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संतोष सबसे बड़ा धन है, इसे पाने में आपकी मदद करेंगे ये 6 मंत्र

अपने आप से पूछें क्या मैं अपनी जिंदगी में वाकई संतुष्ट हूं? यदि आप इस सवाल का जवाब न दे पाएं, तो वक्त आ गया है कि आपको इसके बारे में कुछ करना चाहिए।
यहां हैं वे 5 जरूरी टिप्स जो आपको मिसिंग टाइल सिंड्रोम से बचा सकते हैं । चित्र : शटरस्टॉक
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हम खुश रहना चाहते हैं, और हम ज्यादातर यह जानते हैं कि खुशियों को कैसे बढ़ाया जाए। किसी पार्टी में जाना, दोस्तों के साथ मेलजोल करना, नया फोन खरीदना और अपनी पसंदीदा जगह पर घूमना।

मगर यह सब सुख सुविधाएं होने का मतलब यह नहीं कि आप खुश हैं। हम में से कोई भी हर समय उत्साह या मनोरंजन की स्थिति में नहीं रहना चाहेगा। अधिक बार, हम अपने जीवन में संतुष्टि और शांति की एक स्थिर भावना चाहते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में संतुष्टि की कमी महसूस कर रहीं हैं, तो उस तक पहुंचने में ये उपाय आपकी मदद कर पाएंगे।

हमारा मनोवैज्ञानिक कल्याण केवल मानसिक बीमारियों की अनुपस्थिति नहीं है। यह जीवन की बड़ी और छोटी चुनौतियों का सामना करते हुए एक पूर्ण जीवन जीने के बारे में है। तो यदि आप जीवन में संतुष्ट महसूस नहीं करते है, तो ये टिप्स आपको वहां तक पहुंचने में मदद कर पाएंगे।

इस तरह आप ज्‍यादा खुश महसूस कर सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

हम बता रहें कुछ टिप्स जो आपको सुखी और संतुष्ट जीवन जीने में मदद करेंगे

1. सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें

किसी के लिए भी नकारात्मकता के जाल में फंसना आसान है। उन नकारात्मक, चिंतित विचारों को अपने दिमाग पर हावी होने देने के बजाय, अच्छे के बारे में सोचें। मन में आने वाली हर नकारात्मक बात के लिए खुद को सकारात्मक चीज खोजने के लिए मजबूर करें। यह लंबे समय में अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण को जन्म देगा।

2. अपने तनाव से राहत पाएं

यह पता लगाएं कि आपको क्या खुशी देता है, वे चीजें जो आपके तनाव को सबसे ज्यादा कम करती हैं। चाहे वह गिटार बजाना हो या खेल खेलना। जो कुछ भी हो, आपको एक ऐसा शौक खोजने की जरूरत है जो आपके दिमाग को शांत करे और आपको आंतरिक शांति का एहसास कराए। अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालने के लिए नियमित रूप से अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज का अभ्यास करें।

3. अपने लिए समय निकालने से न डरें

व्यस्त होने पर लोगों का चिड़चिड़ाना स्वाभाविक है। अपने आप को इतना परेशान करने से अच्छा है कि आप खुद के लिए कुछ समय निकालें। माना कि वर्किंग अवर्स ज़्यादा हो सकते हैं, मगर कभी तो आपको अपने लिए वक़्त मिलेगा। खुद के लिए ब्रेक लें और शर्म न करें। समझें कि आपका मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपका शारीरिक स्वास्थ्य।

काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

4. अपने कार्यों की जिम्मेदारी लें

जब आप अपने आप को एक बुरी स्थिति में पाते हैं, तो अपनी समस्या के लिए दूसरों पर उंगली उठाना और दोष देना आसान होता है, लेकिन इससे स्थिति का समाधान नहीं होता है। जो किया जा सकता था उस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, अपने कार्यों की ज़िम्मेदारी लें।

उन चीजों पर नियंत्रण रखें जो आप कर सकते हैं, और बाकी सब कुछ छोड़ दें। जहां आप कर सकते हैं सकारात्मक बदलाव करें, चाहे वह आपके व्यवसाय हो या निजी जीवन। उन चीजों को स्वीकार करें जिन्हें आप बदल नहीं सकते।

5. अधिक समझदार बनें

कई लोगों के लिए सबसे बड़ा तनाव गलतफहमी से आता है। किसी अन्य व्यक्ति के दृष्टिकोण से देखने की क्षमता विकसित करना बहुत कम लोगों को आता है, लेकिन यह एक मूल्यवान गुण है। बातचीत करते समय, अपने दिमाग को खुला रखें। यह आपको और ज़्यादा दोस्त बनाने की अनुमति देगा। दूसरे के दृष्टिकोण से देखने की क्षमता आपको अधिक सीखने की अनुमति देगी।

6. खुश रहें और अपनी जिंदगी जिएं

सिर्फ आप यह बात जानते हैं कि आपको किस चीज़ से खुशी मिलती है। इसलिए, दूसरे लोगों को यह हक न दें कि वे आपको बताएं कि जीवन कैसे जीना है। बेशक, आपका परिवार और दोस्त महत्वपूर्ण हैं और जरूरत पड़ने पर सलाह के लिए उनके पास जाना बिल्कुल ठीक है, लेकिन यह अंततः आपका निर्णय है कि आप उस सलाह को लेते हैं या नहीं।

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प्रत्येक व्यक्ति के पास जीने के लिए एक ही जीवन होता है। इसलिए याद रखें, अपना जीवन उसी तरह से जिएं जैसे आप उसे जीना चाहते हैं।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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