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इस शोध के अनुसार एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में दवाओं से ज्यादा कारगर है डाइट

अगर आप बढ़ती उम्र पर लगाम लगाना चाहती हैं, तो अपने आहार को दुरस्त करें। और इसके लिए आपको किसी फैंसी डाइट की जरूरत नहीं है, बल्कि आपका पारंपरिक भोजन भी इसमें मददगार साबित हो सकता है।
रोज़ाना मील में जिन भी चीजों का सेवन किया जाता है, उसका असर स्किन हेल्थ पर भी दिखने लगता है। । चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 29 Nov 2021, 22:00 pm IST
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झड़ते बाल, झुर्रियां, थकी हुई मांसपेशियां और मानसिक तनाव, ये सभी एजिंग के लक्षण हो सकते हैं। कई बार यह सभी लक्षण उम्र से पहले ही नजर आते हैं, फिर इसके लिए न जाने क्या-क्या उपाय और दवाओं का सेवन हम करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए दवाओं से भी ज्यादा बेहतर हमारा आहार होता है? दरअसल एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि दवाओं के सेवन की तुलना में हमारी अच्छी डाइट ( good diet) का प्रभाव हमारी कोशिकाओं ( cells ) के आंतरिक कामकाज पर अधिक मजबूत हो सकता है। 

क्या है यह नया शोध 

सिडनी विश्वविद्यालय ( University of Sydney )  के चार्ल्स पर्किन्स सेंटर ( Charles Perkins Center )  द्वारा यह अध्ययन किया गया है। जिसका निष्कर्ष  ‘सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल’ में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के अनुसार डायबिटीज, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों को दूर रखने के लिए हमारी डाइट दवाओं से कहीं अधिक शक्तिशाली प्रभाव डालती है।

कैसे किया गया यह अध्ययन 

चूहों पर किए गए इस शोध में यह जानकारी सामने आई है कि हमारे पोषण का उम्र बढ़ने और मेटाबॉलिज्म (

डायबिटीज, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों को दूर रखने के लिए हमारी डाइट दवाओं से कहीं अधिक शक्तिशाली प्रभाव डालती है। शटरस्टॉक

)  पर भारी प्रभाव पड़ता है। जो आमतौर पर डायबिटीज के इलाज और उम्र बढ़ने को धीमा करने के लिए उपयोग किए जाने वाली दवाओं की तुलना में कहीं अधिक है।

 

इस अध्ययन के दौरान जिन तीन दवाओं की जांच की गई, वे मेटफॉर्मिन ( metformin ) , रैपामाइसिन ( rapamycin ) और रेस्वेराट्रोल ( resveratrol )  थीं।  चूहों के एक समूह को प्रोटीन, कार्ब्स, वसा, कैलोरी और दवाओं के 40 अलग-अलग संयोजन दिए गए।

भोजन का एजिंग सेल पर प्रभाव 

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कैलोरी की मात्रा और पोषक तत्व का स्तर दोनों का लिवर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विशेष और सामान्य रूप से कोशिका के कामकाज पर आहार का भी प्रभाव पड़ता है। कोशिकाओं को नई ऊर्जा मिलती है। ऊर्जा का स्तर निर्धारित करता है कि कोशिकाएं कितनी कुशलता से कार्य कर रही है और नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। नए सेल विकास और समग्र सेलुलर कामकाज शारीरिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से काफी हद तक जुड़े हुए हैं।

पारंपरिक खानपान है बेहतर 

सिडनी विश्वविद्यालय के चार्ल्स पर्किन्स सेंटर में आयोजित, इस प्रीक्लिनिकल शोध परियोजना का निष्कर्ष है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने वाली दवाओं से बेहतर है आपका पारंपरिक और पौष्टिक भोजन। एंटी-एजिंग और अच्छे चयापचय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मामले में आहार और  पोषण बहुत अधिक फायदेमंद है।

क्वेरसेटिन युक्त फल और सब्जियां आपको एंटी ऐजिंग लाभ प्रदान करते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

वरिष्ठ अध्ययन लेखक और चार्ल्स पर्किन्स सेंटर के अकादमिक निदेशक, प्रोफेसर स्टीफन सिम्पसन ( Professor Stephen Simpson ) बताते हैं, “आहार एक शक्तिशाली दवा है। हालांकि, वर्तमान में दवाओं को इस बात पर विचार किए बिना एंडोर्स किया जाता है कि वे हमारे आहार संरचना के साथ कैसे और बेहतर प्रभाव डाल सकते हैं। 

क्यों महत्वपूर्ण है यह शोध 

 जानकारी के अनुसार इस परियोजना का उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि पोषक तत्व-संवेदन और विभिन्न अन्य चयापचय मार्गों पर दवाएं या आहार अधिक प्रभावशाली हैं या नहीं।  इसके अतिरिक्त, शोधकर्ताओं ने जवाब देने के लिए निर्धारित किया कि क्या आहार या दवाएं एक-दूसरे के साथ बातचीत करती हैं और चयापचय परिप्रेक्ष्य से प्रभावशीलता में वृद्धि या कमी करती हैं।

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चलते-चलते

हम सभी जानते हैं कि हम जो खाते हैं, वह हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, लेकिन इस अध्ययन से यह पता चला है कि भोजन हमारी कोशिकाओं में चलने वाली कई प्रक्रियाओं को कई प्रकार से प्रभावित कर सकता है। यह हमें अंतर्दृष्टि देता है कि आहार स्वास्थ्य और उम्र बढ़ने को कैसे प्रभावित करता है। स्वस्थ भोजन, स्वस्थ जीवन के लिए संजीवनी है।

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अक्षांश कुलश्रेष्ठ

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