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ये 5 संकेत बताते हैं की आपके शरीर में बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल का स्तर, भूलकर भी न करें इन्हें नजरअंदाज

शरीर की आवश्यकता अनुसार लीवर कोलेस्ट्रॉल प्रोड्यूस करता है। वहीं दूसरा तरीका है आपकी नियमित डाइट। शरीर में कोलेस्ट्रोल का बढ़ता स्तर हृदय रोग का कारण बनता है, साथ ही कई अन्य समस्याएं भी खड़ी कर सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए वसायुक्त भोजन को कम करने का प्रयास करें। चित्र: शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 23 Dec 2023, 21:43 pm IST
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कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वैक्सि सब्सटांस है, जो असल में सेहत के लिए हानिकारक नहीं होता। शरीर शरीर को सेल्स बिल्डिंग, विटामिन और अन्य बॉडी हॉर्मोन्स को बनाने में इसकी आवश्यकता होती है। जिस प्रकार किसी भी चीज की अधिकता उचित नहीं है, ठीक उसी प्रकार यदि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, तो यह आपकी सेहत को तमाम रूपों में नुकसान पहुंचा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल दो माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं। पहला सोर्स है लीवर, आपके शरीर की आवश्यकता अनुसार लीवर कोलेस्ट्रॉल प्रोड्यूस करता है। वहीं दूसरा तरीका है आपकी नियमित डाइट। शरीर में कोलेस्ट्रोल का बढ़ता स्तर हृदय रोग का कारण बनता है, साथ ही कई अन्य समस्याएं भी खड़ी कर सकता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ने (Symptoms of rising cholesterol) पर नजर आने वाले शारीरिक संकेतों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।

यह संकेत बताते हैं बढ़ गया है आपका कोलेस्ट्रॉल (Symptoms of rising cholesterol)

1. हाई ब्लड प्रेशर 

बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर से ब्लड वेंस में प्लाक जमा होने लगता है, जिससे कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। वहीं इस स्थिति में चेस्ट पेन, सिर दर्द, थकान, सुस्ती, सांस लेने में तकलीफ, वॉमिटिंग, आदि जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना जरुरी है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. चेस्ट पेन और रैपिड हार्टबीट

यदि आपको बार-बार सीने में दर्द का एहसास होता है, या आपकी हार्टबीट बढ़ी रहती है, तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल की निशानी हो सकती है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है, और हार्ट को ब्लड पंप करने में परेशानी होती है। जिसकी वजह से चेस्ट पेन का एहसास होता और हार्टबीट भी बढ़ी रहती हैं। इस लक्षण को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।

3. त्वचा की रंगत में बदलाव आना

शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बढ़ने से ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिसका सीधा असर त्वचा की रंगत पर नजर आता है। ब्लड फ्लो के कम होने से बॉडी सेल्स को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्रदान नहीं होते, साथ ही साथ ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यह फैक्टर्स त्वचा के रंगत में बदलाव का कारण बनते हैं।

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4. पैरों का ठंडा पड़ना

घर में तो हम तौर पर लोगों का पर ठंडा पड़ जाता है परंतु यदि सर्दियों में भी आपके पैर ठंडे रह रहे हैं तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है पैरों का ठंडा पादना पद का एक लक्षण है परंतु जरूरी नहीं किया हमेशा पेड़ हो ऐसा कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से भी होता है इसलिए इसे नजरअंदाज ना करें और डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

गर्म कपड़े या ठंडे पानी की सिकाई से पैर के दर्द को कम किया जा सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. पैरों में दर्द रहना

शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर से बॉडी में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जिसकी वजह से पैरों में दर्द का एहसास होता है। बढ़ता कोलेस्ट्रॉल पेरीफेरल आईटीएल डिजीज (PAD) का कारण बनता है। इस स्थिति में आर्टिरीज ब्लॉक हो जाती हैं, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है। यह सभी फैक्टर्स पैरों में दर्द का कारण बनते हैं। जब आप स्थाई रूप से बैठी रहती हैं, तो यह कम हो जाता है और जैसे ही आप चलना, फिरना और शारीरिक गतिविधियां करना शुरू करती हैं, यह वापस से बढ़ जाता है।

जानें कैसे रखना है कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित

डाइट में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की मात्रा को सीमित रखें। इससे बैड कोलेस्ट्रोल के बढ़ते स्तर के कंट्रोल करना आसान हो जाता है। इसके साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह कोलेस्ट्रॉल को कम कर हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को सामान्य रखते हैं, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। सॉल्युबल फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की राजमा, ओटमील, स्प्राउट्स, सेब, बेर आदि भी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करते हैं। इतना ही नहीं खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण पाने के साथ-साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी बेहद महत्वपूर्ण है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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