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जापानी वैज्ञानिकों ने तैयार किया एक ऐसा मास्क, जो कोरोना संक्रमण के संपर्क में आते ही चमकने लगेगा

कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए अब किसी बड़े टेस्ट की ज़रुरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि जापान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चमकने वाला मास्क तैयार किया है, जो यूवी रोशनी में संक्रमण का पता लगा सकता है।
जिसको कोरोना की समस्या हो चुकी होती है, उसे खांसी की समस्या बनी रह सकती है। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 14 Dec 2021, 13:39 pm IST
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देश में जब कोरोना वायरस संक्रमण ( Covid-19 ) ने अपना पैर पसारना शुरू किया था तो उसकी जांच करना काफी मुश्किल काम हो रहा था। लक्षणों से अंदाजा लगाने के बाद कई प्रकार के टेस्ट (Covid-19 Testing)  किए जाते थे, जिसमें रैपिड एंटीजेन टेस्ट (rapid antigen test), आरटीपीसीआर (RT PCR) बड़े नाम हैं। तब से लेकर अब तक कोरोना वायरस के अनेक रूप ( corona variant ) देखने को मिले हैं। ऐसे में कैसा रहेगा कि आप का मास्क ( Mask ) ही कोरोना संक्रमित ( Corona Positive)  होने के संकेत दे? जरूर आपको हमारी यह बात मजाक लग रही होगी, लेकिन अब ऐसा होना मुमकिन है।

जल्द ही संक्रमण से बचाव के लिए चेहरे पर लगाए जाने वाला मास्क ( Glowing Face Mask ) ही खतरनाक वायरस का पता लगाने में सक्षम होगा। दरअसल जापानी वैज्ञानिकों (Japanese scientists) ने एक नया फेस मास्क तैयार किया है, जो अल्ट्रावायलेट रेज ( ultraviolet rays) में कोविड-19 का पता लगा लेगा। जापानी वैज्ञानिकों द्वारा इस खोज में शुतुरमुर्ग की एंटीबॉडी ( ostrich antibodies) का इस्तेमाल किया गया। बताया जा रहा है कि अब इस मास्क के जरिए घर पर ही कम लागत में कोरोना वायरस संक्रमण का टेस्ट किया जा सकता है।

भारत में कोरोनावायरस अब भी सक्रिय है। चित्र : शटरस्टॉक

जानिए कैसे किया गया मास्क (Glowing Mask) का परीक्षण 

इस मास्क का फिल्टर शुतुरमुर्ग की एंटीबॉडी (Ostrich antibodies) से तैयार किया गया है, जो कोरोना का पता लगाता है। इस मास्क को ग्लोइंग मास्क के नाम से भी पहचाना जा रहा है।

इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मास्क को बनाने के लिए इस तथ्य पर फोकस किया गया कि पक्षियों में वायरस से निपटने की क्षमता ज्यादा होती है। मास्क के फिल्टर में लगाए गए एंटीबॉडी शुतुरमुर्ग के अंडे (ostrich eggs) से निकाली गई है। इसके बाद एंटीबॉडी को कोरोना के एक निष्क्रिय, गैर-खतरे वाले रूप में इंजेक्ट किया गया। 

जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ( Kyoto Prefectural University) में यासुहिरो त्सुकामोटो (Yasuhiro Tsukamoto)  और उनकी टीम द्वारा की गई इस स्टडी में शामिल प्रतिभागियों ने मास्क को करीब 8 घंटे लगा कर रखा।

कोरोना के संपर्क में आते ही चमकने लगेगा मास्क 

शुतुरमुर्ग के अंडे से एंटीबॉडी लेकर फिल्टर तैयार करने के बाद शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने मास्क पर ऐसे रसायनों का छिड़काव किया है, जो कोरोना की मौजूदगी होने पर अल्ट्रावॉयलेट रोशनी में चमकने लगते हैं। 

कोविड-19 के टेस्‍ट में कुछ ही तरीके इस्तेमाल किये जाते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस मास्क को कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों को पहनाया गया वह मास्क (Glowing Mask)  नाक और चेहरे के पास चमकने लगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमण का पता लगाने के लिए स्मार्टफोन की एलईडी लाइट ( LED Light ) का भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं। फिलहाल वैज्ञानिक ऐसी खोज में लगे हैं, जो बिना रोशनी के अपने आप ही चमक उठे।

जानिए कैसे काम करेगा यह मास्क 

इस ग्लोइंग मास्क ( Glowing Mask) के फिल्टर में खांसने-छींकने और पानी के जरिए कोरोना संक्रमण का पता लगाया गया। जिसके बाद फ्लोरोसेंट डाई-लेबल ( fluorescent dye-label )  वाले फिल्टर में रिएक्शन होता है। और रोशनी में संक्रमण की मौजूदगी चमकने लगती है। 

आपको इस मास्क को किसी भी सामान्य मास्क की तरह ही पहनना है और मास्क पर निकले कणों का उपयोग कोरोना की सक्रियता का पता लगाने के लिए होगा। मास्क को उतार कर यूवी किरणों के नीचे रखते हुए, फ्लोरोसेंट रोशनी ( fluorescent light ) की मौजूदगी में मास्क चमकने लगेगा। शोधकर्ताओं का दावा है कि स्मार्टफोन की एलईडी लाइट को भी प्रकाश स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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अक्षांश कुलश्रेष्ठ

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