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मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करती है दालचीनी, जानें डाइट में कैसे शामिल की जाये

मेटाबोलिज्म सक्रिय नहीं रहने पर कई बीमारियां हो जाती हैं। शोध प्रमाणित कर चुके हैं कि दालचीनी मेटाबोलिज्म को सक्रिय करता है। जानें मेटाबोलिज्म को सक्रिय करने के लिए कैसे ली जाए दालचीनी।
पोषक तत्वों से भरपूर दालचीनी समग्र सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। चित्र शटरस्टॉक।
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:04 am IST
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स्वाद में मीठा लेकिन मसाले के तौर पर प्रयोग की जाती है दालचीनी। वजन कम करने के लिए इन दिनों दालचीनी की चाय का खूब क्रेज है। पर क्या आप जानती हैं कि यह चयापचय को भी तेज करती है। मेटाबोलिज्म की क्रिया तेज होने पर ही स्वास्थ्य की अन्य कई समस्याएं शरीर से दूर रह पाती हैं। खासकर मधुमेह और हृदय संबंधी समस्या। डेली डाइट में दालचीनी को शामिल करने से मसल्स हेल्थ भी बेहतर हो सकता है। आइये जानते हैं कैसे दालचीनी मेटाबोलिज्म को सक्रिय (cinnamon to boost metabolism) करती है।

भारत में मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ितों की संख्या में हो रही है वृद्धि

हेल्थ एंड डिजीज जर्नल में भारतीयों के चयापचय (Metabolism) और मेटाबोलिज्म सिंड्रोम (Metabolism Syndrome) पर दालचीनी के प्रभाव का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं सोनल गुप्ता जैन, सीमा पुरी, अनूप मिश्रा, सीमा गुलाटी ने मेटाबोलिज्म पर दालचीनी के प्रभावों का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं के अनुसार विकासशील देशों विशेष रूप से दक्षिण एशिया में टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) और हृदय रोग (Cardio Vascular Disease) के प्रसार में तेजी देखी जा रही है।

पिछले तीन दशकों के दौरान भारत में टाइप 2 डायबिटीज के मरीज की संख्या दोगुनी हो गई है। इस तरह की तेजी से वृद्धि के कारण कई हो सकते हैं। लेकिन ज्यादातर असंतुलित आहार और शारीरिक निष्क्रियता से संबंधित हैं। इसके अलावा, एशियाई भारतीयों के शरीर में अतिरिक्त चर्बी, एक्टोपिक फैट (Obesity) और परिणामी इंसुलिन प्रतिरोध की प्रवृत्ति भी हो सकती है। ये सभी मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण ही होते हैं।

दालचीनी का शरीर पर सकारात्मक प्रभाव

अध्ययन में मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले एशियाई भारतीयों के शरीर पर ओरल रूप से ली गई दालचीनी की खपत के प्रभाव की जांच की गई। मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले 116 व्यक्तियों को दो समूह में बांटा गया। एक समूह को 16-सप्ताह तक लगातार 3 ग्राम दालचीनी का सेवन कराया गया। वहीं दूसरे समूह को दालचीनी का सेवन नहीं कराया गया। 16-सप्ताह बाद शरीर की संरचना, रक्तचाप और मेटाबोलिक मापदंडों का आकलन किया गया। परिणाम में देखा गया कि दालचीनी का शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

दालचीनी और इसके पाउडर के सेवन से हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल में भी सुधार देखा गया। चित्र-शटरस्टॉक

मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार (Cinnamon boost Metabolism) 

बैक और हिप के अनुपात में संतुलन, ब्लड प्रेशर, टोटल सीरम कोलेस्ट्रॉल, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल, सीरम ट्राइग्लिसराइड्स, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल में भी सुधार देखा गया। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष में यह बताया कि दालचीनी के सेवन से मेटाबोलिक सिंड्रोम के सभी घटकों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।

क्लिनिकल न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख बताते हैं कि मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण हुए मोटापे को कम करने में भी यह महत्वपूर्ण रूप से कार्य कर सकता है। मोटापा प्रबंधन में वजन कम करने वाले पूरक के रूप में इसकी सिफारिश की जा सकती है।

कब करें सेवन

हेल्थ एंड डिजीज जर्नल के अनुसार, दालचीनी का सेवन नाश्ते से पहले कर लिया जाए तो अच्छा है। नाश्ते से पहले दालचीनी का सेवन करने से चयापचय को तेज करने में मदद मिलती है। इस समय आपका शरीर वसा जलाने के लिए तैयार रहता है। दालचीनी में पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं।

इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इन्फ्लेमेट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। एंटी इन्फ्लेमेट्री गुण शरीर को अधिक प्रभावी ढंग से वसा जलाने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। इससे फ़ूड क्रेविंग को भी दूर किया जा सकता है।

1 इंच दालचीनी को उबालकर, नींबू का रस, शहद, काली मिर्च, इलायची और पुदीना पाउडर मिलाकर पीयें। चित्र : शटरस्टॉक

कैसे करें सेवन

दालचीनी को कई तरीकों से लिया जा सकता है। सुबह खाली पेट एक टी स्पून दालचीनी पाउडर को 1 ग्लास पानी के साथ लिया जा सकता है। रात में दालचीनी को पानी में डालकर छोड़ दें। इस पानी को खाली पेट पियें। दालचीनी की चाय पीने से भी मेटाबोलिक सिंड्रोम को दूर किया जा सकता है। यदि डायबिटीज नहीं है, तो 1 इंच दालचीनी को उबालकर, नींबू का रस, शहद, काली मिर्च, इलायची और पुदीना पाउडर मिलाकर पीयें। इन सभी के अलावा दालचीनी कैप्सूल के रूप में भी उपलब्ध है। लेकिन चिकित्सक के परामर्श के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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