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Pregnancy Nutrition : स्वस्थ गर्भावस्था और भ्रूण के विकास के लिए जानिए सबसे जरूरी पोषक तत्वों के बारे में

मां और गर्भस्थ शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि प्रेगनेंसी के दौरान पोषक तत्वों का बहुत ध्यान रखा जाए। किसी तरह की डेफिशिएंसी होने पर सप्लीमेंट भी लिए जा सकते हैं।
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हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए आपको अपने आहार का बहुत ध्यान रखा होगा। चित्र : शटरस्टॉक
Dr Manjusha Goel Updated: 29 Jun 2023, 17:55 pm IST
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने खान-पान का बहुत ध्यान रखना चाहिए। उनके द्वारा खाए जाने वाला खाना बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाता है। यह उनके अपने स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान मां का शरीर कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तनों से गुज़रता है और ऐसी स्थिति में सही पोषण बहुत ज़रूरी होता है। यहां हम उन पोषक तत्वों के बारे में बात कर रहे हैं, जाे एक हेल्दी प्रेगनेंसी (Nutrients for healthy pregnancy) और हेल्दी बेबी के लिए अनिवार्य हैं।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं और बच्चे के लिए महत्वपूर्ण कुछ पोषक तत्वों में शामिल हैं (Nutrients for healthy pregnancy)

1 आयरन 

आयरन हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए बहुत ज़रूरी है जो माँ और बच्चे की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। जैसे-जैसे गर्भावस्था के दौरान रक्त की मात्रा बढ़ती है, आयरन का सेवन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

दैनिक आहार में शामिल करने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में लीन मीट, चिकन, मछली, अनाज और गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं। इन भोजनों को विटामिन सी के स्रोतों जैसे खट्टे फलों के साथ मिलाने से आयरन के अवशोषण में मदद मिलती है।

2 कैल्शियम

कैल्शियम शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए आवश्यक है। यदि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पर्याप्त कैल्शियम नहीं लेती हैं, तो बच्चा विकास के लिए ज़रूरी कैल्शियम मां की हड्डियों से लेने लग जाएगा। इस से प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में कैल्शियम कम हो जाएगा।

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। चित्र शटरस्टॉक।

इसलिए, इस महत्वपूर्ण समय के दौरान पर्याप्त कैल्शियम लेना चाहिए। कैल्शियम डेयरी उत्पादों, फोर्टीफाइएड प्लांट बेस्ड दूध, हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर मात्रा में मिल सकता है।

3 फोलेट/फोलिक एसिड

फोलेट, या सिंथेटिक फोलिक एसिड, गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में आवश्यक है। यह आपके बच्चे की न्यूरल ट्यूब के निर्माण में मदद करता है, जो बाद में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में विकसित होती है। पत्तेदार हरी सब्जियां, खट्टे फल, फलियां और अनाज सभी फोलेट के अच्छे स्रोत हैं।

4 ओमेगा -3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड), बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास के लिए आवश्यक हैं। आहार में फैटी मछली जैसे सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन शामिल करें। यदि मां शाकाहारी है तो एलगी से मिलने वाले डीएचए की खुराक के बारे में डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है।

5 प्रोटीन

बच्चे की कोशिका और टिश्यू विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। लीन मीट, पोल्ट्री, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद, फलियां और नट्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। प्रेगनेंसी के समय सैचुरेटेड फैट कम खाना चाहिए।

6 विटामिन डी

विटामिन डी कैल्शियम सोखने के लिए आवश्यक है, जो आपके और आपके बच्चे दोनों की हड्डियों के अच्छे विकास को बढ़ावा देता है। पर्याप्त धूप लें, फोर्टीफ़िएड खाना खाए और यदि आवश्यक हो तो विटामिन डी की गोलियों पर विचार करें। हालांकि इसके लिए पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर ले ताकि कोई भी साइड-इफ़ेक्ट न हो।

इसके अलावा, कुछ जीवनशैली संबंधी टिप्स भी हैं जिन्हें महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अपना सकती हैं। इसमे शामिल है:

एडिशनल सप्लीमेंट

गर्भावस्था के दौरान भले ही महिलाएं संतुलित आहार ले रही हैं तो भी कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। दैनिक प्रसव पूर्व विटामिन लेने से किसी भी कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है।

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आदर्श रूप से इसे गर्भधारण से कम से कम तीन महीने पहले शुरू करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ हर्बल सप्लीमेंट खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए, इन सप्लीमेंट्स का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।

पोषक तत्वों की कमी होने पर सप्लीमेंट भी लिए जा सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

सही हाइड्रेशन

गर्भावस्था के दौरान सही हाइड्रेशन भी बनाए रखना चाहिए। पानी आपके और आपके बच्चे तक उचित पाचन, परिसंचरण और पोषण संचरण को बढ़ावा देता है। यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय हैं या गर्म क्षेत्र में रहते हैं तो हर दिन 8-10 गिलास या इससे अधिक पानी पीने का लक्ष्य रखें। फल, सब्जियाँ और हर्बल चाय भी जलयोजन प्रदान कर सकते हैं।

धूम्रपान और शराब पीने से बचें

शराब और सिगरेट जैसी खतरनाक दवाओं से बचना भी बुद्धिमानी है। सिगरेट में निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार सहित कई हानिकारक रसायन होते हैं। जब एक गर्भवती महिला धूम्रपान करती है, तो ये विषाक्त पदार्थ उसके रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं और प्लेसेंटा के माध्यम से विकासशील बच्चे तक पहुंच सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, शराब के सेवन से गर्भपात और मृत शिशु के जन्म का खतरा बढ़ जाता है। इससे समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन और प्रसव के दौरान जटिलताएं भी हो सकती हैं। इसलिए इन आदतों से बचना चाहिए।

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Dr Manjusha Goel

Dr Manjusha Goel is experienced in managing high-risk and emergency cases, managing the labour ward and performing gynaecological surgeries and obstetrics procedures. She is also experienced in infertility procedures under the aegis of FOGSI. Presently she is Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology at CK Birla Hospital, Delhi ...और पढ़ें

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