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तैयार है भारत की पहली डीएनए वैक्सीन, जानिए इसकी कीमत, लेने का तरीका और वायरस पर इसका प्रभाव

डीएनए वैक्सीन आरएनए वैक्सीन से अलग होती हैं। पर कैसे? कन्फ्यूज न हों, हेल्थशॉट्स पर मिलेगी आपको वह सारी जानकारी, जिसकी आपको जरूरत है।
मूक अल्फा थैलेसीमिया विशेषता को निर्धारित करने का एकमात्र तरीका डीएनए परीक्षण है। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 29 Dec 2021, 15:43 pm IST
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दुनिया के लगभग हर देश में कोरोना वायरस संक्रमण का नया वैरिएंट ओमिक्रोन खतरा बनता जा रहा है। भारत में भी अब तक इसके  600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भले ही संक्रमित व्यक्ति में कुछ खास लक्षण देखने को न मिल रहे हों, लेकिन तेजी से फैलने वाले वैरिएंट ओमिक्रोन  को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इसे लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। इस सब के बीच भारत की पहली डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी (zycov-d vaccine) तैयार हो चुकी है। जानिए यह कैसे काम करेगी और क्या होगा वायरस पर इसका असर। 

वेरिएंट कोई भी हाे, वैक्सीन है जरूरी 

बच्चों के लिए वैक्सीन भारतीय कंपनी जायडस कैडिला ने तैयार की है। चित्र : शटरस्टॉक

कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन सबसे अहम मानी जा रही है, जिसके चलते देश में 16 जनवरी से सफलतापूर्वक टीकाकरण अभियान चल रहा है। हाल ही में एक नई डीएनए वैक्सीन (DNA vaccine) का जिक्र काफी तेज हो गया। दरअसल बीते शनिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए जल्द ही डीएनए वैक्सीन का अभियान शुरू करने के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह डीएनए वैक्सीन कोरोना के खिलाफ काफी असरदार साबित होगी। 

किस वैक्सीन का हो रहा सबसे ज्यादा प्रयोग ? 

भारत में फिलहाल दो स्वदेशी वैक्सीन का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन। इन दोनों के अलावा अब जल्दी ही डीएनए वैक्सीन भी टीकाकरण अभियान का हिस्सा होगी। 

लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर डीएनए वैक्सीन क्या होती है और यह किस तरह काम करती है? भारत में इसकी कीमत क्या होगी? अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो आज हेल्थशॉट्स पर आपको सभी जवाब मिलने वाले हैं।

चलिए पहले जानते हैं कि क्या होती है डीएनए आधारित वैक्सीन ? 

भारत में जो पहली डीएनए वैक्सीन तैयार की गई है, उसका नाम जायकोव-डी (zycov-d vaccine) है। यह वैक्सीन एक प्रकार की प्लाज़्मा डीएनए वैक्सीन है, जो डीएनए के इस्तेमाल से तैयार की गई।

एंटी बॉडी बनाने का काम करती है वैक्सीन। चित्र : शटरस्टॉक

इस वैक्सीन को बॉडी में इंजेक्ट करने के लिए किसी भी प्रकार की सुईं का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार यह वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन से तैयार की गई है, जो कोरोना से शरीर को लड़ने की इम्युनिटी देता है। कंपनी द्वारा साझा कि गई  जानकारी के अनुसार DNA वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 66.6 फीसद से अधिक प्रभावी है।

क्या है RNA और DNA वैक्सीन में अंतर? 

भारत में अभी तक जिन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे सभी RNA आधारित वैक्सीन हैं। RNA वैक्सीन RNA से तैयार होती है, ठीक उसी प्रकार DNA वैक्सीन DNA से।  RNA और DNA यह दोनों वैक्सीन के विकास का सबसे आधुनिक तरीका है। 

इन दोनों पर आधारित वैक्सीन शरीर के आरएनए और डीएनए का इस्तेमाल कर इम्यून प्रोटीन विकसित करती हैं, जो वायरस के संक्रमण को ब्लॉक करने का काम करता है। किसी भी वैक्सीन को बनाने के लिए इस्तेमाल वायरस किस स्ट्रेन के आधार पर मुख्य तौर पर लाइव और किल्ड वैक्सीन भागों में बांटा जाता है। 

बच्चों के लिए असरदार साबित हुई है डीएनए वैक्सीन 

बिना सुई के लगाई जाएगी DNA वैक्सीन। चित्र : शटरस्टॉक

जायकोव-डी वैक्सीन बच्चों पर प्रभावी बताई जा रही है। कंपनी द्वारा ड्रग नियामक को दी गई जानकारी के अनुसार कोरोना के खिलाफ इस वैक्सीन का प्रभाव बच्चों पर काफी असरदार रहेगा। बताया जा रहा है कि बच्चों को इस वैक्सीन की तीन खुराक दी जाएगी और इसे शरीर में लगाने के लिए इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि नए वैरिएंट ओमीक्रोन पर यह वैक्सीन कितनी असरदार हो गई इस पर अभी रिसर्च चल रही है।

भारत में कितना होगा इस वैक्सीन का दाम ?

Zydus Cadila ने भारत सरकार से ZyCoV-D की एक करोड़ खुराक की आपूर्ति करने के लिए $ 3.53(₹ 263.83) प्रत्येक खुराक की कीमत पर एक ऑर्डर प्राप्त किया है। जिसमें सुईं-मुक्त ऐप्लिकेटर की कीमत $ 1.24 (₹93) प्रति खुराक है, जिसमें GST शामिल नहीं है। भारत में यह वैक्सीन की कीमत कितनी होगी या इसको मुफ्त में लगाया जाएगा इस पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

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अक्षांश कुलश्रेष्ठ

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