लॉग इन

लहसुन, प्याज और मिर्च भी बढ़ा सकते हैं ब्लोटिंग, इन 5 मसालों से मिल सकती है इससे राहत

रसोई घर में मौजूद मसाले पोषण का खजाना है। पर कुछ मसाले ऐसे हैं, जाे किन्हीं खास परिस्थितियाें में समस्या का कारण बन सकते हैं। इसलिए आपको अपने आहार में इन्हें सोच-समझकर शामिल करना चाहिए।
हमारी रसोई में भी कई मसाले मौजूद हैं, जो ब्लोटिंग को कम करते हैं। हमें इससे राहत पहुंचाते हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 6 Dec 2023, 17:41 pm IST
ऐप खोलें

आजकल बहुत से लोगों में ब्लोटिंग की शिकायत देखने को मिल रही है। ब्लोटिंग (bloating) नियमित जीवनशैली का एक हिस्सा बन चुका है। पर इसे हल्के में लेने की भूल न करें, क्योंकि ब्लोटिंग आपके पाचन संबंधी समस्याओं का एक संकेत है। बार-बार ब्लोटिंग होने के पीछे कई फैक्टर जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे की धीमी पाचन प्रक्रिया, गलत खान पान, मेंस्ट्रुएशन, शारीरिक स्थिरता आदि। ब्लोटिंग की स्थिति में पूरी दिनचार्य खराब हो जाती है। ऐसे में आप विचलित महसूस करती हैं और आपके लिए किसी भी कार्य पर ध्यान केंद्रित रख पाना मुश्किल हो जाता है।

आपके किचन में कई मसले उपलब्ध होते हैं। जिनमें से कुछ ऐसे हैं, जो ब्लोटिंग की स्थिति में इसे कम करने के लिए बेहद प्रभावी रूप से कार्य करते हैं, तो कुछ मसाले ऐसे हैं जिनकी वजह से ब्लोटिंग (bloating) हो सकती है, या यदि पहले से ब्लोटिंग हो रखी है तो वह अधिक ट्रिगर हो जाती है। हेल्थ शॉट्स ने मसलों के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए मदरहुड हॉस्पिटल, चेन्नई की कंसलटेंट डाइटिशियन और न्यूट्रीशनिस्ट हरि लक्ष्मी से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, इन मसलों के नाम (spices for bloating)।

ब्लोटिंग के लिए आपकी दिनचर्या या खराब लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

पहले जानें किचन में मौजूद कुछ खास मसलों के नाम जो ब्लोटिंग में कारगर होते हैं (spices for bloating)

1. जीरा

जीरा का इस्तेमाल आमतौर पर कल्चरल व्यंजनों में स्वाद एवं फ्लेवर जोड़ने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल केवल यही तक सीमित नहीं है, इसमें कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज भी पाई जाती हैं ऐसे में इसका चिकित्सीय इस्तेमाल में भी शामिल किया जाता है। जीरा में एंटी डायबिटिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी और कार्डियो प्रोटेक्टिव इफेक्ट पाए जाते हैं। इसके अलावा इन्हें आंतों की सेहत को बढ़ावा देने के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जीरा बाइल प्रोडक्शन को बूस्ट करता है, जो एक संतुलित पाचन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। साथ ही यह शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। जीरा को डाइट में शामिल करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे की ब्लोटिंग, पेट दर्द और अपच से राहत मिलेगी।

2. सौंफ

सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी फंगल कंपाउंड्स पाए जाते हैं। यह सभी कंपाउंड गट हेल्थ को पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं, और ब्लोटिंग को कम करने में मददगार होते हैं। सौंफ में एंटीस्पास्मोडिक और एनेथोल एजेंट होते हैं, जो हेल्दी मसल्स कांट्रेक्शन में मदद करते हैं। साथ ही, सौंफ के एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक प्रॉपर्टी आंतो में मौजूद हानिकारक माइक्रोऑर्गेनाइज्म को कम करती हैं, जिससे की पाचन प्रक्रिया इंप्रूव होती है। इस प्रकार यह ब्लोटिंग की स्थिति में कारगर हो सकते हैं। आप सौंफ को चबाकर माउथ फ्रेशनर के तौर पर खाने के साथ ही इसकी चाय को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।

