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क्या आप जानते हैं सिकल सेल एनीमिया के बारे में, जिसे बजट में 2047 तक समाप्त करने का लक्ष्य है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने सिकल सेल एनीमिया को 2047 तक खत्म करने के भारत के लक्ष्य के बारे में बताया। पर क्या आप इस दुर्लभ बीमारी के बारे में जानते हैं?
यदि थैलेसीमिया है या थैलेसीमिया की जीन है, तो बच्चे पैदा करने से पहले डॉक्टर से मिलना जरूरी है। चित्र : अडोबा स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 21 Mar 2023, 10:33 am IST
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आज दिन भर लोगों की नजर बजट पर थी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिकल सेल एनीमिया का जिक्र किया। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि 2047 तक देश से सिकल सेल एनीमिया को खत्म (sickle cell anemia elimination) करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए पूरे देश में स्क्रीनिंग और अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जाएंगे। सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। जिससे ग्रस्त व्यक्ति को जीवन भर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या है सिकल सेल एनीमिया और इससे कैसे बचाव (How to prevent sickle cell anemia) किया जा सकता है।

बजट में क्या है सिकल सेल एनीमिया के लिए प्लान

वर्ष 2023-24 का आर्थिक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिकल सेल को देश से समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वर्ष 2047 तक इसे पूरी तरह समाप्त करने का समय निश्चित किया है। इसमें 8 करोड़ लोगों की जांच की जाएगी। खासकर उनकी जो लोग 0 से 40 वर्ष की आयु के हैं। क्या है सिकल सेल एनीमिया और इस पर काबू पाया जा सकता है? इस बारे में बात करने के लिए हमने बात की डॉ. शुचिन बजाज से। डॉ शुचिन संस्थापक निदेशक है उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के।

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क्या है सिकल सेल एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया जेनेटिक समस्याओं में से एक है, जिसे सिकल सेल रोग कहा जाता है। डॉ शुचिन के अनुसार पूरे विश्व में 45 लाख लोग सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त हैं, जिनमें से 80 फीसदी अफ्रीकी देशों में हैं।

यह लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को प्रभावित करता है, जो शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन ले जाती हैं।

लाल रक्त कोशिकाएं आमतौर पर गोल और लचीली होती हैं। इसलिए वे रक्त वाहिकाओं के माध्यम से आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंच पाती हैं। परंतु सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित होने पर लाल रक्त कोशिकाएं सिकल या आधे चांद के आकार की हो जाती है। ये सिकल सेल कठोर और चिपचिपे भी हो जाते हैं, जो रक्त प्रवाह को धीमा कर सकते हैं।

डॉ. शुचिन बजाज बताते हैं कि सिकल सेल की समस्या की शुरुआत 5 से 6 महीने की उम्र में होती है। समय बढ़ाने के साथ-साथ यह कई और समस्याओं का कारण बन सकता है। सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति को अचानक से तेज दर्द महसूस हो सकता है, एनीमिया, पैरों और हाथों में सूजन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, स्ट्रोक, जोड़ों में दर्द का भी कारण बन सकता है।

सिकल सेल एनीमिया तब और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जब माता-पिता दोनों ही सिकल सेल से ग्रस्त हों। ऐसे बच्चों में सिकल सेल के खतरनाक लक्षण हो सकते है। अगर सिर्फ माता या पिता में से किसी एक में ही सिकल सेल हैं, तो उस बच्चे में जो सिकल सेल ट्रेट होगा। जो ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता।

इसका पता प्रेगनेंसी के दौरान और खून की जांच कर आसानी से लगाया जा सकता है।

सिकल सेल एनीमिया से जुड़े लोगों में लाल रक्त कोशिकाएं कठोर, चिपचिपी और सिकल के शेप में हो जाती हैं।

क्यों होता है सिकल सेल एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया जीन में बदलाव की वजह से होता है। जो शरीर को हीमोग्लोबिन नामक लाल रक्त कोशिकाओं में आयरन बनाने के लिए कहता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं को पूरे शरीर में फेफड़ों से ऑक्सीजन ले जाने में सक्षम देता है। सिकल सेल एनीमिया से जुड़े लोगों में लाल रक्त कोशिकाएं कठोर, चिपचिपी और सिकल के शेप में हो जाती हैं।

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डॉ. शुचिन बजाज के अनुसार सिकल सेल बच्चों में माता-पिता से स्थानांतरित होता है। यदि माता-पिता दोनों में सिकल सेल ट्रेट है, तो इसकी पूरी संभावना है कि बच्चा सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित होगा। अगर माता या पिता दोनों में से किसी एक में ये जीन है तो बच्चे को सिकल सेल एनीमिया होने की कम संभावना होती है या अगर होता भी है तो बच्चे में उसके लक्षण दिखाइ नहीं देते है।

इसलिए आप शादी से पहले अपनी कुंडली, पत्रों को मिलने से ज्यादा जरूरी ये है कि आप सबसे पहले दोनों का ब्लड टेस्ट कराएं ताकि दोनों में से किसी को भी सिकल सेल या कोई और बीमारी हो तो उसका पता लगाया जा सकें।

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क्या हो सकते हैं सिकल सेल एनीमिया के गंभीर लक्षण

ठीक से चलने या बात करने में परेशानी होना

पैरालाइज होने या अंगों में कमजोरी आना

ठीक से दिखाई न देना

सुन्न पड़ जाना

तेज सिरदर्द होना

चक्कर आना

क्या सिकल सेल एनीमिया का उपचार संभव है?

सिकल सेल के लक्षणों का पता चलने पर ऐसे कई उपचार हैं, जो लक्षणों को काबू करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

आईवी फ्लूइड डिहाइड्रेशन लाल रक्त कोशिका के काम को सामान्य करने में मदद कर सकता है।

पेन किलर दवाओं का सेवन दर्द दूर करने के लिए लिया जा सकता है।

रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को सुधारने के लिए कुछ सप्लीमेंट दिए जा सकते है।

संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण भी किया जा सकता है।

इसको रोकने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट का भी उपयोग किया जाता है।

शादी के समय ये जांच लें कि महिला और पुरुष में से किसी को सिकल सेल एनीमिया न हो क्योंकि इससे बच्चे के ग्रसित होने की समस्या बढ़ जाती है। हालांकि प्रेगनेंसी के समय भी इसका पता लगाया जा सकता है।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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