आजकल इंसान अपनी दिनचर्या के कारण इतना व्यस्त हो गया है कि वह खुद के लिए भी समय बहुत मुश्किल से निकाल पाता है। इसके कारण स्ट्रेस और बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। मन को शांत रखना नामुमकिन तो नहीं होता है। लेकिन नियमित रूप से कुछ रूल्स को फ़ॉलो कर इसे आसान बनाया जा सकता है। मन को शांत करने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ टिप्स (tips to get relief from fatigue) का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये, तो यह फायदा दे सकता है।
मन को शांत करने का सबसे अच्छा उपाय है कि योगा नियमित रूप से किया जाये। योगा करने से दिमाग और मन दोनों ही शांत हो जाता है। योग से शरीर भी स्वस्थ रहता है। कुछ योगासन ऐसे हैं, जो गंभीर बीमारियों से शरीर का बचाव भी करते हैं।
मेडिटेशन म्यूजिक (Meditation Music) को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह एक ऐसा संगीत है, जो खास तरह से तैयार किया जाता है। इसमें इतनी क्षमता होती है कि यह आपके अशांत मन को शांत कर सकता है। साथ ही यह तनाव मुक्त भी कर सकता है। संगीत को समझना और अंतर्मन से महसूस करने पर हमे मानसिक संतुष्टि का आभास होता है। ध्यान संगीत के नियमित रूप से सुनने पर नकारत्मक विचार पीछे छूटते चले जाते हैं। नकारात्मक विचारों के छूटते और मन शांत होते ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं अपने-आप समाप्त हो जाती हैं।
जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदल देंगी, तो अच्छे नतीजे मिलने शुरू हो जायेंगे। एक पुरानी कहावत है- जैसा आप सोचेंगे वैसा ही आप बन जायेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर आप सकारत्मक विचार रखती हैं, तो आप सकारत्मक सोच वाली व्यक्ति बनेंगी। वहीं अगर आप नकारात्मक विचार रखेंगी, तो वैसा ही बन जायेंगी। सकारात्मक विचार भर मन में लाने मात्र से ही आपको अपने आप में अद्भुत बदलाव अनुभव होने लगेगा। मनोविज्ञान इस बात की पुष्टि करता है कि अगर आप रोजामर्रा के जीवन में सभी के प्रति सकारात्मक रहती हैं, तो आपका मन और तन दोनों स्वस्थ होगा। जीवन में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
गहरी सांस कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। जब भी आपको कोई नेगेटिव विचार आये, तो सबसे पहले गहरी सांस लें। गहरी सांस मन को शांत रखने का अचूक मंत्र है। जब हम सांस पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तब हमारे दिमाग में अच्छे केमिकल स्रावित होते हैं, जो मन को कंट्रोल करने तथा मन को खुश रखने का काम करते हैं।
मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से पांच बार गहरी सांस लें। 4-5 सेकेंड्स रूक कर सांस छोड़ दें। गहरी सांस लेते समय फेफड़े और डायफ्राम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे मन और मस्तिष्क को शांति और राहत और सुकून मिलता है।
एक शोध के अनुसार यह बात पता चली कि जब हम किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करते हैं, जिसे मदद की जरूरत होती है, तो हमारा मस्तिष्क अधिक मात्रा में एंडोर्फिन (रसायन) छोड़ता है। जबकि हम अपने किसी कार्य के लिए पैसे खर्च करते हैं, तो यह कम एंडोर्फिन छोड़ता है। एंडोर्फिन मन के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इस शोध से यह साफ़ है कि अगर हमें मानसिक शांति और स्थिरता चाहिए, तो हमें अपने मन को प्रसन्न करने के उपाय करते रहना चाहिए।
यह कहावत प्रसिद्ध है कि चिंता और चिता में सिर्फ एक ही बिंदु का फर्क होता है। अगर आप अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहती हैं या प्लानिंग करती रहती हैं, तो सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है।
आप जिस स्थिति में मौजूद हैं, आपको उस पर ध्यान देना चाहिए। भविष्य के बारे में योजना बनाना तो उचित है, पर उन योजनाओं के परिणाम के बारे में वर्तमान में सोचकर चिंता करना गलत है। यह आपके शरीर को किसी धीमे जहर की तरह खोखला करता रहता है।
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