एक्सरसाइज आपकी मम्मी की ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को हल कर सकती है, आपको जानना चाहिए कैसे
मेनोपॉज में आपके पीरियड्स खत्म हो जाते हैं, कोई दर्द नहीं, ब्लीडिंग नहीं। यह समय आपकी रिप्रोडक्टिव जीवन का भी अंत होता है। लेकिन अगर आपको लगता है मेनोपॉज के बाद क्रैम्प्स से आजादी मिल गयी तो आप गलत हैं।
मेनोपॉज अपनी अलग समस्याओं के साथ आता है। नाईट स्वेट्स, वेट गेन और ऑस्टियोपोरोसिस मेनोपॉज के साइड इफेक्ट हैं।
लेकिन मेनोपॉज का ऑस्टियोपोरोसिस से क्या संबंध?
कभी सोचा है कि महिलाओं के लिए कैल्शियम अलग से क्यों मिलता है? और क्यों इस बात पर ज़ोर दिया जाता है कि बढ़ती उम्र में महिलाएं ज्यादा कैल्शियम लें ?
क्योंकि मेनोपॉज के वक्त आपका एस्ट्रोजन स्तर कम होने लगता है, जिसके कारण बोन मास घटता है और आप हड्डियों की समस्याओं का शिकार हो जाती हैं।
क्या ऑस्टियोपोरोसिस को रोका जा सकता है?
ऑस्टियोपोरोसिस के कई कारण जैसी बढ़ती उम्र, मेनोपॉज या फैमिली हिस्ट्री पर आपका जोर नहीं चल सकता, लेकिन पोषण की कमी, एक्सरसाइज की कमी और स्मोकिंग जैसे कारणों को आप खत्म कर सकती हैं। आप डाइट सुधार सकती हैं, कैल्शियम ले सकती हैं और एक्सरसाइज करना शुरू कर सकती हैं।
कैल्शियम के साथ-साथ अपनी डाइट में विटामिन डी भी बढ़ाएं।
ये एक्सरसाइज कर सकती हैं हड्डियों को मजबूत
प्राकृतिक रूप से आपकी हड्डियां 35 की उम्र के बाद कमजोर होने लगती हैं। आप इसे रोक नहीं सकती लेकिन डिले ज़रूर कर सकती हैं।
1. हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज
वेट्स, थेराबैंड्स इत्यादि का इस्तेमाल करते हुए अपने हाथ, पैर और बैक की एक्सरसाइज करें।
2. बॉडी वेट एक्सरसाइज
स्कवॉट्स और पुशअप जैसी बॉडी वेट एक्सरसाइज से अपनी हड्डियों को मजबूत बनायें।
3. वेट बेयरिंग एक्सरसाइज
ज़ुम्बा, एरोबिक्स, डांस वर्कआउट, स्किपिंग, बरपीस और जम्पिंग जैक्स हड्डियां मजबूत बनाने में सहायक हैं। इन्हें हफ्ते में 4 से 5 दिन जरूर करें।
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कस्टमाइज़ करें4. बैलेंस के लिए एक्सरसाइज
पंजो के बल चलना, एक पैर पर खड़ा होना और सीधी लाइन में चलने जैसी कई बैलेंस एक्सरसाइज आप उनकी शीट में शामिल कर सकती हैं।
5. पोस्चर की एक्सरसाइज
पोस्चर सुधारने वाली एक्सरसाइज सभी को हर दिन करनी चाहिए। इसमें शोल्डर स्कूईज़ और चिन टक जैसी एक्सरसाइज शामिल हैं
6. योग
योग आसन जैसे वृक्ष आसन, त्रिकोण आसन, भुजंग आसन, ब्रिज पोज़ इत्यादि रूटीन में शामिल करें।
ऑस्टियोपोरोसिस होने पर इन एक्सरसाइज का लें सहारा
यह एक्सरसाइज आपके पेरेंट्स के लिए हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस से गुज़र रहे हैं और बहुत मुश्किल एक्सरसाइज नहीं कर सकते।
आपका फिजिकल थेरेपिस्ट आपके वजन और बॉडी के अनुसार आपको एक्सरसाइज बताएंगे। ये कुछ सिंपल एक्सरसाइज हैं जो आप चेयर पर बैठकर भी कर सकते हैं।
1. कंधों के लिए
कुर्सी पर सीधे बैठें, पैर जमीन पर हों और पीठ सीधी हो।
• अपनी दोनों बाहों को साइड में उठाएं, और फिर सर के ऊपर लाकर हाथ जोड़ें। फिर धीरे से दोनों हाथों को अलग करें और नीचे कर लें।
• बाहों को आगे की ओर फैलायें और ऊपर की ओर मोढ़ें। धीरे-धीरे यह बाइसेप कर्ल करें।
• इसके बाद एक हाथ को ऊपर उठाएं और उल्टा कान छूने की कोशिश करें। यह एक्सरसाइज आपके ट्राइसेप्स के लिए है।
वजन के लिए आप पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकती हैं।
2. पैरों के लिए
कुर्सी पर बैठें, पैर जमीन पर हों और एड़ियों में हल्का वजन बांध लें।
• अब अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं और घुटनों को सीधा करने की कोशिश करें।
• इसी पोजीशन में पैरों को उठायें। आप घुटने मोड़ भी सकती हैं।
• कुर्सी के पीछे खड़े हो जाएं और कुर्सी पकड़ कर कदमताल करें। वेट ज्यादा भारी लगें तो निकाल दें।
• ऐसे ही कुर्सी को पकड़ कर पैरों को साइड में उठाने की कोशिश करें।
ये एक्सरसाइज आपका संतुलन सुधारती हैं, मजबूती और ताकत देती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस को मैनेज करती हैं। शुरू में एक्सरसाइज किसी प्रोफेशनल की देख-रेख में करें।