लॉग इन

आपकी हड्डियों को कमजोर कर रही है ज्यादा कॉफी पीने की आपकी आदत, यहां जानिए इसके स्वास्थ्य जोखिम

अगर आपका दिन कॉफी की चुस्की के बिना अधूरा है, तो संभल जाइए! कॉफी का लगातार सेवन आपकी बोन्स और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
कॉफ़ी से बनाएं आइब्रो को घना और कला। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 29 Oct 2023, 19:22 pm IST
ऐप खोलें

आपका आहार और जीवन शैली आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार हैं। यदि आप मौसम के अनुकूल स्वस्थ आहार का सेवन नहीं करते हैं, तो यह लंबे समय के स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है। अगर कॉफी आपकी फेवरिट बेवरेज है और आपको इसकी एडिक्शन हो गई है, तो यह हानिकारक साबित हो सकता है। कॉफी दुनिया में सबसे अधिक खपत होने वाला पेय हो सकता है। लेकिन इसमें कई जटिल रसायन होते हैं, जिनमें कार्बोहाइड्रेट, नाइट्रोजनयुक्त कंपाउंड, विटामिन, खनिज और फेनोलिक कंपाउंड शामिल हैं।

इन जटिल रसायनों का समायोजन आपको लंबे समय के लिए बीमार कर सकता है। हाल ही में, कई जांचकर्ताओं ने बताया है कि कॉफी का सेवन कई स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ा है।जिसमें टाइप 2 डायबिटीज, पार्किंसंस डिजीज और लीवर सिरोसिस शामिल हैं। हालांकि कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि कॉफी का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर के बढ़ते जोखिम से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है। 

आपकी बोन हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकती है कॉफी 

अमेरिकी कृषि विभाग और नेशनल कॉफी एसोसिएशन के अनुसार, प्रत्येक कप  (172 ग्राम) पीसी हुई कॉफी में 103 मिलीग्राम कैफीन होता है। कैफीन के सेवन से बोन डेंसिटी में कमी और हिप फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। यह कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। 

ज्यादा कॉफी कमजोर हड्डियों का कारण बन सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

मानव मनोवैज्ञानिक अध्ययन ने आंतों के कैल्शियम अवशोषण पर कैफीन का एक स्पष्ट, लेकिन बहुत छोटा अवसाद प्रभाव बताया है। इसके सेवन से आपके यूरिनरी सिस्टम पर भी प्रभाव पड़ता है। किये गए शोध में दूध और कैफीन युक्त पय पदार्थों के बीच एक नकारात्मक प्रभाव देखा है। 

दूध वाली कॉफी है और भी ज्यादा हानिकारक

कॉफी को दूध में मिलाकर पीने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता है। कैफीन आपके दूध में मौजूद कैल्शियम की मात्रा को कम कर देता है। कम कैल्शियम का सेवन स्पष्ट रूप से हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा हुआ है। यह संभावना है कि उच्च कैफीन का सेवन अक्सर कम कैल्शियम सेवन का संकेत है।

और भी हैं काॅफी के ज्यादा सेवन के नुकसान 

1.  ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ाती है कॉफी 

कैफीन हड्डियों से कैल्शियम को बाहर निकालता है, जिससे उनकी ताकत कम हो जाती है। शोधकर्ता कहते हैं,  “आप हर 100 मिलीग्राम कैफीन के लिए लगभग 6 मिलीग्राम कैल्शियम खो देते हैं।” यह नमक जितना नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन फिर भी यह चिंताजनक है। कैफीन एक विशेष समस्या है जब एक महिला को हर दिन पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है। यह लंबे समय में गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस जैसे लक्षणों का कारण बन सकता है। 

2. हृदय रोग का जोखिम बढ़ाती है अनफिल्टर्ड कॉफी  

अनफ़िल्टर्ड कॉफी पीने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल और अन्य वसा की मात्रा बढ़ जाती है, और होमोसिस्टीन का स्तर भी बढ़ जाता है, जो सभी हृदय रोग के विकास के बढ़ते जोखिम से जुड़े होते हैं। कुछ शोध दिल के दौरे और कॉफी पीने के बीच संबंध का सुझाव देते हैं।

3. मधुमेह का कारण है कैफीन 

कुछ शोध से पता चलता है कि कॉफी में मौजूद कैफीन मधुमेह वाले लोगों के शर्करा को संसाधित करने के तरीके को बदल सकता है। कैफीन को रक्त शर्करा में वृद्धि के साथ-साथ घटने का कारण बताया गया है। यदि आपको मधुमेह है तो सावधानी के साथ कैफीन का प्रयोग करें और अपने रक्त शर्करा की सावधानीपूर्वक निगरानी करें।

कॉफी से हो सकता है मधुमेह। चित्र : शटरस्टॉक

4. गर्भवती और न्यू मॉम्स के लिए हानिकारक 

गर्भावस्था के समय अधिक कॉफी का सेवन गर्भपात, समय से पहले जन्म और जन्म के समय बच्चे के कम वजन के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है। गर्भावस्था के दौरान मां द्वारा पी जाने वाली कॉफी की मात्रा बढ़ने पर ये जोखिम बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, कैफीन स्तन के दूध में जा सकता है। 

इसलिए स्तनपान कराने वाली माताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कैफीन के सेवन की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली माताओं द्वारा कैफीन के अधिक सेवन से स्तनपान करने वाले शिशुओं में नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन और आंत्र परेशानियां हो सकती है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

तो लेडीज, अगर अपनी सेहत को फिट रखना है, तो अपने कॉफी के सेवन को सीमित करें। 

यह भी पढ़ें: आंखों की रोशनी बढ़ानी है, तो साथ में खाइए सौंफ और मिश्री, और भी हैं इसके लाभ

अदिति तिवारी

फिटनेस, फूड्स, किताबें, घुमक्कड़ी, पॉज़िटिविटी...  और जीने को क्या चाहिए ! ...और पढ़ें

अगला लेख