बेहतर इम्यूनिटी के लिए जरूरी है बेहतर ओरल हाइजीन, बच्चों को सिखाएं ब्रशिंग की अच्छी आदतें
यह जरूरी है कि हम सभी दिन में दो बार ब्रश करें। बच्चों को भी यह आदत बचपन से ही डालनी चाहिए। इससे मुंह में होने वाली कैवेटीज, प्लाक और सांस की बदबू से बचा जा सकता है। पर सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। मुंह की स्वच्छता (Oral Hygiene) का ख्याल रख आप अपनी और अपने परिवार की इम्यूनिटी भी मजबूत रख सकती हैं। जो हेल्दी लाइफ के लिए बहुत जरूरी है।
क्यों जरूरी है ओरल हाइजीन
यदि आप मुंह की स्वइच्छता का ख्याल ठीक से नहीं करते हैं तो आपके मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। आपके मुंह से ये बैक्टीरिया रोगग्रस्त मसूड़ों या उन जगहों से आपके रक्तप्रवाह में पहुँच सकते हैं जहां से आपके दांत क्षतिग्रस्त या गायब हैं।
इम्यूनिटी पर होता है असर
जब ऐसा होता है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिक्रिया करती है और लीवर से सी-रिएक्टिव प्रोटीन या सीआरपी निकलता है। सीआरपी एक ऐसा पदार्थ है जो किसी भी तरह की सूजन होने पर शरीर में निकलता है। यह प्रक्रिया कोई नुकसान नहीं करती है, लेकिन अगर सीआरपी लगातार जारी किया जाता है (संभवतः मुंह में बैक्टीरिया के कारण सूजन होती है), तो यह अंततः अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
पुरुषों और महिलाओं दोनों में सीपीआर के उच्च स्तर को हृदय रोग के जोखिम से जोड़ा गया है। CRP का स्तर जितना अधिक होगा, आप पर हृदयाघात का जोखिम भी उतना ही अधिक होगा।
मीठे पर रखें नजर
मुंह में प्लाक जमने का एक बड़ा कारण मीठे का सेवन है। जब आप मीठे खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ का सेवन करते हैं, तो मुंह में प्लाक जमने लगते हैं। लगातार इकट्ठे होने पर यही प्लाक दांतों में सड़न और मसूड़ों में बीमारी पैदा करते हैं।
इस तरह रखें मुंह और दांतों की स्वच्छता
तो, अगर आपके मसूड़ों में किसी तरह की समस्या है तो आपको दिन में दो बार ब्रश करना जरूरी है। इसके साथ ही फ्लॉसिंग भी जरूरी है।
अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार, सभी को अपने दांतों को दो बार ब्रश करना चाहिए और दिन में एक-दो बार फ्लॉस करना चाहिए। यदि आपको मधुमेह या ऑटोइम्यून बीमारी है, तो आपको अधिक बार ब्रश और फ्लॉस करना चाहिए। इसके अलावा, एक वर्ष में कम से कम दो बार अपने डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए।
बच्चों को डालें ओरल हाइजीन की आदत
हालांकि कोरोना वायरस के समय में यह माना जा रहा है कि वरिष्ठ नागरिकों की इम्यूिनिटी का खास ख्याल रखना चाहिए। पर आपको यह भी जान लेना चाहिए कि बच्चों में ब्रशिंग की आदत अगर समय से न डाली जाए तो वे भी कमजोर इम्यूनिटी के शिकार हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि उनमें बचपन से ओरल हाइजीन की ये आदतें डाली जाएं।
बच्चों को बचपन से सिखाएं कि उन्हें दिन में दो बार ब्रश करना है। ब्रश अगर उनकी पसंद का होगा तो वे इसे एन्जॉय करेंगे। बच्चों को मिंट या लौंग वाले टूथपेस्ट का स्वाद तीखा लग सकता है। इसलिए उनके लिए अलग टूथपेस्ट का चुनाव करें।
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