Sex after Baby : 7 टिप्स, जो मां बनने के बाद भी आपकी सेक्स लाइफ को बनाए रखेंगे प्लेजरेबल
बच्चे के जन्म के साथ भी महिलाओं के जीवन में कई परिवर्तन आने लगते हैं। बेबी के बर्थ के बाद जहां न्यू मॉम्स बेबी केयर के कारण ओवर ऑक्यूपाई हो जाती हैं, तो इसका असर सेक्सुअल लाइफ पर भी नज़र आने लगता है। महिलाओं के लिए अब बच्चा पहली प्रायोरिटी बन जाता है। जानते हैं इस समस्या से कैसे करें डील।
डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपने हर की फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ कई प्रकार से प्रभावित होती है। ओवरवेट होने से लेकर वेजाइना लूज होने तक महिलाएं बेहद चिंतित रहने लगती है। इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ आस्था दयाल का कहना है कि चाहे नॉर्मल डिलीवरी हो या सिजे़रियन, महिलाओं को 6 हफ्तों तक पार्टनर के साथ सेक्स अवॉइड करने की सलाह दी जाती है।
एक्सपर्ट के अनुसार डिलीवरी के बाद लंबे समय तक पीरियड न आने के चलते अधिकतर कपल्स अनप्रोटेक्टिड सेक्स करने लगते हैं। हांलाकि शरीर में एग फॉर्मेशन की शुरूआत हो जाती है, जिससे अनचाही प्रेगनेंसी के चांस बढ़ने लगते हैं। ऐसे में कॉन्ट्रासेप्टिव और कंडोम का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे आप लंबे वक्त तक टेंशन फ्री होकर सेक्सुअल लाइफ को एजॉय कर सकते हैं।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार कम एस्ट्रोजन योनि में सूखेपन का कारण बनने लगता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को पेनफुल सेक्स का सामना करना पड़ता है। योनि में बढ़ने वाली ड्राइनेस की समस्या को लुब्रिकेंटस का इस्तेमाल करके हल किया जा सकता है। वे महिलाएं जो नॉर्मल डिलीवरी से होकर गुज़रती हैं। उन्हें सेक्स के दौरान ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरी चेकअप के बाद ही पेनिटरेटिव सेक्स के लिए तैयार होना चाहिए।
बच्चे के जन्म के बाद मासटरबेट करने से अपने शरीर पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। साथ ही सेल्फ प्लेजर का ये बेहतरीन उपाय है। इससे पता लगाया जा सकता है कि आपको क्या पसंद है और क्या नहीं। मासटरबेशन की मदद से आप दोबारा से सेक्सुअली एक्टिव होने लगते हैं। पार्टनर को ये बता सकते हैं कि कब और कैसे खुद को संतुष्ट महसूस करते हैं। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
लेकटेटिंग मदर्स को सेक्स के दौरान ब्रेस्ट लीकेज से बचने के लिए नर्सिंग पहननी चाहिए। फुली अराउस्ड होने के बाद निप्पल स्टिम्यूलेट होने लगते हैं, जिससे लीकेज होने लगती है। डिलीवरी के कुछ महीनों तक सेक्स के दौरान मिल्क लीकेज को अवॉइड करने के लिए नर्सिंग ब्रा की मदद ले सकते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से ब्रेस्ट को शेप में रखा जा सकता है।
डिलीवरी के बाद कपल की एक्पेक्टेंशस और नीड्स धीरे धीरे चेंज होने लगती हैं। दरअसल, न्यू परेंटस के पास अपने लिए प्राइवेट टाइम कम बचता है। ऐसे में जो भी समय मिले उसे फुली एजॉय करें। आप किन मूवमेंटस में प्लेजर का अनुभव करते हैं, वो सभी बातें पार्टनर से शेयर करें। खुद को हैप्पी और रिलैक्स रहने के लिए सेक्सुअली एक्टिव होना ज़रूरी है।
डिलीवरी के बाद महिलाओं का वज़न बढ़ जाता है और शरीर के पोश्चर में बदलाव आने लगता हैं। ऐसे में खुद को अन्य लोगों से कम आंकना आत्मविश्वास को कम कर देता है। अपने शरीर को लेकर परेशान न हो और बॉडी को हेल्दी बनी रहने दें। बॉडी को स्लिम बनाने के लिए जल्दबाज़ी न करें।
डॉक्टरी सलाह के बाद ही एक्सरसाइज़ को करना शुरू करें। इससे शरीर में एनर्जी, सेक्सुअल हेल्थ और आत्म विश्वास को मज़बूती मिलती है। इससे शरीर में हार्मोनल असंतुलन से राहत मिल जाती है। व्यायाम से शरीर में बढ़ने वाला लचीलापन सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी और फिट बनाए रखने में मदद करता है।