सौंफ खाने के फायदे. चित्र : अडोबी स्टॉक

3. काली मिर्च

काली मिर्च लगभग सभी भारतीय किचन में मौजूद होती है। आज के समय में काली मिर्च का इस्तेमाल कल्चरल डिश के साथ साथ ट्रेडिशनल डिश में भी स्वाद एवं फ्लेवर जोड़ने के लिए किया जा रहा है। काली मिर्च में पिपरिन नामक एक पावरफुल कंपाउंड पाया जाता है, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के साथ ही शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बढ़ा देते हैं।

काली मिर्च में मौजूद कंपाउंड गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक में ब्लड फ्लो को बढ़ा देते हैं। जिससे कि डाइजेस्टिव एंजाइम का स्टिमुलेशन बढ़ जाता है और यह खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करते हैं। जब खाना पूरी तरह से पच जाए, तो ब्लोटिंग आपको परेशान नहीं करती।

यह भी पढ़ें : Blood group diet : जानें ब्लड ग्रुप के आधार पर कैसे तय होती है हेल्दी डाइट

4. दालचीनी

दालचीनी एक प्रकार का गरम मसाला है, जिसे तमाम तरह से उपयोग किया जाता है। दालचीनी में मौजूद चिकित्सीय गुण, इसे बेहद खास बना देते हैं। ऐसे में यह सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी बहुत खास माना जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार सालों से दालचीनी का इस्तेमाल उल्टी, अपच, सर्दी खांसी, भूख की कमी, थकान आदि में एक खास घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जा रहा है। यह बॉडी में ब्लड फ्लो को बढ़ावा देती है, जिससे कि पाचन प्रक्रिया को सही से कार्य करने में मदद मिलती है और इस प्रकार यह ब्लोटिंग से भी राहत प्रदान करती है।

एंटी इंफ्लामेटरी प्रोपर्टीज से भरपूर दालचीनी सूजन से बचाती है। चित्र अडोबी स्टॉक

5. धनिया के बीज

धनिया के बीच में एक बेहतरीन खुशबू पाई जाती है, जो किसी भी व्यंजन में एक खास फ्लेवर जोड़ती है। इसके अलावा इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जिनमें पाचन संबंधी फायदे भी शामिल हैं। खाद्य पदार्थों में धनिया जोड़ने से उन्हें पचाना अधिक आसान हो जाता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार धनिया के बीच में मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज आंतो में मौजूद हेल्दी गट बैक्टीरिया को प्रमोट करते हैं। इसके अलावा इसकी एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी शरीर को फ्री रेडिकल्स से प्रोटेक्ट करती है, और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करती है।

मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाले ये 3 खाद्य स्रोत बन सकते हैं ब्लोटिंग का कारण

1. लहसुन

कच्चे लहसुन में तीखी गंध और स्वाद होता है, लेकिन पकने पर इसका स्वाद नरम, मक्खन जैसा हो जाता है। पर कुछ लोग मसाले को बर्दाश्त करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। लहसुन में फ्रुक्टेन, घुलनशील फाइबर होते हैं, जिन्हें पचाना मुश्किल होता है और यह इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकता है, या इसमें योगदान कर सकता है। इन्फ्लेमेशन की वजह से पेट में ब्लोटिंग होती है। जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है, उन्हें अधिक गंभीर लक्षणों का अनुभव हो सकता है।

लहसुन और प्‍याज से हो सकता है ब्लोटिंग। चित्र : शटरस्टॉक

2. प्याज

लहसुन की तरह, प्याज में फ्रुक्टेन होते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकते हैं। जैसे ही फ्रुक्टेन फर्मेंट होते हैं, वे आंतों में अधिक पानी खींचते हैं, जिससे ब्लोटिंग और दस्त के रूप में अन्य पाचन सम्बंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

3. लाल मिर्च

मिर्च में कैप्साइसिन नमक प्राइमरी कंपाउंड पाए जाते हैं, जिसकी वजह से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही लाल मिर्च दर्द, जलन, मतली और सूजन भी पैदा कर सकती है।

यह भी पढ़ें : सिर्फ मोटे लोगों को ही नहीं होती डायबिटीज, एक्सपर्ट बता रही हैं शुगर के बारे में 5 जरूरी फैक्ट्स

अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख