क्या सचमुच कुछ ऐसे फूड हैं जो पीरियड्स को नेचुरली डिले कर सकते हैं? आइये जानते हैं
गूगल पर इस तरह के कई लेख आपने देखे होंगे जो पीरियड्स डिले करने वाले फूड्स का दावा करते हैं। लेकिन गूगल पर मौजूद हर बात जांची-परखी नहीं होती। इसलिए सही तथ्यों की जानकारी होना जरूरी है।
इसलिए हमने एक्सपर्ट से जाना क्या वाकई जिन पीरियड्स पर हमारा अपना कंट्रोल नहीं है, उन्हें कुछ फ़ूड कंट्रोल कर सकते हैं।
ज़ेन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मुंबई की डायटीशियन प्रिया पालन के अनुसार,”ऐसा कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि कुछ फ़ूड जो पीरियड्स को लेट कर दें।”
अगर ऐसा नहीं है, तो इस तरह के आर्टिकल हमारे सामने क्यों आते रहते हैं?
हम सभी के शरीर एक जैसे होने के बावजूद एकदम अलग हैं। अगर किसी फ़ूड का असर किसी और के शरीर पर हुआ तो ज़रूरी नहीं आपके शरीर पर वही असर हो। सम्भव है कि किसी के लिए इन फूड्स ने पीरियड्स में देर करने का काम किया हो, लेकिन यह सबके लिए कारगर होगा यह नहीं कहा जा सकता।
पालन कहती हैं, “कोई भी खाद्य पदार्थ जादुई दवा नहीं होते जिसे खाकर मेंस्ट्रुअल साइकल में मनचाहे बदलाव लाये जा सकें। पीरियड्स को प्राकृतिक रूप से टालना या रोकना सम्भव ही नहीं है। क्योंकि यह सिर्फ उन चार-पांच दिन की बात नहीं है। महीने भर आपके शरीर मे यह प्रोसेस चलता ही रहता है।
इसलिए यह कहना कि प्राकृतिक रूप से इस साइकल में बदलाव लाया जा सकता है, गलत है। खीरा और तरबूज जैसे ठंडी तासीर के फल खाने से कई महीनों में पीरियड्स लेट हो जाते हैं। लेकिन यह न के बराबर फर्क है।”
वह आगे बताती हैं,”कुछ महिलाओं के लिए सब्ज़ा के बीज खाने से पीरियड्स लेट हो जाते हैं। लेकिन यह सभी के साथ होगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। साथ ही यह फर्क रोजाना ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर आता है।”
क्या पीरियड्स में विलंब करना सुरक्षित है?
बिल्कुल नहीं। पीरियड्स नैचुरली आते हैं और इसके साथ खेल करना खतरनाक है। अगर आप पीरियड्स लेट करने के लिए दवा ले रही हैं, तो भी ध्यान रखें कि इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं। थकान, उलझन, सर दर्द और उल्टियां उनमें से कुछ साइड इफेक्ट्स हैं।
पालन कहतीं हैं,”मैंने देखा है कि महिलाएं इस तरह की पिल्स बिना सोचे समझे ले लेती हैं। मैं यही कहूंगी कि कोई भी पिल्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।”
अगली बार अगर आपको ऐसा कोई भी आर्टिकल दिखे जो पीरियड्स डिले करने का दावा करता हो, तो उस पर यकीन न करें और आर्टिकल की विश्वसनीयता को जांचें।