आपकी सेक्स लाइफ को बर्बाद कर सकती है सुट्टे की आदत, Dr Cuterus बता रहीं हैं इसके 5 कारण
सिगरेट आज के समय में सभी के नियमित लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है। बहुत छोटी उम्र से ही लोग सिगरेट के आदी हो रहे हैं। ऑफिस में आलस महसूस होने पर लोगों को सिगरेट चाहिए, तो कॉलेज में लेक्चर से बोर होने के बाद स्टूडेंट्स को भी सिगरेट चाहिए। यह तो आप सभी को मालूम होगा की सिगरेट आपकी सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है, वहीं यह जानने के बावजूद भी लोग शौक से स्मोकिंग करते हैं।
सिगरेट न केवल आपके लंग्स और हार्ट को प्रभावित करता है, बल्कि आपके सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है। अब आप सोच रही होंगी आखिर सिगरेट किस प्रकार से आपकी सेक्सुअल एक्टिविटीज को प्रभावित कर सकता है, तो चलिए आज इसी बारे में बात करते हैं।
गाइनेकोलॉजिस्ट, ऑथर और सेक्स एजुकेटर डॉक्टर तान्या उर्फ डॉ क्यूट्रस ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए सेक्सुअल हेल्थ पर स्मोकिंग के प्रभाव बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, रिप्रोडक्टिव हेल्थ को स्मोकिंग किस तरह से प्रभावित कर सकती है (smoking effects on sex life)।
जानें सेक्सुअल हेल्थ को किस तरह प्रभावित कर सकती है स्मोकिंग (smoking effects on sex life)
1. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बनती है स्मोकिंग
स्मोकिंग ब्लड वेसल्स को संकुचित कर देता है, जिसकी वजह से पेनिस तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचता और पेनिस के लिए इरेक्शन मुश्किल हो जाता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन केवल पुरुषों के सेक्सुअल लाइफ को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह महिलाओं को भी प्रभावित करता है। क्योंकि यदि आपका पार्टनर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शिकार है, तो जाहिर सी बात है आप सेक्सुअल प्लेजर एंजॉय नहीं कर पाएंगी।
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2. ब्रेस्ट सैगिंग का कारण बन सकता है स्मोकिंग
महिलाओं में स्मोकिंग की आदत से ब्रेस्ट सैगिंग की समस्या हो सकती है। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ ब्रेस्ट सैगिंग होना बिल्कुल नॉर्मल है, परंतु यदि आप स्मोकिंग करती हैं, तो यह प्रीमेच्योर सैगिंग का कारण बन सकता है। इसके साथ ही स्मोकिंग ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी बढ़ा देता है। ब्रेस्ट सेक्सुअल एक्टिविटीज में एक अहम भूमिका निभाता है, और इसके प्रभावित होने से सेक्सुअल लाइफ पर नकारात्मक असर पड़ता है।
3. स्पर्म और एग क्वालिटी को प्रभावित करती है स्मोकिंग
स्मोकिंग आपकी फर्टिलिटी यानी कि रिप्रोडक्टिव हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। यह महिला एवं पुरुष दोनों पर लागू होता है, पुरुषों में स्मोकिंग करने से डीएनए फ्रेगमेंटेशन बढ़ जाता है, जो स्पर्म को डैमेज करते हैं और उन्हें इनफर्टाइल बनाते हैं। साथ ही इससे एंब्रियो डेवलपमेंट और एंब्रियो इंप्लांटेशन में परेशानी होती है और मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ जाता है।
महिलाओं में स्मोकिंग ओवेरियन फंक्शन को प्रभावित कर सकती है, जिससे महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और मेच्योर एग काउंट कम होते जाते हैं। साथ ही साथ यह एग की फर्टिलिटी को भी प्रभावित करती है। स्मोक ओवरी में टॉक्सिक सब्सटेंस क्रिएट करते हैं, जिसकी वजह से एग्स ओवरी में ही खत्म होने लगते हैं।
4. प्रीमेच्योर मेनोपॉज का कारण बन सकती है स्मोकिंग
स्मोकिंग जैसे लाइफस्टाइल फैक्टर मेनोपॉज के समय को प्रभावित करते हैं। सिगरेट पीने से ओवेरियन एजिंग की प्रक्रिया समय से पहले शुरू हो जाती है और परिप्रोडक्टिव हार्मोंस भी प्रभावित होते हैं। साथ ही ओवेरियन जर्म सेल्स पर स्मोकिंग का टॉक्सिक प्रभाव होता है, जो समय से पहले मेनोपॉज का कारण बन सकता है। इसके अलावा तंबाकू में मौजूद टॉक्सिंस एस्ट्रोजन प्रोडक्शन और सर्कुलेशन को प्रभावित करते हैं।
5. बढ़ जाता है वेजाइनल डिस्चार्ज का स्मेल और इन्फेक्शन का खतरा
स्मोकिंग करने से महिलाओं में हार्मोंस असंतुलित हो जाता है, जिसकी वजह से वेजाइनल माइक्रोबायोम असंतुलित हो जाता है और यह हानिकारक बैक्टीरिया को अपनी ओर आकर्षित करता है। जिससे कि संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही बॉडी में टॉक्सिंस के बढ़ने से वेजाइनल डिस्चार्ज से अधिक स्मेल आ सकता है। यह फैक्टर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव और सेक्सुअल हेल्थ को नकारात्मक रूप में प्रभावित करता है।
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