रात में अच्छी नींद चाहिए, तो ओट्स को करें अपनी डाइट में शामिल, एक न्यूट्रीशनिस्ट बता रहीं हैं दोनों का कनेक्शन
अगर ओट्स (Oats Nutrition) को पोषण का पावरहाउस कहा जाए, तो यह गलत नहीं होगा। पौष्टिक तत्वों से भरपूर ओट्स को जौ यानि एवेना सैटिवा पौधे से तैयार किया जाता है। अधिकतर लोग वेटलॉस के लिए इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके सेवन से नींद न आने की समस्या को भी दूर किया जा सकता हैं। खासतौर से वे लोग जो नींद पूरी न हो पाने की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें इसे अपनी मील का हिस्सा ज़रूर बनाना चाहिए। आइए एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं कैसे अच्छी नींद लेने में मददगार साबित हो सकते हैं ओट्स।
पहले जानिए ओट्स के बारे में
फाइबर, मैग्नीशियम, कैरोटीनॉयड, प्रोटीन, जिंक, अमीनो एसिड और विटामिन्स से भरपूर ओट्स एक साबुत अनाज वाला खाद्य पदार्थ है। ये हेल्दी सुपरफूड एवेना सैटिवा प्लांट से तैयार होता है, जिसे जौ कहा जाता है। ओट्स एक प्रकार का दलहन है। जो पोएसी परिवार से जुड़ा हुआ है। स्कॉटलैंड में इसे मुख्य आहार के रूप में लिया जाता है। प्रोसेस्ड ओट्स की तुलना में प्लेन ओट्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। सोडियम और शुगर से मुक्त ओट्स में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं। ग्लूटेन फ्री ओट्स माइक्रो न्यूट्रीएंट रिच होते हैं।
इसे खाने से लंबे वक्त तक भूख नहीं लगती है। साथ ही हृदय रोगियों से लेकर डायबिटीज़ के मरीजों तक सभी के लिए ये फायदेमंद साबित होते हैं। अपने पोषक तत्वों के कारण ओट्स को न्यूट्रीशन का पावर हाउस कहा जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं।
क्या है अच्छी नींद और ओट्स का कनेक्शन
ओट्स और हेल्दी स्लीप का आपस में क्या कनेक्शन है इस बारे में जानने के लिए हमने मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा से बात की। वे बताती हैं कि ओट्स पोषक तत्वों का भंडार हैं। खासतौर से बीटा ग्लूकन जो एक साल्यूएबल फाइबर है और एवेनंथ्रामाइड्स और सैपोनिन की उचित मात्रा पाई जाती है। इसके चलते ओट्स का गैस्टिंग एप्टिंग टाइम ज्यादा होता है। जो बेहतर नींद में फायदा पहुंचाता है। इसमें न केवल माइक्रो न्यूट्रीएंट की मात्रा ज्यादा होता है बल्कि ग्लाइसेमिक इंडैक्स भी लो है। किसी भी एज ग्रुप के लोग इसका सेवन कर सकते हैं। खासतौर से बुजुर्गो के लिए ज्यादा मददगार साबित होता है।
स्लीप बूस्टिंग न्यूट्रिएंटस से भरपूर
ओटमील से शरीर को मेलाटोनिन और मैग्नीशियम की प्राप्ति होती है। ये दोनों ही स्लीप बूस्टिंग पोषक तत्व हैं।यूएसडीए के अनुसार, एक कप कुकड ओट्स में 63.2 मिलीग्राम मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है। इसमें पाए जाने वाले कॉमप्लैक्स कार्बोहाइड्रेट शरीर में ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड के स्तर को बढ़ाने में मदद करता हैं। दरअसल, ट्रिप्टोफैन के हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन में कनवर्ट हो जाने से मूड बेहतर होने लगता है और आप रिलैक्स महसूस करने लगते हैं। इससे नींद न आने की समस्या हल हो जाती है और आप चैन की नींद सो सकते हैं।
और भी हैं ओट्स को आहार में शामिल करने के फायदे
1 पाचनतंत्र को बनाए मज़बूत
ओट्स में पाया जाने वाला सॉल्यूबल फाइबर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। इससे ब्लोटिंग, पेट दर्द, एसिडिटी और कब्ज से राहत मिलती है। पाचन शक्ति बढ़ाने के अलावा ये गट हेल्थ को फायदा पहुंचाता है। इस ग्लूटेन फ्री साबुत अनाज को आप ब्रेकफास्ट से लेकर इंवनिंग स्नैक्स तक कभी भी खा सकते हैं।
2 वेटलॉस में सहायक है
प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर की उच्च मात्रा से भरपूर ओट्स वज़न घटाने में भी मददगार साबित होते हैं। इसे खाने से देर तक आपका पेट भरा रहता है। जो बार बार लगने वाली भूख की समस्या को दूर करता है। इसे खाने से शरीर दिनभर एक्टिव बना रहता है। थकान और महसूस होने वाली कमज़ोरी कम हो जाती है। प्लेन ओट्स शरीर को ज्यादा फायदा पहुंचाते हैं।
3 कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या होगी हल
अधिक तला भुना खाना हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण साबित होता है। जो हृदय संबधी समस्याओं के जोखिम को कम कर देता है। एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर ओटमील का सेवन करने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगते हैं। बुजुर्गों के लिए खासतौर से बेहद फायदेमंद रहता है। इससे बोवेल मूवमेंट भी उचित बना रहता है।
4 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए भी है फायदेमंद
ओट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण ये शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है। ये पचाने में आसान है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए प्रोसेस्ड ओट्स की जगह प्लेन ओट्स का सेवन करें। इससे शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर की प्राप्ति होती है। ओट्स को आप दूध, दही और सब्जियों के साथ पकाकर भी खा सकते हैं।
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