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ओरल हेल्थ के लिए सदियाें पुराना नुस्खा है मिस्वाक, जानिए इसे इस्तेमाल करने का आयुर्वेदिक तरीका

सालों पहले लोग टूथब्रश की जगह दातुन का इस्तेमाल किया करते थें। वहीं सबसे अधिक इस्तेमाल मिस्वाक का किया जाता था। आज भी कई मिस्वाक टूथपेस्ट मिलते हैं, खासकर ओरल हेल्थ की देखभाल के लिए आयुर्वेद में चिकित्सीय रूप से इसका इस्तेमाल किया जाता है।
मिस्वाक एक प्रकार का जंगली पेड़ है, जिसे पीलू के नाम से भी जाना जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 10 Oct 2023, 20:00 pm IST
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ओरल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। हम सभी मुंह में मौजूद कीटाणुओं के बचाव के लिए हर रोज ब्रश करते हैं। नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाले टूथपेस्ट के इंग्रेडिएंट में आपने अक्सर मिस्वाक का नाम सुना होगा। परंतु टूथपेस्ट को बनाने में सल्फेट सहित कई अन्य आर्टिफिशियल फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसे आपके दांत एवं मसूड़ों के लिए हानिकारक बना देते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है कि आप प्राकृतिक और सल्फेट फ्री टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर रही हैं।

सालों पहले लोग टूथब्रश की जगह दातुन का इस्तेमाल किया करते थें। वहीं सबसे अधिक इस्तेमाल मिस्वाक का किया जाता था। आज भी कई मिस्वाक टूथपेस्ट मिलते हैं, खासकर ओरल हेल्थ की देखभाल के लिए आयुर्वेद में चिकित्सीय रूप से इसका इस्तेमाल किया जाता है। आखिर मिस्वाक क्या है? मिस्वाक किस तरह काम करता है? आज हेल्थ शॉट्स लेकर आया है आपके इन सभी सवालों का उचित जवाब।

मिस्वाक का नियमित इस्तेमाल दांतों में होने वाली सेंसिटिविटी यानी की झनझनाहट को कम करने में मदद करता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

पहले समझें क्या है मिस्वाक

मिस्वाक एक प्रकार का जंगली पेड़ है, जिसे पीलू के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इसे इंग्लिश में सल्वादोरो (Salvadora) कहते हैं। सालों से इसकी टहनियों को दातुन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। खास कर यह मुस्लिम देशों में अधिक प्रचलित है। इसकी प्रॉपर्टीज इसे दांत एवं मसूड़े की सेहत के लिए बेहद खास बना देती हैं। मिस्वाक केवल दातुन के तौर पर ही नहीं, बल्कि दांत एवं मसूड़े की सेहत को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग प्रोडक्ट्स को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

अब जानें ओरल हेल्थ के लिए किस तरह फायदेमंद होता है मिस्वाक

1. दांतों की झनझनाहट को कम करे

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार मिस्वाक का नियमित इस्तेमाल दांतों में होने वाली सेंसिटिविटी यानी की झनझनाहट को समय के साथ कम करने में मदद करता है। यह दांतो के इनेमल को मजबूत बनाता है और ठंडा और गरम ड्रिंक पीने पर होने वाले झनझनाहट से राहत प्रदान करता है।

2. सलाइवा प्रोडक्शन में मदद करे

पब मेड सेंट्रल के अनुसार मिस्वाक चबाने से मुंह में सलाइवा का उत्पादन बढ़ता है, जो की मुंह के अंदर के पीएच स्तर को संतुलित रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सलाइवा एसिड को न्यूट्रलाइज करता है और इनेमल को प्रोटेक्ट करता है जिससे कि दांतों में सड़न नहीं आता।

3. इसकी एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज बनाती हैं इसे खास

मिस्वाक में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल कंपाउंड पाया जाता है, जैसे कि टेनेंट्स और फ्लेवोनॉयड। यह प्रॉपर्टी मुंह में पनपने वाले हानिकारक बैक्टीरिया के ग्रोथ को रोक देती है। जिससे कि मुंह में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होता और आपकी सांस बिल्कुल तरोताजा रहती है।

मिस्वाक में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल कंपाउंड पाया जाता है। चित्र शटरस्टॉक।

4. दातों को कैविटी से बचाता है

मिस्वाक सलाइवा के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है, जिससे कि एसिड न्यूट्रलाइज रहता है और दांतों में सड़न की समस्या नहीं होती। इस प्रकार इसे दांतों के सड़न से लड़ने वाला प्राकृतिक हर्ब माना जाता है। इसके अलावा मिस्वाक में मौजूद सोडियम क्लोराइड, सोडियम बाइकार्बोनेट और कैल्सियम ऑक्साइड दांतों के इनेमल को मजबूती प्रदान करते हैं। इससे दांतों में कैविटी नहीं होती और दांत एवं मसूड़े दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।

जानें कैसे करना है मिस्वाक का इस्तेमाल

मिस्वाक के स्टिक की बाहरी परत को हटा दें।
अब इसे दांतों से चबाएं ताकि यह ऊपर से फैल जाए।
अब प्लास्टिक ब्रश की जगह मस्वाक की मदद से अपने दांत एवं मसूड़ों को ब्रश करें।

नोट : मिस्वाक आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा। खासकर यह आयुर्वेदिक दवा दुकान में उपलब्ध होता है। साथ ही इसे इस्तेमाल करने से पहले पानी मे भिगोना न भूलें।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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