंने स्किन फास्टिंग को अपनाकर देखा।
अगर आप भी इ्रसे ट्राय करने के बारे में सोच रहीं हैं, तो आपको मेरा अनुभव जान लेना चाहिए।
स्किन फास्टिंग यानी त्वचा का उपवास। अब जैसा कि नाम से ही पता चलता है यह ट्रेंड, स्किन केयर के सभी प्रोडक्ट से कुछ दिन के उपवास की सलाह देता है।
क्या है स्किन फास्टिंग?
स्किन फास्टिंग एक जापानी तरीका है जिसमें कुछ समय के लिए कोई भी प्रोडक्ट त्वचा पर नहीं लगाया जाता। इसे स्किन डिटॉक्स की तरह देखा जाता है।
क्लींजर से लेकर स्क्रब, टोनर और मॉइस्चराइजर के बिना आपको एक हफ्ते से एक महीने तक त्वचा का उपवास रखना है।
लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या यह तरीका कारगर है?
मैंने अपनाया स्किन फास्टिंग का ट्रेंड, पड़ गए लेने के देने
कपड़े हों या मेकअप, मैं कम से कम में काम चलाने में ही यकीन करती हूं। यही कारण है कि जब मैंने स्किन फास्टिंग के बारे में सुना तो मैंने तय किया कि इसे ट्राई किया जा सकता है।
मेरा बहुत जटिल स्किन केयर रूटीन नहीं है।
मैं बस दिन में दो बार एक वॉटर बेस्ड क्लींजर से चेहरा साफ करती हूं, रात को सीरम और दिन में सनस्क्रीन युक्त मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करती हूं। हफ्ते में एक बार मैं स्क्रब और मास्क का भी प्रयोग करती हूं।
पहले दिन त्वचा बहुत रूखी महसूस हुई
पहले दिन जब मैंने कोई मॉइस्चराइजर नहीं लगाया, तो शाम तक मेरी स्किन पूरी तरह पैची और ड्राई हो गयी थी। मुंह धोने के लिए मैं सिर्फ पानी का इस्तेमाल कर रही थी। इसलिए मेरी त्वचा बहुत अधिक ड्राई नहीं थी।
दूसरे दिन इस रूखेपन से बचने के लिए मैंने ढेर सारा पानी पिया। यकीनन यह एकमात्र फायदा रहा इस रूटीन का कि मैंने खूब सारा पानी पिया।
एक हफ्ता खत्म होते होते न तो मैं इस रूखेपन से ओके हुई ना रूखापन कम हुआ।
जब सातवें दिन मैंने मॉइस्चराइजर लगाया, तो मुझे अपनी त्वचा बहुत कोमल महसूस हुई।
तो क्या यह ट्रेंड बिल्कुल व्यर्थ है?
जी नहीं, किसी निष्कर्ष पर अभी न पहुंचें। फ्रंटियर्स ऑफ डर्मेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार त्वचा की नमी बरकरार रखना त्वचा की देखभाल का पहला कदम होना चाहिए।
स्किन फास्टिंग पूरी तरह नुकसानदेह नहीं है। असल में, मेरी स्किन टाइप कॉम्बिनेशन स्किन है। इसलिए मेरी त्वचा बहुत अधिक ड्राई महसूस हो रही थी।
यह ट्रेंड उन लोगों के लिए कारगर है जो रेटोनॉइड, सीरम और मास्क का हर दिन उपयोग करते हैं।
यही नहीं, लगातार एक हफ्ते तक यह उपवास करने के बजाय दो-दो का डिटॉक्स गैप अपने अनुसार बीच में ही ले लें।
स्किन फास्टिंग का यह अर्थ नहीं कि आप प्राकृतिक नुस्खों का भी प्रयोग नहीं कर सकतीं।
अगर त्वचा बहुत ऑयली महसूस हो रही है, तो मुल्तानी मिट्टी इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं अगर बहुत रूखापन है तो शहद का प्रयोग करें।
स्किन फास्टिंग का अर्थ त्वचा को केमिकल वाले प्रोडक्ट से दूर रखना है, उसे नुकसान पंहुचाना नहीं।
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