स्किन से लेकर वेजाइना तक आपकी सेहत पर कहर ढा सकता है गंदे पानी में डुबकी लगाना
त्योहारों और अनुष्ठानों का मजा पारंपरिक तरीके से अपने परिवार के साथ ही आता है। मगर जैसे-जैसे आप काम के सिलसिले में घर से बाहर निकलते हैं, आपकी परंपराएं आपसे छूटने लगती हैं। यकीनन छठ के महापर्व (Chhath Puja celebration) पर भी आपको ऐसा ही महसूस होता होगा। बिहार और पूर्वांचल के लोगों के लिए सबसे बड़े त्योहारों में से एक है।
छठ पूजा चार दिवसीय अनुष्ठान है, जिसमें व्रती लोग नदी या तालाब में स्नान करते हैं और घाट पर डूबते और उगते सूरज को पानी में अर्घ्य देते हैं। मगर प्रदूषण ने घाटों के सौंदर्य को ही नहीं, नदियों की शुद्धता को भी लील लिया है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप प्रदूषण वाले पानी में डुबकी लगाने से बचें।
इस बीच, जहां कोरोना महामारी सभी त्यहारों में अड़चन पैदा कर रही है, तो वहीं वातवरण में बढ़ता स्मोग (Smog) और जल प्रदूषण भी छठ पूजा (Chhath Puja 2021) में कहर बरपा रहा है। हाल ही में दिल्ली में छठ पूजा की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिन्हें देखकर आपका मन विचलित हो जाएगा।
इन तस्वीरों में कुछ महिलाओं को यमुना के दूषित पानी (Yamuna river pollution) में स्नान करते देखा जा सकता है। दूर से देखने पर बर्फ के डेले जैसा दिखने वाला यमुना का पानी दरअसल जहरीला झाग (toxic foam) है। जो सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि जब छठ पूजा कर रहे लोगों से यह पूछा गया कि आप क्यों इस दूषित पानी में डुबकी लगा रहे हैं? तो उनका कहना था कि ”पानी में डुबकी लगाना पूजा का हिस्सा है, इसलिए उन्होनें ऐसा किया।”
मगर अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या गंदे पानी में डुबकी लगाना सही है? क्योंकि ये सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है
क्यों बनते हैं पानी में झाग (Froth)
इस मुद्दे की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, यमुना नदी में झाग की जहरीली परत सीवेज में फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट की उपस्थिति का परिणाम है। यह एक ऐसी घटना है, जो कई झीलों और नालों पर घटित होती है। जब कार्बनिक पदार्थ विघटित हो जाते हैं, तो फोम के बुलबुले उत्पन्न होते हैं।
गंदे पानी में डुबकी लगाना पड़ सकता है सेहत पर भारी
1. त्वचा संबंधी समस्याएं
इस तरह के दूषित पानी में डुबकी लगाने पर फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट जैसे रसायन त्वचा के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। साथ ही, एलर्जी और त्वचा रोग का भी कारण बन सकते हैं।
2. पाचन तंत्र में गड़बड़ी
यूं तो इस पानी को पीने की भूल कोई नहीं करना चाहेगा! मगर पानी पेट के अंदर जाने पर यह पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं और टाइफाइड जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
3. हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है
औद्योगिक प्रदूषकों में भारी धातुओं के लंबे समय तक संपर्क में रहने से तंत्रिका संबंधी समस्याएं और हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है।
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कस्टमाइज़ करें4 वेजाइनल हेल्थ के लिए भी है खतरनाक
पानी के बीच खड़े होकर सूर्य को अर्ध्य देना पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा है। पर क्या आप जानती हैं कि रसायन युक्त दूषित पानी में खड़े होना या डुबकी लगाना आपकी वेजाइनल हेल्थ पर कहर बरपा सकता है। गंदा पानी न केवल आपकी योनि को भयानक संक्रमण दे सकता है, बल्कि यह आपके इंटीमेट एरिया में खुजली, रेशेस और लालामी का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
तो, भले ही पूजा कितनी महत्वपूर्ण क्यों न हो, इस जहरीले पानी में डुबकी लगाने की गलती न करें, क्योंकि सेहत ही सबसे बड़ी पूंजी है। आपके लिए स्विमिंग पूल, छत या बालकनी में पानी भरे टब में अर्घ्य देना ज्यादा बेहतर हो सकता है। पूजा और अनुष्ठान में थोड़े से संशोधन के साथ अगर सेहत बच सकती है, तो ये संशोधन कर लेने चाहिए।
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