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अलग होती है वेजाइनल इंफेक्शन और यूटीआई में योनि से आने वाली गंध, एक्सपर्ट बता रहे हैं दोनों का अंतर

ज्यादातर महिलाएं यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनल इन्फेक्शन को एक ही समझती हैं। हालांकि ये दोनों ही इंटीमेट एरिया में असुविधा और दर्द का कारण बनते हैं। मगर ये दोनों अलग हैं।
Updated On: 28 Mar 2024, 02:58 pm IST
मेडिकली रिव्यूड
हेयर रिमूवल क्रीम के इस्तेमाल से भी कैंडिडा विकसित हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

सफाई की कमी और खराब लाइफस्टाइल के कारण वेजाइना में इन्फेक्शन हो सकता है। यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनल इन्फेक्शन महिलाओं के लिए आम समस्या हैं। ये पूरे शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। कई बार जानकारी के अभाव में सही इलाज नहीं हो पाता है। इसलिए इसकी पहचान करना और इसके बारे में जानकारी इकठ्ठा करना जरूरी है। जानते हैं क्या है यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनल इन्फेक्शन। साथ ही यह भी कि दोनों में क्या अंतर (Urinary tract infection Vs Vaginal Infection) है।

क्या है यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनल इन्फेक्शन के बीच अंतर (Urinary tract infection Vs Vaginal Infection)

यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनल इन्फेक्शन के बीच अंतर यह है कि यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है। यूरीनरी ब्लेडर और युरेथरा सहित यह निचले यूरीनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है, जबकि वेजाइनल इन्फेक्शन कैंडिडा फंगस के कारण होता है। यह अक्सर योनि (Vaginal infection) को प्रभावित करता है।

गंध का अंतर (Vaginal smell in UTI and Vaginal infection)

यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनल इन्फेक्शन के लक्षणों में मुख्य रूप से अंतर गंध का होता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां दोनों भिन्न होते हैं। यूटीआई के कारण यूरीन क्लॉउडी या डिसकलर हो जाता है। इसमें ब्लड हो सकता है। इसमें तेज गंध हो सकती है। यीस्ट इंफेक्शन से गाढ़ा, सफेद, गंधहीन योनि स्राव उत्पन्न होता है।

पेशाब करते समय दर्द या जलन यूटीआई का एक लक्षण (symptoms of UTI) है। खुजली आमतौर पर नहीं होती है। वेजाइनल इन्फेक्शन में खुजली आम है। वेजाइना में जलन और योनि में सूजन की समस्या हो जाती है।

यूटीआई का क्या कारण है (cause of UTI) ?

कई कारक यूटीआई विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। महिला होना उनमें से एक है। महिलाओं का मूत्रमार्ग पुरुषों के मूत्रमार्ग की तुलना में बहुत छोटा होता है। इससे योनि के पास बैक्टीरिया के लिए मूत्राशय में प्रवेश करना आसान हो जाता है। अन्य यूटीआई जोखिम कारकों में शामिल हैं:

महिलाओं का मूत्रमार्ग पुरुषों के मूत्रमार्ग की तुलना में बहुत छोटा होता है।

पेशाब होने के बावजूद ब्लेडर का खाली नहीं होना
मल त्याग के बाद पीछे से आगे की ओर पोंछना
सेक्स करना
स्पर्मिसाइड (Spermicide)और डायाफ्राम सहित कुछ गर्भनिरोधक तरीकों का उपयोग करना
किडनी या ब्लेडर की पथरी (kidney stone and urinary bladder stone)
यूरीनरी कैथेटर का लगा होना

वेजाइनल इन्फेक्शन का कारण (cause of Vaginal Infection)

शरीर पर विभिन्न स्थानों पर यीस्ट कोशिकाओं का होना आम बात है। यीस्ट संक्रमण उस यीस्ट की अत्यधिक वृद्धि है। योनि के अलावा, यह मुंह, गले, आंत, गुदा को प्रभावित कर सकता है। यीस्ट संक्रमण को कैंडिडिआसिस या वेजाइनल थ्रश भी कहा जाता है।

ओरल कंट्रासेप्टिव का उपयोग करना, जिसमें हाई एस्ट्रोजेन होती है
तंग अंडरवियर या अन्य कपड़े पहनना, जो जननांग क्षेत्र में गर्मी और नमी को फंसा लेते हैं
गर्भवती होने पर
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
एंटीबायोटिक्स का कोर्स लेने पर या हाल ही में पूरा किया गया हो
अनियंत्रित डायबिटीज
वेजाइनल स्प्रे या डूश का उपयोग करना

वेजाइनल इन्फेक्शन और यूटीआई इन्फेक्शन से बचाव के उपाय (prevention from UTI and Vaginal infection)

वेजाइनल इन्फेक्शन और यूटीआई इन्फेक्शन को रोकने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते हैं।
ऐसे कपड़ों से परहेज करें जो टाइट हों
खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें
जब यूरीन पास करने की आवश्यकता महसूस हो, तो उसे रोकने की बजाय यूरीन पास करना
सेक्स से पहले और बाद में यूरीन पास करना

जब यूरीन पास करने की आवश्यकता महसूस हो, तो उसे रोकने की बजाय यूरीन पास कर लें। चित्र : अडोबी स्टॉक

मल त्याग के बाद आगे से पीछे की ओर पोंछना
जैसे ही एक्सरसाइज की सारी गतिविधि पूरी हो जाए, उसके कपड़े और स्विमसूट बदल लें
फीमेल सैनिटरी प्रोडक्ट को बार-बार ( Urinary tract infection Vs Vaginal Infection) बदलना
सुगंधित फीमेल सेनिटेशन प्रोडक्ट जैसे कि योनि स्प्रे और डूश के उपयोग से बचें

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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