Waterborne Disease Prevention : माइक्रोओर्गेनिज्म्स की मौजूदगी से हो सकता है पानी प्रदूषित, ये 6 उपाय कर सकते हैं वाटरबॉर्न डिजीज से बचाव
इंटरनेशनल जर्नल ऑन इन्फेक्शियस डिजीज में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, जलजनित रोग या वाटरबॉर्न डिजीज (Waterborne Disease) सूक्ष्म जीवों (Micro Organisms) के कारण होते हैं। यह दूषित पानी या भोजन के सेवन से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। वाटरबॉर्न डिजीज के कारण उल्टी, दस्त और और दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इससे डायरिया भी हो सकता है। इसमें शरीर से सारा पानी बाहर निकल आता है। कभी-कभी खून और मयूकस भी बाहर आ जाते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए जलजनित रोग या वाटरबॉर्न डिजीज से बचाव (Waterborne Disease Prevention) जरूरी है।
कैसे होते हैं जलजनित रोग (Waterborne Disease)
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, कभी-कभी प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि भूकंप, बाढ़ और चक्रवात जैसी स्थिति भी रोगजनक पैटर्न में परिवर्तन का कारण बनती हैं। इससे पानी में रहने वाले रोगाणुओं से होने वाली बीमारियां ट्रिगर हो जाती हैं। इसके अलावा, कभी कभी वाटर सप्लाई बाधित होने पर दूषित पानी हमारे घरों में आता है। इससे जलजनित रोग होने की संभावना बनी रहती है।
जलजनित रोग होने के कारण (Waterborne Disease Causes)
जल जनित रोग पानी में मौजूद वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोअन्स, कृमिनाशक Helminthic, लेप्टोस्पाइरल के कारण होते हैं। इसके कारण वायरल हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस ई, पोलियोमाइलाइटिस, रोटावायरस डायरिया, टाइफाइड बुखार, ई. कोलाई, डायरिया, अमीबायसिस, राउंडवॉर्म हो सकता है।
यहां हैं इनसे बचाव के 6 उपाय (6 Tips to prevent Waterborne Diseases)
इंटरनेशनल जर्नल ऑन इन्फेक्शियस डिजीज के अनुसार, पानी से होने वाली बीमारियों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि कोई भी गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन इस रोग के बारे में बताते हैं, कुछ उपाय कर इन्हें पूरी तरह से रोका जा सकता है। सावधानी बरत कर खुद को और अपने परिवार को इन बीमारियों के दुष्परिणामों से बचाव किया जा सकता है।
1 वाटर प्यूरिफायर लगाएं (Water Purifier for Waterborne disease prevention)
हार्वर्ड हेल्थ में बताया गया है कि यदि आपको आशंका है कि आपके पास सुरक्षित पीने का पानी नहीं है। आपके पास दूषित पानी आ रहा है. तो घर में वाटर प्यूरिफायर लगाएं। यदि संभव हो, तो पीने और खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले पानी को उबाल लें।
2 साफ़ सफाई का पूरा ख्याल (Sanitation for Waterborne disease prevention)
बीएमसी इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल के अनुसार, व्यक्तिगत स्तर पर व्यक्ति को स्वच्छता के नियमों का पालन करना चाहिए। शौचालय का उपयोग करने के बाद और किसी भी खाद्य पदार्थ को छूने से पहले अपने हाथ साबुन से जरूर धोना चाहिए। घर को सामान्य रूप से साफ़ रखें। शौचालय को साफ रखें। ठीक से फ्लश करें और कीटाणुनाशक का नियमित रूप से प्रयोग करें।
3 स्ट्रीट फूड खाने से बचें (No to Street Food)
यदि बारिश के बाद घर के पास पानी जमा रहता है, तो समस्या को दूर करने के लिए सोसाइटी या मयूनिस्प्ल अधिकारियों से संपर्क करें। जब भी हैजा, टाइफाइड, पेचिश या दस्त का प्रकोप हो, तो स्ट्रीट फूड खाने से बचें। स्ट्रीट फ़ूड वाटर बॉर्न डिजीज के एक प्रमुख कारक होते हैं। सब्जियों और फलों को घर पर सिरके के घोल से धोना चाहिए।
4 स्तनपान कराने वाली मांएं रहें सतर्क
इंटरनेशनल ब्रेस्टफीडिंग जर्नल के अनुसार, जल जनित रोगों के खतरों के बारे में मित्रों और परिवार को शिक्षित करें। यदि आप अपने शिशु को ब्रेस्टफीड करा रही हैं, तो पहले छह महीनों तक सिर्फ स्तनपान करायें। ऊपरी भोजन देने से संक्रमण होने और दस्त की आशंका बनी रहती है।
डायपर बदलने के बाद और दिन में जितनी बार संभव हो अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए। बुजुर्गों की देखभाल करने वालों को दिन में जितनी बार संभव हो अपने हाथों को साबुन से धोना चाहिए।
5 मीट फिश खरीदने में विशेष सावधानी (Waterborne Disease Prevention)
बीएमसी इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल के अनुसार,साफ-सुथरे ढंग से बनाए गए स्टॉल से ही मांस-मछली खरीदें। घर पर ताज़ा पकाएं और ताज़ा खाएं। प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद प्रोडक्ट लेने से जलजनित रोगों का खतरा बना रहता है। कच्चे मांस से बने फ़ूड का सेवन न करें।
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कस्टमाइज़ करें6 फ़ूड को हमेशा ढंक कर रखें (always cover food)
स्ट्रीट फ़ूड खाते समय ऐसी चीज़ों का सेवन करें, जो गर्म और ताज़ा पके हों। साथ ही बाहर, हवा में खुले रखे हुए फ़ूड को नहीं खाएं। किसी भी फ़ूड को हमेशा ढक कर रखना चाहिए। इससे जलजनित रोगों को फैलाने वाली मक्खियों से बचाव हो पाता है।
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