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बच्चों की ओरल हाइजीन बनाए रखने के लिए हर पेरेंट को पता होनी चाहिए ये बातें

ओरल हेल्थ हमारे स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है और ये कहना गलत नहीं होगा कि संपूर्ण स्वास्थ्य कहीं न कहीं हमारी ओरल हेल्थ पर निर्भर करता है।
विटामिन डी ओरल हेल्थ के लिए आवश्यक है। चित्र:शटरस्टॉक
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इसमें कोई दोराय नहीं कि बच्चों की ओरल हेल्थ उनकी ग्रोथ में मददगार साबित होती है। आमतौर पर बच्चे सुबह उठकर एक बार ब्रश करते हैं, फिर दिनभर कुछ न कुछ खट्टा मीठा खाते रहते हैं और बहुत बार रात को बिना ब्रश किए ही सो जाते है। अधिकतर बच्चों का यही रूटीन है। क्या इस प्रकार से हम अपने बच्चों की ओरल हेल्थ का ख्याल रख पा रहे हैं। शायद नहीं, ओरल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए बच्चों के रूटीन चेकअप से लेकर दिन में दो दफा ब्रश करने तक हर चीज़ का ख्याल रखना ज़रूरी होता है।

ये वही उम्र है, जब बच्चों के दूध के दांत टूटकर नए दांत आने लगते हैं। ऐसे में अगर पेरेंटस बच्चों की दांतों की सफाई का ख्याल नहीं रखेंगे, तो दांतों में कीड़ा लगने का भय बना रहता है। आइए जानते है, इल्यूजन एलाइनर्स के डॉ अनिल अरोड़ा, डेंटल एक्सपर्ट एंव नॉलेज हेड से कि किस प्रकार से बच्चों की ओरल हेल्थ को हेल्दी बनाया जा सकता है।

प्रचुर मात्रा में पिलाएं पानी

वाटर इनटेक हमारे शरीर के बाकी अंगों की साफ सफाई के साथ साथ ओरल हेल्थ के लिए भी ज़रूरी है। बार बार पानी पीने से न केवल मुंह में जमा गंदगी बाहर निकल जाती है बल्कि मसूड़े भी स्वस्थ बने रहते हैं। इसके अलावा बच्चों के दांतों में कीडत्रा लगने का खतरा भी कम हो जाता है।

मीठा खाने से परहेज करें

बदलते लाइफस्टाइल के साथ बच्चों के शौंक और टेस्ट दोनों बदल रहे हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में बच्चे चॉकलेट, केक, मिठाईयां और ब्राउनी खाना पसंद करते हैं। जो दांतों की हेल्थ को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। ज़ाहिर है कि अगर आपका बच्चा मीठा खाना पसंद करता है, तो

इन तरीकों से बरकरार रखें अपनी ओरल हेल्थ । चित्र : शटरस्टॉक

दांतों पर उसका प्रभाव होगा। इससे कई बार न केवल दांत पीले पड़ जाते हैं बल्कि दांतों में दर्द की समस्या भी बनी रहती है।

इसके अलावा अगर दांतों में कीड़ा लगता है, तो दांत अपने आप टूटना शुरू हो जाते हैं। दरअसल, अधिक मीठा खाने से माउथ में बैक्टीरिया और अम्लता को बढ़ावा मिलता है। इससे आपके एनेमल और मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है।

डॉक्टरी सलाह है ज़रूरी

लगातार मीठा खाने से बच्चों के दांत खराब होने लगते हैं। ऐसे में डॉक्टरी सलाह लेना बेहद ज़रूरी है। कोशिश करें कि बच्चे को नियमित तौर पर हर महीने डेंटिस्ट के पास एक सिटिंग के लिए ज़रूर लग जाएं, ताकि बच्चों के दांतों में पनपने वाली समस्या पर समय रहते काबू पाया जा सके। रूटीन चेकअपन बच्चों की ओरल हेल्थ को मज़बूती प्रदान करने का काम करती है।

दिन में दो दफा ब्रश करें

सुबह उठकर दांतों को साफ करने का रूटीन काफी नहीं है। अगर आप दांतों को मज़बूत बनाना चाहते हैं, तो दिन में दो दफा ब्रश ज़रूर करें। रात में ब्रश करके सोने से आपके दात स्वक्ष्छ रहते हैं। रात के ब्रश के साथ ही दांतों में जमी चिकनाई, गंध और खाने की लेयरस अपने आप साफ हो जाती है। इससे रातभर आपका मुंह साफ रहता है और मुंह में पनपने वाले सभी बैक्टिरिया दूर हो जाते हैं।

जीभ की सफाई है ज़रूरी

ओरल हेल्थ से अभिप्राय केवल दांतों की सफाई तक ही सीमित नही है। मुंह की स्वच्छता कायम रखने के लिए जीभ का साफ रहना भी ज़रूरी है। अधिकतर बच्चों की जीभ अलग अलग तरह की चीजें खाने से गंदी हो जाती है। ऐसे में बच्चों को टंग क्लीनर का इस्तेमाल करना सिखाएं, ताकि वे जीभ पर चिपके खाने को साफ किया जा सके। दरअसल, जीभ गंदी रहने से मुंह में बैक्टिरिया पनपने लगता है। अगर आप दुर्गंध की समस्या से भी दो चर हो रहे हैए तो टंग क्लीनर की मदद से जीभ को रोज़ाना साफ करें।

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