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प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स दोनों हैं गट हेल्थ के लिए जरूरी, वर क्या आप जानते हैं इन दोनों का अंतर?

पाचन तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए आपको कुछ ऐसे फूड्स की भी जरूरत होती है, जो पाचक रसों और गुड बैक्टीरिया का निर्माण करते हैं। इनमें प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स दोनों ही तरह के फूड्स शामिल हैं।
प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक के बीच मुख्य अंतर आंत में उनके कार्य और उद्देश्य में होता है। चित्र : शटरस्टॉक
संध्या सिंह Published: 17 Mar 2024, 09:30 am IST
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गट हेल्थ में सुधार की बात आती है तो हम सबसे पहले प्रोबॉयोटिक का ही नाम लेते है। लेकिन इसके साथ ही एक और टर्म होती है जिसे प्रीबायोटिक कहा जाता है। अब कंफ्यूजन ये है कि क्या ये दोनों एक है और नाम सिर्फ अलग है या फिर ये दोनों ही दो अलग अलग चीजें है जिनके काम भी अलग अलग ही होते है। तो चलिए पता लगाते है क्या होता है प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक।

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के बीच क्या अंतर है (Difference between prebiotic and probiotic)

इस बारे में डॉ. मानसी श्रीवास्तव ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। डॉ. मानसी श्रीवास्तव एक एक्यूपंचर स्पेशलिस्ट और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट है।

सबसे पहले प्रीबायोटिक्स को समझिए

प्रीबायोटिक प्रोबायोटिक और गट में अच्छे सूक्ष्म जीवों का भोजन होता है। वे फाइबर, ऑलिगोसेकेराइड, रेजिस्टेंस स्टार्च हैं जो आंत में पहले से ही मौजूद गूड बैक्टीरिया में विकास करते हैं या उन्हें सक्रिय करते हैं। प्रीबायोटिक्स को अघुलनशील या घुलनशील फाइबर द्वारा बांटा जा सकता है और इन दोनों को आप अपने आहार या सप्लीमेंट से प्राप्त कर सकते है जो की बिल्कुल स्वस्थ है।

प्रोबायोटिक यानि की गट के गुड बैक्टीरिया को जीवित रखना है तो प्रीबायोटिक बहुत जरूरी है। चित्र शटरस्टॉक।

जब प्रीबायोटिक पचने के बाद कोलन में पहुंचता है तो गट बैक्टीरिया खुद को जीवित रखने के लिए प्रीबायोटिक को तोड़ते है या फॉर्मेट करते है। इससे फैटी एसिड की एक शॉर्ट चेन का निर्माण होता है जिससे कोलन कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है, बलगम बनता है , और सूजन और प्रतिरक्षा में सहायता होती है।

अब समझिए क्या हैं प्रोबायोटिक्स

प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक के बीच मुख्य अंतर आंत में उनके कार्य और उद्देश्य में होता है। लेकिन इनमें एक समान बात ये है कि ये दोनों ही एक दूसरे के बिना अधूरे है। प्रोबायोटिक हमारे गट के अच्छे बैक्टीरिया होते है। ये स्वस्थ गट फ्लोरा के संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। और प्रीबायोटिक इन बैक्टीरिया का भोजन होते है जिससे ये जीवित रहते है। प्रीबायोटिक एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद करते हैं जहां लाभकारी बैक्टीरिया पनप सकें।

क्या ये दोनों ही आपकी गट हेल्थ के लिए जरूरी हैं

अगर हम इसका जवाब एक शब्द में ही दें तो वो होगा हां, ये दोनों ही आपकी गट हेल्थ को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। जैसा की हमने आपको पहले ही जानकारी दी है कि आपको अपने गट के अच्छे बैक्टीरिया है जो आपके गट के फ्लोरा के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते है।

गट में अच्छे बैक्टीरिया ठीक से काम नहीं करेंगे तो आपका भोजन ठीक से पच नहीं पाएगा और आपकी पाचन प्रणाली खराब हो सकती है। अगर बात प्रीबायोटिक की बात करें तो अगर आपको अपने प्रोबायोटिक यानि की गट के गुड बैक्टीरिया को जीवित रखना है तो प्रीबायोटिक बहुत जरूरी है। ये प्रोबायोटिक के लिए भोजन का काम करते है। यदि गुड बैक्टीरिया प्रीबायोटिक न मिलने के कारण मर गए तो उससे आपकी गट हेल्थ की हालत बहुत खराब हो सकती है।

नोट कीजिए प्रीबायोटिक के आहार स्रोत

सेब

सेब विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं। पेक्टिन सहित उनकी फाइबर सामग्री, हानिकारक बैक्टीरिया को कम करते हुए गुड गट बैक्टीरिया के विकास को बढ़ाती है।

साबुत ओट्स

साबुत ओट्स में हाई फाइबर सामग्री होती है, जिसमें बीटा-ग्लूकन फाइबर और रेजिस्टेंस स्टार्च होता है, जो अच्छे आंत बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है।

केले

यह फल आपके पेट में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाने और ब्लोटिंग को कम करने में मदद कर सकता है। केले को कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है।

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प्याज

प्याज में प्रीबायोटिक्स, एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो कैंसर की रोकथाम और अन्य पुरानी बीमारियों को कम करने में सहायता करते हैं।

लहसुन

लहसुन, भोजन में स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध जड़ी बूटी और इनुलिन के एक समृद्ध स्रोत के रूप में काम करती है। ये यौगिक गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते है।

गट को हेल्दी रखने के लिए प्रोबायोटिक ड्रिंक्स। चित्र- अडोबी स्टॉक

यहां हैं प्रोबायोटिक के आहार स्रोत

योगर्ट

योगर्ट प्रोबायोटिक्स के सबसे प्रसिद्ध स्रोतों में से एक है, जिसमें लैक्टोबैसिलस और बिफीडोबैक्टीरियम जैसे जीवित और सक्रिय बैक्टीरिया शामिल हैं।

किण्वित सब्जियां

साउरक्रोट, किमची, अचार और अन्य किण्वित सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों में किण्वन प्रक्रिया के दौरान प्रोबायोटिक्स का उत्पादन होता हैं।

कोम्बुचा

कोम्बुचा एक किण्वित चाय की तरह पीने वाला ड्रिंक है जिसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया और खमीर के तत्व होते हैं।

टेम्पेह

टेम्पेह फर्मेंट सोयाबीन से बना होता है। इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं और यह एक लोकप्रिय पौधा-आधारित प्रोटीन स्रोत है। इसका जन्म इंडोनेशिया में हुआ था।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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