डायबिटीज के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य से युवा आबादी भी इसकी शिकार हो रही है। एक तरफ यह स्वास्थ्य स्थिति महामारी का रूप लेती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे मिथ अब भी प्रचलित हैं, जो उपचार में बाधा उत्पन्न करते हैं। अब भी बहुत सारे लाेगों को यह लगता है कि शुगर (Diabetes) सिर्फ मोटे लोगों की समस्या है। इसलिए जो लोग पतले या छरहरे हैं, उन्हें अपना ध्यान रखने की जरूरत नहीं। जबकि ऐसा नहीं है। मोटापा डायबिटीज का एक बड़ा कारक है, पर केवल यही अकेला कारक नहीं है। इसलिए यह जरूरी है कि आप भी डायबिटीज के बारे में प्रचलित गलत धारणाओं (Diabetes myths) को दूर कर सही फैक्ट जानें। इसमें हमारी मदद कर रही हैं न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी।
फैक्ट : नेहा कहती हैं, “वजन बढ़ने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, परंतु ऐसा नहीं है कि डायबिटीज पतले लोगों को प्रभावित नहीं कर सकती। हो सकता है कि आप पतले हों परंतु अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड, जंक फूड्स, ट्रांस फैट, रिफाइन शुगर ले रही हैं, तो आपके लिए भी डायबिटीज का जोखिम उतना ही है। इस वजह से आपकी बॉडी में इन्फ्लेमेशन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, इसके अलावा यदि आप अपने तनाव को मैनेज नहीं कर पा रही हैं, या अत्यधिक तनाव में रहती हैं या फिर आप उचित नींद प्राप्त नहीं कर रही है इन सभी की वजह से आपके पेट के हिस्से में विसरल फैट जमा होने लगता है।
इतना ही नहीं इसका असर पेंक्रियाज पर भी पड़ता है, जिसकी वजह से इंसुलिन सेंस्टिविटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह सभी स्थितियां डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती हैं।
फैक्ट : टाइप 1 डायबिटीज की वजह आपकी डाइट या लाइफस्टाइल च्वाइस नहीं होती। यह तब होती है जब इंसुलिन प्रोड्यूस करने वाले पेंक्रियाज के सेल्स डिस्ट्रॉय हो जाते हैं। इसके साथ ही यह भी समझना बहुत जरूरी है, कि टाइप 2 डायबिटीज की वजह केवल शुगर नहीं होती। हाई शुगर डाइट की वजह से कैलोरी इंटेक बढ़ जाती है, ऐसे में वेट गेन का खतरा भी बढ़ जाता है।
रिसर्च में पाया गया है, कि एक आम व्यक्ति को जितनी शुगर की आवश्यकता होती है, हम उससे कई गुना अधिक शुगर लेते हैं। इसलिए केवल रिफाइंड शुगर से ही परहेज रखना जरूरी नहीं है, यह ध्यान देना भी जरूरी है कि हम अपनी नियमित डाइट में अलग-अलग प्रकार के खाद्य स्रोतों के माध्यम से कितनी शुगर लेते हैं।
यह भी पढ़ें : Vegetables for diabetes : दवा के साथ-साथ इन 5 सब्जियों का भी करें नियमित सेवन, रहेगा ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल
फैक्ट : ज्यादातर डायबिटिक पेशेंट को फल से पूरी तरह से परहेज रखने को कहा जाता है। वहीं जानकारी के अभाव में वे खुद फल खाना छोड़ देते हैं। हालांकि, फल आपकी बैलेंस डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फल में नेचुरल शुगर पाया जाता है, साथ ही ये फाइबर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
ऐसे में यदि आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो आपको फलों को डाइट से बाहर करने की जगह शुगर इंटेक के अन्य स्रोतों पर ध्यान देना चाहिए। हां, यह सच है कि डायबिटीज में हर प्रकार के फल उचित नहीं होते, परंतु कई ऐसे फल हैं जिनका सेवन डायबिटीज में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
फैक्ट : टाइप टू डायबिटीज के मरीज बिना मेडिसिंस के भी हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और वेट मेंटेन कर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। परंतु डायबिटीज एक प्रोग्रेसिव डिजीज है, और आपकी सभी हेल्दी हैबिट्स को अपनाने के बाद भी यह समय के साथ बढ़ सकती है। ऐसे में यदि ब्लड शुगर लेवल संतुलित हो जाए, तो आपको दवाइयां नहीं छोड़नी चाहिए। इसे मेंटेन रखने के लिए दवाइयों की आवश्यकता होती है और यदि आप मेडिसिंस बंद कर रही हैं, तो यह बेहद महत्वपूर्ण है कि इसके पहले आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
फैक्ट : मिठाइयां सिंपल शुगर से भरपूर होती हैं, जिनके सेवन से ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। परंतु ऐसा नहीं है कि आप डायबिटीज के बाद कभी भी मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर सकती। आपको इन्हें स्पेशल ऑकेजन के लिए बचा कर रखना चाहिए। अन्य खाद्य पदार्थ से कार्बोहाइड्रेट लेने से बेहतर बेहतर है, सीमित मात्रा में शुगर लेना। यदि आप इन्सुलिन लेती हैं, तो हो सकता है, आपके डॉक्टर मीठा खाने के बाद आपको इंसुलिन की डोज बढ़ाने की सलाह दें।
यह भी पढ़ें : Pre Diabetes : डायबिटीज से कम खतरनाक नहीं होती प्रीडायबिटीज की स्थिति, जानें कैसे करना है इससे बचाव