अगर आप भी चाय के साथ दवा ले लेती हैं, तो इसे ध्यान से पढ़िए
एक कप चाय आपकी दिन भर की थकान उतार देती है। इसके बावजूद जब आप खुद को रिलैक्स महसूस नहीं करतीं, तो कोई दवा ले लेती हैं। खासतौर पर उपवास के दौरान बहुत सारी महिलाएं सिर में दर्द होने पर चाय के साथ दवा ले लेती हैं। जबकि कुछ नींद की गोली भी चाय के साथ खाने की आदी हैं। मगर आपको जानना चाहिए कि आपकी फेवरिट चाय न केवल दवा के प्रभाव को कम कर देती है, बल्कि आपको डाइजेशन (Digestion) और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) संबंधी समस्याएं भी दे सकती है।
पानी के साथ दवा लेना है सबसे बेहतर
आप चाय पीना कितना भी पसंद क्यों न करती हों, चाय आपके लिए कितनी ही फायदेमंद क्यों न हो, पर चाय के साथ कोई भी दवा खाना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। यह सलाह दी जाती है कि आप कोशिश करें कि जितना हो सके चाय के साथ दवा न लें। दवा को सादे पानी के साथ लेना सबसे अच्छा होता है।
हालांकि आप यह तर्क दे सकती हैं कि चाय का मुख्य घटक भी पानी ही है। चाय के पानी में मुख्य घटक बेशक पानी होता है, जो चाय के पानी की कुल मात्रा का 99% से अधिक होता है। शेष 1% से भी कम सामग्री चाय के अर्क हैं।
मगर ये 1 फीसदी सामग्री भी यानी टैनिक एसिड, थियोफिलाइन और कैफीन आपके स्वास्थ्य को गंभीर जोखिम दे सकती है। ये अवयव दवाओं के साथ प्रतिक्रिया करके उसकी प्रभावकारिता को नष्ट कर देते हैं।
उदाहरण के लिए टैनिक एसिड एक कॉम्प्लेक्स रिएक्शन बनाता है, जिससे दवा का अवशोषण और चयापचय प्रभावित होता है, जिससे दवा की प्रभावकारिता प्रभावित होती है।
जानिए क्या होता है जब आप चाय के साथ दवा लेती हैं
आपको ऐसा लग सकता कि नींद की गोली चाय के साथ लेने में क्या हर्ज है। पर चाय में मौजूद कैफीन (Caffeine) नींद की गोलियों के प्रभाव को भी खत्म कर देता है। अगर आप एनीमिया (Anaemia) की शिकार हैं और आयरन की गोलियां ले रहीं हैं, तो वह भी आपको चाय के साथ नहीं लेनी है। विशेषज्ञ यह भी सुझाव देते हैं कि आपको इन दवाओं के आधे से एक घंटे बाद तक भी चाय नहीं पीनी चाहिए।
चाय के साथ दवा लेने के नुकसान के पीछे का एक कारण चाय में मौजूद कैटेचिन (Catechin) है। कैटेचिन की मात्रा आयरन के अवशोषण को रोकती है। जिससे मल्टी-कॉम्प्लेक्स का उत्पादन होता है। हालांकि, ग्रीन टी में वीसी का होना आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देता है।
आयरन की कमी के कारण एनीमिया होने पर चाय पीने से बचना आपके लिए बेहतर है। क्योंकि यह अक्सर पाचन तंत्र (Digestive System) की श्लेष्मा झिल्ली के संकुचन का कारण बनता है। जिससे पाचन रस का स्राव कम हो जाता है और आयरन की अवशोषण दर कम हो जाती है।
तब क्या जूस के साथ ले सकते हैं दवा ?
एक शोध के मुताबिक इन दिनों कुछ लोग जूस या अंगूर के रस के साथ दवा लेने लगे हैं। उन्हें लगता है कि यह उनके लिए स्वास्थ्यवर्धक होगा। पर ऐसा नहीं है। अंगूर या फलों के रस में मौजूद फ्लेवोनोइड्स CYP3A4 की गतिविधियों को रोकता है। जो एक साइटोक्रोम P-450 अणु है, और अंतत: ली गई दवा के चयापचय (Metabolism) को रोकता है।
उदाहरण के लिए, जिहिड्रोबिरिजिन कैल्शियम को अंगूर के रस लेने पर, इसका चयापचय रुक जाता है और रक्त में घनत्व बढ़ जाता है, जिससे रक्तचाप (Blood Pressure) कम होने का जोखिम हो सकता है। इसके ठीक विपरीत, चाय को CYP1 और CYP4 पर सलेक्टिव डीराइविंग (Selective Deriving) प्रभाव के लिए जाना जाता है। हालांकि अभी तक इसके किसी गंभीर जोखिम के सुबूत नहीं मिले हैं।
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