अनजाने में कहीं आप भी तो नहीं बन रहीं कोविड-19 ‘सुपर स्प्रेडर’ का माध्यम, जानिए क्या है यह
आप दोस्तों को बहुत मिस कर रहीं हैं? सहेलियों के साथ किसी पार्टी में शामिल हुए महीनों बीत गए? और अब जब अनलॉक 4.0 में रेस्तरां, पार्क आदि खुल गए हैं, तो आप भी सोच रहीं हैं कि एक गेट टुगेदर प्लान कर लिया जाए। पर सावधान ! आपका यह छोटा सा गेट टुगेदर या पार्टी कोविड-19 सुपर स्प्रेडर (Covid-19 super spreader) का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने घरों, दफ्तरों में होने वाली छोटी-मोटी पार्टियों पर विशेष चेतावनी जारी की है। जर्मनी और ब्रिटेन में इस तरह की पार्टियां कोरोनावायरस के सुपर संक्रमण का कारण बनी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तीन साल बाद तक भी आपको इससे बचना चाहिए।
क्या कह रहे हैं जर्मन वैज्ञानिक
जर्मन वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में यह अनुमान लगाया है कि तीन साल बाद तक भी कोरोना वायरस का संक्रमण बना रह सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि संक्रमण थमने वाला नहीं है, लोग घरों में पार्टियां न करें।
जर्मनी के राष्ट्रीय महामारी अनुसंधान के प्रोफेसर हेंड्रिक स्ट्रीरिक्स का कहना है कि अगर सभी लोगों तक कोरोना का टीका नहीं पहुंचा तो साल 2023 तक कई देशों के कुछ-कुछ क्षेत्रों में संक्रमण बना रह सकता है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि घरों में होने वाली पार्टियों और दूसरे बड़े आयोजन पूरी तरह से बंद कर दिए जाएं।
छोटी-मोटी पार्टियां भी हो सकती हैं सुपर स्प्रेडर
शोधकर्ता ने अपने अध्ययन के आधार पर सरकार को सलाह दी है कि जर्मनी में लोगों को घरों में पार्टियां करने से रोका जाए। ये आयोजन संक्रमण के ‘सुपर स्प्रेडर’ बनते हैं जो संक्रमण को और भयावह बनाने में भूमिका निभाते हैं। शोधकर्ता हेंड्रिक का कहना है कि यह वायरस गायब होने वाला नहीं है, यह अब हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है।
कई देशों में घरों में हो रहीं पार्टियां
यूरोपीय देशों में तालाबंदी में छूट लागू हो गई है। पर बड़े आयोजन करने की अब भी मनाही है। ऐसे में लोग अब क्लबों की जगह घरों में इकट्ठे होकर पार्टियां करने लगे हैं। हाल में इंग्लैंड में स्थानीय पुलिस ने कई ऐसे आयोजकों पर मोटा आर्थिक दंड लगाया।
जर्मनी में सरकार ने लोगों से सावधानी बरतने की विशेष अपील करते हुए कहा है कि वे दूसरे लोगों से शारीरिक दूरी बनाने के लिए पार्टियां न करें और जरूरत पड़ने पर ही सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करें।
सोशल डिस्टेंसिंग है जरूरी
यह सही है कि अब ज्यादातर देशों में लॉकडाउन में ढील दी गई है। पर इसका उद्देश्य थमी हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना है।
कोरोनावायरस का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है। बल्कि इसमें और इजाफा हुआ है।
इसलिए जरूरी है कि अब भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करती रहें। बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें और उचित दूरी बनाकर रखें।
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कस्टमाइज़ करेंहम समझ सकते हैं कि आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को मिस कर रहीं हैं, पर फिलहाल उनसे डिजिटल माध्यमों से जुड़ना ही सुरक्षित है।