गुलाब जामुन से लेकर रवा डोसा तक, सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं रेडी टू कुक फूड, एक्सपर्ट से जानिए कैसे
त्योहारों के नज़दीक आते ही बाज़ारों में अनेक प्रकार के पैक्ड फूड आइटम्स मिलने लगते हैं। जो देखने में बेहतरीन और खाने में बेशक ज़ायकेदार लगते हैं। समय की कमी के कारण आजकल ज्यादातर लोग रेडी डू कुक फूड की तरफ स्विच करने लगे हैं। इससे कुकिंग का आनंद तो मिलता है, पर उतना समय नहीं लगता, जितना रॉ मैटीरियल से व्यंजन तैयार करने में लगता है। आपको तारीफ दिलवाने और आपका समय बचाने वाले ये रेडी टू मेक फूड क्या वाकई हेल्दी होते हैं (side effects of Ready to cook foods)? आइए एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं।
रेडी टू कुक फूड किसे कहा जाता है
मिठाइयों से लेकर सब्जियों तक कुछ देर उबालने भर या मिश्रण को घोलकर तैयार करने भर से आपका फूड आइटम तैयार हो जाता है। ये खाने में भले ही बेहद स्वादिष्ट और ज़ायकेदार होते हैं। मगर इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती हैं और विषैले पदार्थ बढ़ने लगते हैं। माइब्रोवेव या ओवन में तैयार होने वाली इन फूड आइटम्स को खाने से किसी भी पोषक तत्व की प्राप्ति नहीं होती है।
क्या इनमें पोषक तत्व होते हैं?
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि बाज़ार में इन दिनों तेज़ी से बिकने वाले रेडी टू मेक फूड में भरपूर मात्रा में प्रिजर्वेटिव्स पाए जाते हैं। इसके अलावा उसमें स्टैबलाइजर और कलर एडिटिक्स भी मिलाए जाते हैं। इससे खाने का रंग और स्वाद बरकरार रहता है। बेकिंग एजेंटस मिलाने से ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। अत्यधिक कंजप्शन करने में पेट में दर्द, ऐंठन और ब्लोटिंग की समस्या बढ़ने लगती है।
जानिए आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छे नहीं हैं रेडी टू मेक फूड एंड मिक्स (Health hazards of ready to cook foods and mix)
1 कैलोरी इनटेक से बढ़ता है मोटापा (High in calorie)
रेडी टू मेक फूड्स को नियमित तौर पर खाने से शरीर में कैलोरी इनटेक बढ़ने लगता है। इससे शरीर में फैट्स इकट्ठा होते चले जाते हैं। जो वज़न में बढ़ोतरी करते है। इनका नियमित सेवन ओवरऑल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। खासतौर से डायबिटीज़ और हृदय रोग से जूझ रहे लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
2 फ्रैशनेस की कमी (They are not fresh)
घर पर तैयार किया जाने वाले खाना और रेडी टू मेक फूड में जो मुख्य अंतर होता है, वो है फ्रेशनेस की कमी। ताज़ा खाना जहां स्वाद में बेहतर और पचाने में भी आसान होता है। वहीं रेडी टू मेक फूड न केवल आपके पाचनतंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि ताज़ा नहीं होता है। इससे आपके शरीर का पोषक तत्वों की प्राप्ति नहीं होती है।
3 मेटाबॉलिज्म हो जाता है स्लो (Affect metabolism)
पाचन संस्थान को बेहतर बनाए रखने के लिए हेल्दी फूड अहम रोल निभाता है। अगर आप पैक्ड या रेडीमेड फूड खाती हैं, तो इसे न केवल पचाना मुश्किल है बल्कि इससे कई स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता हैं। मेटाबॉलिज्म को हेल्दी रखने के लिए होम मेड फूड का चुनाव करें।
4 न्यूट्रिएंटस होने लगते हैं लॉस (lack of nutrients)
अगर आप कलर और प्रिर्जवेटिव्स से भरपूर खाना खाते हैं। तो उससे खाने का पोषण कम होने लगता है। न्यूट्रिएंटस के लॉस होने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। प्रोसेस्ड फूड से शरीर में कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन की कमी बढ़ जाती है। जो हड्डियों में दर्द और ऐंठन का कारण बनने लगती है।
याद रखें
मगर कहीं न कहीं हमारे शरीर को कई प्रकार से प्रभावित भी करते हैं। एक के बाद एक आने वाले त्योहारों पर मिठाइयों को बनाने के लिए रेडी टू मेक रेसिपीज़ का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद स्वाद ओवरइटिंग का कारण बनकर मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देता है। इससे शरीर में टॉक्सिक पदार्थ एकत्रित होकर पेट संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ा देते हैं। इसलिए इनके इस्तेमाल से जितना हो सके बचना चाहिए।
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