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बैलेंस डाइट का विकल्प नहीं हैं न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स, इन 5 स्थितियाें में पड़ती है इनकी जरूरत

किसी भी व्यक्ति को न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स खुद से नहीं लेने चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपको किसी तरह के पोषक तत्व की आवश्यकता है, तो इस विषय पर सबसे पहले आपको एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
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बिना चिकित्सकीय परामर्श के सप्लीमेंट लेना जोखिम भरा हो सकता है। चित्र : शटर स्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 8 Dec 2023, 11:17 am IST
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बहुत से लोग विटामिन और मिनरल्स को लेना पसंद करते हैं। क्योंकि सप्लीमेंट्स प्राकृतिक नहीं होते इसलिए बहुत से लोग शरीर में पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए इस विकल्प को उचित नहीं समझते। सप्लीमेंट्स लेना न लेना यह यह किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जरूरत पर निर्भर करता है। लोगों को यह समझने की आवश्यकता है, कि कुछ स्वास्थ्य स्थितियां ऐसी होती हैं, जिसमें पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट्स (nutritional supplements) लेना पड़ता है। न कि आप अपनी नियमित बैलेंस डाइट को सप्लीमेंट से बदल सकती हैं।

न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई हैं। उन्होंने बताया है कि कब और किस स्थिति में हमारे शरीर को इसकी आवश्यकता होती है। हमें उसी अनुसार अपने शरीर को सप्लीमेंट्स देने चाहिए। साथ ही एक्सपर्ट ने यह भी कहा है, की भूल कर भी बैलेंस डायट की जगह न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स (nutritional supplements) न लें।

सप्लीमेंट लेने से पहले यह भी जान लें

किसी भी व्यक्ति को न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स (nutritional supplements) खुद से नहीं लेने चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपको किसी तरह के पोषक तत्व की आवश्यकता है, तो इस विषय पर सबसे पहले आपको एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। आज हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ कंडीशंस के बारे में जिनमें आपको न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स की आवश्यकता हो सकती है। इन पॉइंट्स को समझें और यदि आपको न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स की जरूरत महसूस हो तो अपने मेडिकल हेल्थ केयर प्रोवाइडर द्वारा प्रिसक्राइब्ड सप्लीमेंट्स (nutritional supplements) ले सकती हैं।

किसी भी सप्लीमेंट को डॉक्टर के सलाह के वगैर न लें. चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें किस स्थिति में पड़ती है न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स की आवश्यकता

1. न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसी

कई ऐसे फैक्टर हैं, जैसे कि सॉइल डिप्लीशन, ओवरफार्मिंग और सॉइल एरोजन जिसकी वजह से आवश्यक खाद्य पदार्थों में जरूरी मिनरल्स की कमी पाई जाती है। इस स्थिति में शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता और आपको सप्लीमेंटेशन की आवश्यकता पड़ सकती है। उपयुक्त फैक्टर्स की वजह से जिंक, सेलेनियम, क्रोमियम जैसे कुछ जरूरी मिनरल्स की कमी देखने को मिलती है, यह सभी पोषक तत्व समग्र सेहत के लिए बेहद मायने रखते हैं।

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2. एंटीऑक्सीडेंट की बढ़ती आवश्यकता

इस मॉडर्न लाइफ में हर व्यक्ति तमाम प्रकार के टॉक्सिंस, पोल्यूटेंट्स और स्ट्रेससर्स का सामना कर रहा है। इस स्थिति में हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। यह सभी फैक्टर हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स और टाक्सीसिटी को बढ़ा देते हैं। जिसकी वजह से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों की कमी की वजह से हमारा शरीर इन फैक्टर से लड़ नहीं पाता, जिसकी वजह से हम सभी को एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट की आवश्यकता पड़ती है।

3. डाइटरी चेंज भी हो सकते हैं इसके लिए जिम्मेदार

खान पान की आदतों में बदलाव आना जैसे कि रिफाइंड, कार्बोहाइड्रेट, ऐडेड शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन या अत्यधिक स्ट्रीट और रेस्टुरेंट फूड्स से शरीर में मौजूद पोषक तत्व असंतुलित हो सकते हैं। साथ ही साथ यह सभी खाद्य पदार्थ शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को भी प्रभावित करते हैं, जिसकी वजह से न्यूट्रिशन डिफिशिएंसी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में न्यूट्रिएंट सप्लीमेंट्स पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने और उनके संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हो जाते हैं।

हर उम्र में सही पोषण है जरूरी। चित्र:शटरस्टॉक

4. मेडिकल कंडीशन

कुछ प्रकार की बीमारी और मेडिकल कंडीशन ऐसे होते हैं, जब आपका शरीर खाद्य स्रोत के माध्यम से पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता और शरीर खुद के द्वारा किसी भी प्रकार के पोषक तत्व का उत्पादन नहीं कर पाता। इस स्थिति में शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा को बनाए रखने के लिए न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो जाता है।

कई मेडिकल कंडीशंस ऐसे हैं, जिसमें शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन और मिनरल्स की आवश्यकता होती है, खासकर विटामिन सी और जिंक। जिन्हें बढ़ाने के लिए न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स लेने पड़ते हैं।

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5. एक्सरसाइज और स्ट्रेस

नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और अधिक स्ट्रेस लेने से शरीर में मौजूद पोषक तत्व प्रभावित होते हैं। साथ ही साथ पोषक तत्वों का अवशोषण भी पूर्ण रूप से नहीं हो पता। इसके अलावा इन दोनों ही स्थिति में बॉडी को संतुलित रूप से कार्य करने के लिए कुछ प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है, जिसे खाद्य स्रोत पूरा नहीं कर पाते और हमें सप्लीमेंट्स लेना पड़ता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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