पीरियड क्रैम्प्स तो हुए पर ब्लीडिंग नहीं हुई! जानिए क्या हो सकते हैं इसके कारण
ब्लोटिंग, मूड स्विंग, शुगर की क्रेविंग होने के अलावा, पेट में तेज ऐंठन होना ये बताता है कि पीरियड्स शुरू हो गए हैं। संकेत मिलते ही हम न केवल दौड़-भाग के काम निपटा लेना चाहते हैं, बल्कि पैड, टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप की उपलब्धता भी चेक कर लेते हैं। पीरियड आने की पूर्व तैयारी तो कर ली जाती है, लेकिन कुछ दिनों तक क्रैम्प रहने के बावजूद पीरियड स्टार्ट (Period cramps without periods) नहीं होते हैं। क्या हो सकते हैं इसके कारण? इस पर खुश होना चाहिए या ये चिंता की बात है? आइए एक्सपर्ट से इस विषय पर बात करते हैं।
क्या ये चिंता की बात है?
ऐसी स्थिति में हमें घबराना नहीं चाहिए। हार्मोनल बदलाव या यूट्रस और ओवरी में कुछ गड़बड़ियों के कारण भी क्रैम्प के बावजूद पीरियड स्टार्ट नहीं हो पाते हैं। किन-किन कारणों से ऐसा होता है, यह जानने के लिए हमने बात की गुरुग्राम के क्लाउड नाइन हॉस्पिटल और एपेक्स क्लिनिक में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रितु सेठी से।
डॉ. रितु कहती हैं, “एनोव्यूलेशन (Anovulation), यूरीन इन्फेक्शन, किडनी या ब्लैडर में स्टोन, पेल्विक इन्फेक्शन, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS),ओवेरियन सिस्ट, हार्माेनल इम्बैलेंस, पेरिमेनोपॉज और स्ट्रेस के कारण भी पीरियड क्रैम्प होने के बावजूद पीरियड स्टार्ट नहीं होते हैं।
यदि लंबे समय से यह समस्या हो रही है, तो अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। पेल्विक अल्ट्रासाउंड, हिस्टेरोस्कोपी (गर्भाशय में एक कैमरा सम्मिलित करना) या लैप्रोस्कोपी से इस समस्या का पता चल सकता है।’
यहां हम आपको 5 कारण बता रहे हैं, जिनकी वजह से पीरियड क्रैम्प तो होता है, लेकिन ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है।
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एनोव्यूलेशन (Anovulation)
कभी-कभार आपका शरीर प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) से जुड़े सभी हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरता है, लेकिन वास्तव में उस महीने एग नहीं निकल पाता है। इसे एनोवुलेटरी सायकल के रूप में जाना जाता है। यदि सायकल के दौरान एग नहीं निकल पाता है, तो क्रैम्प होने के बावजूद पीरियड नहीं होते। हार्मोनल गड़बड़ियों, आहार में पोषक तत्वों की कमी, वजन या प्री मेनोपॉज फेज में भी ऐसा हो सकता है।
2 थायरॉयड असंतुलन (Hormonal Imbalance)
थायरॉयड न सिर्फ मेटाबॉलिज्म, बल्कि मेंस्ट्रुअल सायकल को भी नियंत्रित करता है। थायरॉयड प्रॉब्लम के कारण भी पीरियड अनियमित हो सकता है। इस दौरान स्पॉटिंग या क्रैम्प्स भी हो सकते हैं। क्योंकि हर महीने एक निश्चित अवधि पर गर्भाशय की लाइनिंग बनने लगती है। पर ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है। इसकी वजह ओव्युलेशन(ovulation) नहीं हो पाना होती है।
3 ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst)
फीमेल बॉडी में दो ओवरी होती हैं। हर महीने, ओवरी एग बनाती हैं, जो ओव्यूलेशन कहलाता है। जब किसी एक ओवरी में फ्लूइड से भरी हुई थैली निर्मित हो जाती है, तो यह सिस्ट कहलाता है। ओव्यूलेशन की तैयारी में सिस्ट तो बनते हैं, लेकिन पीरियड स्टार्ट होने पर ये अपने आप गायब हो जाते हैं।
एकाध यदि रह गया, तो यह अंडाशय की दीवार से चिपक जाता है, जो सिस्ट का रूप ले लेता है। ओवरी के सिस्ट से अक्सर कोई परेशानी नहीं होती है। ये पीरियड क्रैम्प को ट्रिगर कर सकते हैं। यदि आप अनियमित क्रैम्प का अनुभव कर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में चर्चा जरूर करें। इस सिस्ट से कोई समस्या तो नहीं होती है, लेकिन बहुत बड़े होने पर ये दर्द देने लगते हैं।
4 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
बार-बार पीरियड स्किप हो जाना पीसीओएस का संकेत भी हो सकता है। पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एंड्रोजेन की अधिकता हो जाती है। यह अंडाशय के फंक्शन, हेयर डेवलपमेंट, वेट गेन और इंसुलिन को प्रभावित करता है। पीसीओएस के परिणामस्वरूप एनोवुलेटरी सायकल और अनियमित स्पॉटिंग हो सकती है।
यह आमतौर पर अंडाशय में सिस्ट बनने का कारण बनता है। सिस्ट में परिवर्तन होने पर पेल्विक पेन हो सकता है, जो क्रैम्प जैसा लग सकता है।
5 तनाव (Stress)
जब आप बहुत अधिक तनाव में होती हैं, तो उस समय भी आश्चर्यजनक रूप से आपके पीरियड प्रभावित हो जाते हैं। स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है, जो हार्मोन बैलेंस को प्रभावित कर देता है। इसमें ओवरी और यूट्रस दोनों की लेयर को नियंत्रित करने वाले हार्मोन भी शामिल होते हैं।
इससे क्रैम्प तो महसूस होते हैं, लेकिन फ्लो नहीं हो पाता है। थेरेपी, एक्सरसाइज, योग और ध्यान ही तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। इससे पीरियड भी समय पर हो पाएंगे।
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