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Fat 101 : अच्छा और बुरा दोनाें तरह का हो सकता है फैट, यहां हैं अलग-अलग तरह के फैट्स के बारे में सारी जानकारी

फैट को आम भाषा में 'वसा' भी कहा जाता है। फैट शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है। फैट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
चित्र- अडोबी स्टॉक
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अक्सर फैट का ज़िक्र होते ही हम ये समझ लेते हैं कि फैट हमारे शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है और हर तरह का फैट हमारी स्वास्थ्य को बिगाड़ता ही है। लेकिन सच्चाई इससे पलट बिलकुल अलग है। दरअसल, फैट हमारे शरीर को ऊर्जा देने का एक बेहद महत्वपूर्ण स्रोत है।

आमतौर पर हम जब भोजन करते हैं, तो उसमें फैट मौजूद होता है और इस फैट का मुख्य उद्देश्य शरीर के अंदर होने वाले विभिन्न कार्यों को ऊर्जा प्रदान करना और समर्थन करना होता है। इसी फैट की मदद से शरीर में सेल्स का निर्माण होता है, जिससे शरीर सुरक्षित बना रहता है।

क्या होता है फैट ?

फैट को आम भाषा में ‘वसा’ भी कहा जाता है। फैट शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है। फैट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन कुछ फैट शरीर के लिए नुकसानदेह भी होते हैं।

आमतौर पर फैट को ‘गुड और बैड फैट्स’ में डिवाइड किया जाता है। गुड फैट और बैड फैट को अनसैचुरेटेड फैट और सैचुरेटेड फैट भी कहा जाता है। सैचुरेटेड फैट स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है, तो वही अनसैचुरेटेड फैट स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

वहीं, अनसैचुरेटेड फैट के भी दो रूप होते हैं, जिन्हें मोनो-अनसैचुरेटेड फैट (MUFA) और पोली अनसैचुरेटेड फैट (PUFA) कहतें हैं। आइये इन फैट्स के बारे में विस्तार से जानतें हैं।

सेहत के लिए जानिए अच्छे और बुरे फैट्स के बारे में

1 सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat) है सेहत के लिए नुकसानदेह

सैचुरेटेड फैट के बारे में बताते हुए न्यूट्रिशनिस्ट दिविजा शाह बतातीं हैं कि ये फैट स्वास्थ्य के लिए एक हानिकारक फैट है। सैचुरेटेड फैट को ट्रांस फैट भी कहा जाता है। ये फैट आमतौर पर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है और ये अन्य प्रकार के फैट्स के साथ मिश्रित रूप में पाया जाता है। सैचुरेटेड फैट शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते है, जिनके कारण हृदय स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार सैचुरेटेड फैट को सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। एक स्वस्थ व्यस्क व्यक्ति को उसकी पूरे दिन की डाइट का कुल 5 से 6 फीसदी कैलोरी ही सैचुरेटेड फैट से लेना चाहिए।

 

सैचुरेटेड फैट को सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक

यदि कोई व्यक्ति उससे ज्यादा सैचुरेटेड फैट लेता है तो, उसके स्वास्थ्य को हानि हो सकती है। अधिक मात्रा में सैचुरेट फैट का सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली के हिसाब से सैचुरेटेड फैट की मात्रा को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है।

सैचुरेट फैट के प्रमुख स्रोत (Source Of Saturated Fat)

सैचुरेटेड फैट रूम टेम्प्रेचर पर सॉलिड बना रहता है और ये फैट खाने की चीज़ों में पाया जाता है। सैचुरेटेड फैट सबसे ज्यादा इन चीज़ों में पाया जाता है।

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1 मांस: मांस (मुख्य रूप से लाल मांस) में सैचुरेट फैट पाया जाता है।
2 दूध उत्पाद: घी, मक्खन, चीज़, दूध, दही आदि दूध उत्पादों में भी सैचुरेट फैट होता है।
3 कोकोनट ऑयल: कोकोनट ऑयल भी अधिक मात्रा में सैचुरेट फैट का स्रोत होता है।
4 बटर: बटर में भी सैचुरेट फैट पाया जाता है।
5 बेकरी और फास्ट फूड: अधिकांश फास्ट फूड, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, और बेकरी उत्पादों में भी सैचुरेट फैट हो सकता है।

हार्ट फ्रेंडली है अनसैचुरेटेड फैट (Unsaturated Fat) ?

न्यूट्रिशनिस्ट शाह के अनुसार अनसैचुरेटेड फैट (Unsaturated Fat) एक प्रकार का वसा होता है, जिसमें स्वास्थ्य के लिए अधिकतर अच्छे फैट्स पाए जाते हैं। अनसैचुरेटेड फैट व्यक्ति के हृदय स्वास्थ्य और शरीर के बाकी हिस्सों को अच्छा रखते है। इसलिए अक्सर सैचुरेटेड फैट की जगह अनसैचुरेटेड फैट खाने की सलाह दी जाती है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अनसैचुरेटेड फैट्स हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही ये फैट आपके शरीर की कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकते हैं और स्वस्थ जीवनशैली के हिसाब से उपयुक्त ऊर्जा प्रदान करते हैं। ये अनसैचुरेटेड फैट्स कई प्रकार के वनस्पतिक तेल, नट्स, बीन्स, अवोकाडो, और मछली जैसे खाद्य पदार्थ में पाए जाते हैं।

अनसैचुरेटेड फैट के प्रकार (Types Of Unsaturated Fat)

अनसैचुरेटेड फैट आमतौर पर दो प्रकार के होते है, जिन्हें मोनो-अनसैचुरेटेड फैट (MUFA) और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट (PUFA) कहा जाता है।

1 मोनोअनसैचरेटेड फैट्स (MUFA): ये फैट्स एक ही प्रकार के फैट्स होते हैं, जो एक बंधन में बंधा होता है। मोनोअनसैचुरेटेड फैट तरल स्वरुप में होता है और अगर इसे जमाया जाता है तो ये जम जाता है । ये फैट्स उच्च पदार्थों में पाए जाते हैं और आपके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स प्रमुख तौर पर वनस्पतिक तेल, जैतून तेल, नट्स, अलसी के बीज, मक्का, सोयाबीन, और सूरजमुखी तेल और अखरोट में पाया जाता है और ये स्वास्थ्य के लिए गुड फैट माना जाता है।

मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स स्वास्थ्य के लिए गुड फैट माना जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

2 पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स (PUFA): ये फैट्स अलग अलग प्रकार के बंधन होते हैं जिनमें दो या दो से अधिक प्रकार के बंधन होते हैं। पॉलीअनसैचुरेटेड फैट तरल स्वरुप में होते है और अगर इन्हें जमाया जाए तो ये जमते नहीं, बल्कि तरल ही रहते हैं। ये फैट्स भी आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है।

PUFA प्रमुख तौर पर तिल के तेल, सनफ्लॉवर के तेल और मछली जैसी चीज़ों में पाया जाता है । वही WHO के मानकों के अनुसार आप हर दिन अनसैचुरेटेड फैट का प्रयोग कर सकतें हैं।

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कार्तिकेय हस्तिनापुरी

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है। ...और पढ़ें

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