Gut health : दूसरा ब्रेन है आपका आंत स्वास्थ्य, हेल्दी हार्ट के लिए इस 4 तरह रखें इन्हें स्वस्थ
आंत को दूसरे मस्तिष्क (Second Brain) के रूप में जाना जाता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर, अन्य नर्व और ऊतकों के साथ संचार के लिए आवश्यक तंत्रिकाओं द्वारा जारी केमिकल का उत्पादन करता है। आंत और मस्तिष्क एक संयुक्त साझेदारी के माध्यम से जुड़े (Heart and Gut Connection ) हुए हैं। इसे गट-ब्रेन एक्सिस कहा जाता है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट और सेंट्रल नर्वस सिस्टम दोनों से बायो केमिकल संकेतों को जोड़ता है। कई शोध बताते हैं कि हार्ट और गट एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए हार्ट डिजीज से बचाव के लिए पेट को स्वस्थ (how to boost gut health) रखना जरूरी है।
कैसे प्रभावित करता है गट (How Gut Health affected)
कम से कम एक सौ ट्रिलियन बैक्टीरिया इंटेस्टिनल पाथवेज में रहते हैं। इनमें से कई गुड बैक्टीरिया भी होते हैं। ये भोजन पचाने, दवाओं का चयापचय करने और हानिकारक बैक्टीरिया के आक्रमण के कारण होने वाले संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। जब पेट के बैक्टीरिया का संतुलन गड़बड़ा जाता है, तो नुकसान केवल पेट की परेशानियों तक सीमित नहीं होता है। इसे इंटेस्टिनल माइक्रोबायोम कहा जाता है। यह जीआई पाथवेज में बैक्टीरिया के समूह में परिवर्तन करके हृदय को भी प्रभावित कर सकता है। कम दबाव वाले नॉन हार्मफुल गैस्ट्रिक फैलाव हृदय गति और आर्टरी ब्लड प्रेशर दोनों को बढ़ाता है।
असंतुलन का प्रभाव (Microbiome imbalance effect on Heart Health)
वर्षों से आंत के स्वास्थ्य और हृदय स्वास्थ्य के बीच संबंध पर रिसर्च किया जा रहा है। हाल में हुए शोध बताते हैं कि कुछ प्रकार के गट बैक्टीरिया परिवर्तन से जुड़े हुए हो सकते हैं। इसके कारण हाई ब्लडप्रेशर, एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल का लो लेवल, दिल की बीमारी हो सकती है। इसके कारण दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी घटना हो सकती है।
वैज्ञानिक मानते हैं कि इसका संबंध उन यौगिकों से है, जो गट बैक्टीरिया कुछ खाद्य पदार्थों को तोड़ने पर पैदा करते हैं। बग्स का गलत संतुलन होने पर अधिक प्रोडक्शन हो सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है और ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
गट को हेल्दी रखने के यहां हैं 4 उपाय (4 tips for healthy gut)
1 एंटीबायोटिक्स के सेवन में सावधानी (Cautious about Antibiotics intake)
एंटीबायोटिक्स लेने में सावधानी बरतें। संक्रमण का इलाज करने वाली दवाएं स्वस्थ बैक्टीरिया को भी मार सकती हैं। जरूरत पड़ने पर ही इन्हें लें। डॉक्टर के निर्देशों का ठीक से पालन करें। कभी भी एंटीबायोटिक्स लेना बिना डॉक्टरी सलाह के बीच में न छोड़ें । उन्हें बाद के लिए बचाकर नहीं रखें। अपनी दवा दूसरों के साथ साझा नहीं करें।
2 हाथ की स्वच्छता (Hand Sanitation)
अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। इससे हानिकारक जीव दूर रहते हैं। पानी कम होने पर कम से कम 60% अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
3 फाइबर फ़ूड खाएं (Fibrous food for heart health)
विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार बैद बैक्टीरिया को दूर रखता है। प्लांट बेस्ड फ़ूड से प्राप्त फाइबर विशेष रूप से सहायक होता है। अपने आहार में फल और फलियों को शामिल करें। सफेद चावल जैसे परिष्कृत खाद्य पदार्थों की जगह ब्राउन राइस और ओट जैसे साबुत अनाज का सेवन बढ़ायें।
4 प्रोबायोटिक्स लें (Probiotics)
दही, मिसो जैसे खाद्य पदार्थों में अधिक हेल्दी माइक्रोबायोम होते हैं। इन्हें खाने से पेट का उचित संतुलन बहाल करने में मदद मिलती है। प्रोयोटिक सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से पूछें।
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